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क्या रोजगार बनेगा नक्सलवाद का तोड़, सीएम और राज्यपाल की राय कितनी आएगी काम ?

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Published : Nov 17, 2020, 10:35 AM IST

Updated : Nov 17, 2020, 10:52 AM IST

छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद का नासूर यहां की धरती को लहूलुहान करता रहा है. पूर्व की बीजेपी सरकार हो या वर्तमान की भूपेश सरकार, नक्सलवाद के दंश से दोनों ही अछूते नहीं रहे. अब आज नक्सलवाद की समस्या को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करने वाले हैं. वहीं राज्यपाल अनुसुइया उइके भी नक्सलवाद को लेकर अपनी चिंता जाहिर कर चुकी हैं. सबसे बड़ी बात तो ये है कि दोनों ने नक्सलियों से निपटने का एक ही हल सुझाया है.. जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर..

Will employment be a break for Naxalism?
क्या रोजगार बनेगा नक्सलवाद का तोड़ ?

रायपुर: छत्तीसगढ़ में सरकारें आईं और गईं, लेकिन नक्सलवाद की समस्या आज भी जस की तस है. नक्सलवाद का नासूर वक्त-वक्त पर प्रदेश की धरती को लहूलुहान करता रहा है और लाल आतंक के कारण जवान अपनी शहादत देते रहे हैं.

इस समस्या को लेकर आज मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने दिल्ली दौरे के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करने वाले हैं. कल राज्यपाल अनुसुइया उइके ने भी अपने गृह नगर छिंदवाड़ा के दौरे के दौरान नक्सलवाद पर खुलकर बात की.

कहीं तो मिले सुर

वैसे तो सीएम भूपेश बघेल और राज्यपाल अनुसुइया उइके की राय कई मुद्दों पर जुदा रह चुकी है, लेकिन दोनों ने नक्सलवाद से निपटने का एक ही हल सुझाया है और वो है रोजगार मुहैया कराना.

क्या रोजगार बनेगा नक्सलवाद का तोड़ ?

राज्यपाल ने सुझाई राह

दिवाली मनाने अपने गृह जिले छिंदवाड़ा आईं छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुइया उइके ने ETV भारत से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने छत्तीसगढ़ में फल-फूल रहे नक्सलवाद और उसे रोकने के लिए हो रहे सरकारी प्रयासों पर चर्चा की. राज्यपाल ने कहा कि उनका प्रयास है कि छत्तीसगढ़ जल्द ही नक्सल मुक्त राज्यों की श्रेणी में हो.

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राज्यपाल अनुसुइया उइके ने बताया कि पिछले कुछ महीनों में देखा गया है कि छत्तीसगढ़ में अब नक्सली खून-खराबे से परहेज करने लगे हैं और ये हुआ है रोजगार के कारण. उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में नक्सली आत्मसमर्पण कर रहे हैं. उन्हें मुख्यधारा से जोड़ने के लिए सरकार ने भी कई कदम उठाए हैं. उनके इलाकों में रोजगार भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं और मूलभूत सुविधाओं का भी ध्यान रखा जा रहा है.

सीएम भूपेश की भी वही डगर

इधर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करने वाले हैं. मीटिंग में नक्सली का मुद्दा प्रमुख होगा. इससे पहले सीएम ने गृह मंत्री अमित शाह को खत लिखकर नक्सलवाद खत्म करने को लेकर सुझाव दिए हैं. सीएम ने नक्सलवाद के सामने रोजगार के अवसर मुहैया कराने का सुझाव दिया है.

हालांकि लगे हाथों उन्होंने छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद फैलाने के लिए पूर्व की भाजपा सरकार पर ठीकरा फोड़ दिया. उन्होंने कहा कि, '15 साल सत्ता में रहने के बाद भी भाजपा इस समस्या को खत्म नहीं कर पाई. जैसे-जैसे इलाज करते गए, मर्ज और बढ़ता. बीजेपी की सरकार में बीमारी बढ़ती गई . पहले 3 ब्लॉक में नक्सलवाद था, आज 14 जिलों में फैल गया और यही भाजपा की उपलब्धि है'.

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राज्यपाल और मुख्यमंत्री दोनों ने केंद्र की भूमिका को बताया अहम

राज्यपाल अनुसुइया उइके ने बताया कि छत्तीसगढ़ में नक्सलियों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से लेकर राज्य की सरकार प्रयास कर रही है, हालांकि कोरोना काल के दौरान काम थोड़ा धीमा हुआ है, लेकिन अब फिर से इलाकों में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराकर लोगों को मुख्यधारा से जोड़ा जाएगा, ताकि लोग गलत रास्ता अख्तियार न कर सकें.

वहीं सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि ये लड़ाई केंद्र और राज्य की नहीं है, दोनों को साथ मिलकर लड़ना होगा. कई बार नक्सलवाद के मुद्दे को लेकर बैठक हुई है और फोन पर भी बातचीत होती है. विश्वास, विकास और सुरक्षा को लेकर चलेंगे, तो सफलता मिलेगी. उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों में बड़ी संख्या में रोजगार के अवसरों का सृजन करने का सुझाव केंद्रीय गृहमंत्री को दिया है, जिससे नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के बेरोजगार लोग विवश होकर नक्सली समूहों में शामिल न हों.

दूसरे प्रदेशों के नक्सली आकर आदिवासियों के हाथों में थमा देते हैं बंदूकें- राज्यपाल

राज्यपाल अनुसुइया उइके ने ETV भारत से बातचीत में कहा कि छत्तीसगढ़ के आदिवासी भोले-भाले हैं. आज भी आदिवासी इलाकों में विकास की कमी है, जिसे ढाल बनाकर दूसरे प्रदेश के नक्सली इनके हाथों में बंदूक थमा देते हैं. उनके लिए राजभवन से भी सरकारों से समय-समय पर चिंता जाहिर करते हुए उन्हें मुख्यधारा से जोड़ने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं.

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रोजगार बड़ा हथियार

कुल मिलाकर राज्य सरकार किसी भी हाल में नक्सलवाद का जड़ से समाधान चाहती है और इसमें राज्यपाल और मुख्यमंत्री दोनों ने रोजगार को एक बड़ा हथियार बताया है. बहरहाल आज केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ बैठक में नक्सली मुद्दे पर सहयोग को लेकर चर्चा होगी और आगे की रणनीति बनाई जाएगी.

हालांकि फिलहाल बस्तर में CRPF के 5 बटालियन के लिए केंद्र सरकार की ओर से हरी झंडी मिल गई है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खात्मे के लिए केंद्र सरकार से 7 अतिरिक्त CRPF बटालियन की मांग की थी. इस पर अब CRPF के पांच बटालियन के लिए केंद्र सरकार की ओर से हरी झंडी मिल गई है. बस्तर में 5 बटालियन की तैनाती के लिए केंद्र सरकार ने आदेश दिए हैं. इन 5 बटालियन में 4 बटालियन की तैनाती बस्तर में की जाएगी.

पचास हजार जवान बस्तर संभाग में तैनात

बस्तर संभाग में वर्तमान में नक्सल मोर्चे पर 50 से भी अधिक बटालियन को तैनात किया गया है. एक बटालियन में 1000 जवानों के हिसाब से कुल पचास हजार जवान बस्तर संभाग में तैनात किए गए हैं. वहीं अब चार अतिरिक्त CRPF बटालियन मिलने से 4000 और जवानों का इजाफा होगा. वहीं राज्य सरकार का मानना है कि ज्यादा जवानों की तैनाती से निश्चित तौर पर बस्तर में नक्सलवाद बैकफुट पर होगा. अब बस्तर के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों का विकास हो सकेगा.

Last Updated :Nov 17, 2020, 10:52 AM IST
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