ETV Bharat / state

राम वन गमन पथ: माता सीता की रसोई और राम-लक्ष्मण की गुफाएं भी संवारेंगी छत्तीसगढ़ सरकार

author img

By

Published : Aug 4, 2020, 6:45 PM IST

Updated : Aug 4, 2020, 7:13 PM IST

राम वन गमन पथ
राम वन गमन पथ

राम वन गमन पथ के तहत भगवान राम के वनवास काल से संबंधित स्थानों को छत्तीसगढ़ सरकार संवार रही है. इसमें कोरिया जिले का सीतामढी-हरचौका और सरगुजा का रामगढ़ भी विकसित किया जाएगा.

रायपुर: छ्त्तीसगढ़ में भगवान राम के वनवास काल से संबंधित जिन स्थानों को पर्यटन-तीर्थ के रूप में राज्य सरकार विकसित कर रही है, उनमें कोरिया जिले का सीतामढी-हरचौका और सरगुजा का रामगढ़ भी शामिल है. रामगढ़ की प्रसिद्धि विश्व की प्राचीनतम नाट्यशाला के लिए भी है. महाकवि कालिदास ने अपनी कालजयी कृति मेघदूतम की रचना यहीं पर की थी.

राम वन गमन पथ
राम वन गमन पथ

वनवास के दौरान भगवान राम ने कोरिया जिले से ही छत्तीसगढ़ में प्रवेश किया था. भरतपुर तहसील के जनकपुर में स्थित सीतामढ़ी-हरचौका को उनका पहला पड़ाव माना जाता है. मवाई नदी के किनारे स्थित सीतामढ़ी-हरचौका की गुफा में 17 कक्ष है. इसे सीता की रसोई के नाम से भी जाना जाता है. वहां एक शिलाखंड है, जिसे लोग भगवान राम का पद-चिन्ह मानते हैं. मवाई नदी तट पर स्थित गुफा को काट कर 17 कक्ष बनाए गए हैं, जिनमें शिवलिंग स्थापित है. इसी स्थान को हरचौका (रसोई) के नाम से जाना जाता है.

घाघरा से रामगढ़ पहाड़ी पहुंचे थे

भगवान राम हरचौका से रापा नदी के तट पर स्थित सीतामढ़ी-घाघरा पहुंचे थे. यहां करीब 20 फीट ऊपर 4 कक्षों वाली गुफा है, जिसके बीच में शिवलिंग स्थापित है. आगे की यात्रा में वे घाघरा से निकलकर कोटाडोला होते हुए सरगुजा जिले की रामगढ़ पहाड़ी पहुंचे थे. यह अम्बिकापुर-बिलासपुर मार्ग पर स्थित है. इसे रामगिरि भी कहा जाता है.

मेघदूतम में इसी स्थान के दृश्यों का अंकन

महाकवि कालिदास के मेघदूतम में इसी स्थान के दृश्यों का अंकन हुआ है. वनवास के दौरान श्रीराम ने पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ यहां कुछ दिन बिताए थे. इसीलिए वहां स्थित गुफाएं लोक में उन्हीं के नाम से जानी जाती हैं. राम के तापस्वी वेश के कारण एक का नाम जोगीमारा, दूसरे का सीता बेंगरा और एक अन्य का लक्ष्मण गुफा पड़ गया.

137 करोड़ 45 लाख रुपये की कार्ययोजना

भगवान राम के वनवास काल से संबंधित स्थानों को पर्यटन-तीर्थ के रूप में विकसित करना छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना है. इसके लिए राम वन गमन परिपथ तैयार किया जा रहा है. राज्य शासन ने राम भगवान से संबंधित 75 स्थानों का चयन किया है. पहले चरण में इनमें से 9 स्थानों का सौंदर्यीकरण और विकास किया जा रहा है. इसके लिए 137 करोड़ 45 लाख रुपये की कार्ययोजना तैयार की गई है. इस परिपथ में अच्छी सड़कें समेत विभिन्न तरह की नागरिक सुविधाएं भी विकसित की जाएंगी. साथ ही इसके माध्यम से लोगों को रोजगार भी उपलब्ध होंगे.

Last Updated :Aug 4, 2020, 7:13 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.