ETV Bharat / state

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023: नवा रायपुर के किसानों का आंदोलन बिगाड़ सकता है सूबे का सियासी समीकरण

author img

By

Published : Jan 28, 2022, 10:49 PM IST

Raipur farmer movement: प्रदेश के नवा रायपुर में 27 गांवों के किसानों का लगातार आंदोलन छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव का सियासी समीकरण बिगाड़ सकता है. यह आंदोलन बीते 3 जनवरी से जारी है. अब तक किसी भी राजनीतिक दलों ने इस आंदोलन को खत्म कराने की कोशिश नहीं की है. ऐसे में आने वाले दिनों में यह आंदोलन राजनीतिक दलों का सियासी गणित बिगाड़ सकता है.

naya raipur farmer movement
नया रायपुर का किसान आंदोलन

रायपुर: प्रदेश के नवा रायपुर में 27 गांवों के किसान अपनी मांगों को लेकर 3 जनवरी से आंदोलनरत हैं. ये आंदोलन धीरे-धीरे व्यापक होता जा रहा है. जिन 27 गांव के किसान इस आंदोलन में शामिल हैं, उनमें से 10 गांव अभनपुर विधानसभा क्षेत्र और 17 गांव आरंग विधानसभा क्षेत्र के हैं. खास बात यह है कि इन दोनों ही विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस के ही विधायक जीत कर आए हैं. इस आरंग विधानसभा क्षेत्र के विधायक शिव डहरिया प्रदेश के कद्दावर मंत्री पद पर भी आसीन हैं. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता धनेंद्र साहू अभनपुर क्षेत्र के विधायक हैं. आने वाले दिनों में प्रदेश में चुनाव होने हैं ऐसे में यह आंदोलन दोनों सीटों पर अपना असर दिखा सकता है.

नया रायपुर का किसान आंदोलन

दोनों विधानसभा क्षेत्र पर पड़ेगा प्रभाव

किसानों के इस आंदोलन से सीधे तौर पर दोनों विधानसभा क्षेत्र का सियासी समीकरण प्रभावित हो रहा है. जानकारों की मानें तो यह आंदोलन आगामी विधानसभा चुनाव तक चलता रहा, तो यह इन दोनों विधानसभा क्षेत्र के उम्मीदवारों के लिए बड़ा सिरदर्द साबित हो सकता है. आंदोलनरत किसान नेताओं ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यह आंदोलन भी दिल्ली के तर्ज पर सालों साल जारी रहेगा, जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जाती. वर्तमान में नाराज आंदोलनकारी किसानों के निशाने पर सत्ता पक्ष कांग्रेस और प्रमुख विपक्षी दल बीजेपी दोनों के नेता हैं.

बिगड़ सकता है सियासी गणित

जानकारों के मुताबिक अभनपुर विधानसभा क्षेत्र के 10 गांव के लगभग 12000 मतदाता हैं. जो आंदोलन से जुड़े हए हैं. जो किसी भी प्रत्याशी की हार जीत तय करने के लिए अहम साबित हो सकते हैं. इसी तरह जो 17 गांव आरंग विधानसभा क्षेत्र के हैं. वहां पर भी करीब 20000 मतदाता अपने मत का प्रयोग विधानसभा चुनाव में करेंगे. ऐसे में जानकारों का मानना है कि ये वोटर इन पार्टियों के समीकरण बनाने और बिगाड़ सकते हैं. ऐसे में इन किसानों को लंबे समय तक नाराज रखना राजनीतिक दलों के लिए ठीक नहीं होगा.

आरंग और अभनपुर विधानसभा क्षेत्र के किसान अधिक प्रभावित

राजनीतिक विश्लेषक शशांक शर्मा का कहना है कि सबसे ज्यादा प्रभावित आरंग और अभनपुर विधानसभा क्षेत्र के किसान हैं. किसानों की नाराजगी केवल मुआवजे तक सीमित नहीं रह गई है. इसमें कई अन्य चीजें भी शामिल होगी. अगर जल्द इसका समाधान नहीं खोजा गया तो स्थिति और खराब हो सकती है. पहले सरकार ने अन्य टाउनशिप के लिए जमीन अधिग्रहण किया था. वहां पर भी किसानों की जमीन ली गई है. वहां भी आंदोलन बढ़ेगा और अन्य जगह टाउनशिप के लिए जो भूमि अधिग्रहण किया गया था. वहां के लोग भी आंदोलन कर सकते हैं. आने वाले समय में राजनीतिक दृष्टि से सरकार के लिए यह बड़ी चुनौती होगी. अभनपुर विधानसभा और आरंग विधानसभा क्षेत्र में प्रत्यक्ष रूप से एक चुनौती दिख रही है. लेकिन चुनाव को अभी समय है. इस बीच अगर सरकार कोई रास्ता निकाल लेती है तो मुश्किलें आसान हो जाएगी.

यह भी पढ़ेंः नवा रायपुर में कई दिनों से जारी है किसानों का आंदोलन, जानिए क्या है वजह ?

आंदोलन की पृष्ठभूमि समझनी होगी

शशांक शर्मा ने कहते हैं कि आंदोलन किसलिए हो रहा है यह समझना होगा. जिस समय किसानों से भूमि ली गई. उस समय भूमि अधिग्रहण कानून नहीं था, जो बाजार दर से 4 गुना अधिक दर देने की बात करता है. उस समय किसानों से बहुत कम कीमत पर जमीन सरकार ने ले ली और जिस तरह से नया रायपुर का बसना चाहिए था. शहर का आकार लेना चाहिए था, वह 15 साल में नहीं ले पाया. जो किसान वहां रह गए हैं, उन्हें लगता है कि उनकी जमीन जिस तरह बढ़नी चाहिए थी, उनके लोगों को रोजगार मिलना चाहिये था. स्वरोजगार के बहाने वे अपनी दुकानें संचालित कर सकते थे. उसका फायदा मिल सकता था. वह फायदा नहीं मिल रहा है. इसका भी रोष किसानों के अंदर है. सबसे महत्वपूर्ण बात दिल्ली में किसानों का जो आंदोलन हुआ उसकी सफलता से किसान उत्साहित हैं.

किसानों के आंदोलन का फायदा विपक्ष को मिल सकता है

बरहाल चुनाव में अभी समय है. ऐसे में देखना यह होगा इन किसानों की मांगों को गंभीरता से लेते हुए सरकार इनकी नाराजगी दूर करने की कोशिश करती है या नहीं.अगर ऐसा हुआ तो, निश्चित ही यह आरंग और अभनपुर विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस प्रत्याशियों के हित में होगा. वरना इस नाराजगी का फायदा बीजेपी या अन्य दल के प्रत्याशियों को भी मिल सकता है.

आरंग विधानसभा क्षेत्र के प्रभावित गांव

  • नवागांव
  • खपरी
  • राखी
  • झांझ
  • फसाबांधा
  • बरौंदा
  • चीचा
  • रीको
  • सेंध
  • कोटराभांठा
  • परसदा
  • पलौद
  • कुहेरा
  • तांदुल
  • कोटनी
  • छतौना
  • नवागांव (खु)

अभनपुर विधानसभा क्षेत्र के प्रभावित गांव

  • तूता
  • उपरवार
  • खंडवा
  • भेलवाडीह
  • पचेड़ा
  • कुर्रु
  • पौता
  • चेरिया
  • बंजारी
  • तेंदुआ
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.