ETV Bharat / state

दो महीने से नहीं बढ़े पेट्रोल-डीजल के दाम, क्या पांच राज्यों में चुनाव का है असर ?

author img

By

Published : Jan 16, 2022, 8:03 PM IST

Politics continues on the price of petrol and diesel
दो माह से नहीं बढे पेट्रोल-डीजल के दाम

Politics on petrol diesel price in Chhattisgarh: बीते दो माह से छत्तीसगढ़ में पेट्रोल-डीजल की कीमतें नहीं बढ़ी है. जानकार इसे पांच राज्यों में होने वाले चुनाव का असर बता रहे हैं.

रायपुर: दो महीने से बढ़ रही पेट्रोल-डीजल की कीमतों ने छत्तीसगढ़ की सियासत में उथल-पुथल मचा दिया था. पेट्रोल-डीजल की कीमतों को लेकर हर पार्टी सियासत कर रही थी. इस बीच केंद्र ने एक्साइज ड्यूटी कम करते हुए पेट्रोल-डीजल के दामों में थोड़ी राहत जरूर दी थी. इतना ही नहीं कुछ राज्य सरकारों ने भी एक्साइज ड्यूटी कम किया था. भाजपा शासित राज्यों ने तो पेट्रोल-डीजल पर लगाने वाले एक्साइज ड्यूटी को कम कर दिया था. लेकिन कांग्रेस शासित राज्यों में एक्साइज ड्यूटी में ज्यादा कटौती नहीं की गई. जिसके बाद भाजपा ने छ्त्तीसगढ़ में दाम न घटाने को लेकर विरोध भी किया था. हालांकि मौजूदा समय में कीमतें दो माह से नहीं बढ़ी है और ना ही घटी है, जिससे आम लोग राहत में है.

दो माह से नहीं बढे पेट्रोल-डीजल के दाम

क्यों नहीं बढ़ रहे पेट्रोल डीजल के दाम

ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर क्या वजह है कि देश में पेट्रोल-डीजल के दाम स्थिर हैं, जबकि कुछ समय पहले तक तेलों की बढ़ती कीमतों की वजह से देश में हाहाकार मचा हुआ था. राजनीतिक दल भी सरकार पर डीजल,पेट्रोल के दाम कम करने का दबाव बना रहे थे.

यह भी पढ़ेंः Corona Third Wave Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में मिले 5525 कोरोना संक्रमित, 8 लोगों की मौत

केंद्र सहित राज्य सरकारों ने कम किया है वैट

लगातार बढ़ रहे कीमतों के बीच केन्द्र सरकार ने एक्साइज ड्यूटी कम करते हुए पेट्रोल-डीजल के दामों में थोड़ी राहत जरूर दी थी. जिसके बाद भाजपा शासित राज्यों में भी पेट्रोल-डीजल की कीमतों को कम कर दिया गया.

दो माह से दाम हैं स्थिर

बात अगर छत्तीसगढ़ की करें तो यहां भी पेट्रोल-डीजल के दाम लगभग 2 महीने से ज्यादा समय से स्थिर बने हुए हैं. पेट्रोल पंप के मैनेजर पुरुषोत्तम मिश्रा का कहना है कि 4 नवंबर को राज्य सरकार द्वारा वैट में कुछ कमी की गई थी. उसके बाद से लेकर अब तक पेट्रोल-डीजल के दाम स्थिर हैं. यानी कि इनके दामों में न तो एक पैसे की बढ़ोतरी की गई है और ना ही एक पैसा घटाया गया है. वर्तमान में पेट्रोल 101.11 रुपये और डीजल 92.33 रुपये प्रति लीटर है.

केंद्र सरकार करती है कीमत को नियंत्रित

इस विषय में कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर का कहना है कि जो केंद्र सरकार पहले अंतर्राष्ट्रीय बाजार का हवाला देते हुए रोज पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ा रही थी. आज वही केंद्र सरकार पेट्रोल-डीजल के दाम स्थिर रखे हुए हैं. यानी कि पेट्रोल-डीजल के दाम अंतरराष्ट्रीय बाजार नहीं बल्कि केंद्र सरकार नियंत्रित करती है.

चुनाव के कारण नहीं बढ़ रहे दाम

पांच राज्यों में चुनाव होने हैं. जिसे देखते हुए पेट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ोतरी नहीं की गई है. उनके दाम स्थिर रखे गए हैं. कांग्रेस का सीधा आरोप है कि देश में बढ़ती महंगाई और पेट्रोल-डीजल के दामों में हो रही बढ़ोतरी के लिए केंद्र की मोदी सरकार जिम्मेदार है.

राज्य सरकार ने वैट पर महज 70 पैसे कम किया

पेट्रोल-डीजल की कीमत पर भाजपा नेता गौरीशंकर श्रीवास ने राज्य सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि लगभग 2 माह से पेट्रोल-डीजल के दाम नहीं बढ़े हैं. जो देश की जनता के लिए राहत की बात है. कांग्रेस सरकार से सवाल करते हुए उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों की इस सरकार ने वैट को कम क्यों नहीं किया? उत्तर प्रदेश में 12 रुपये, कर्नाटक में 12 रुपये, महाराष्ट्र में 12 रुपये और बिहार जैसे राज्य में लगभग डेढ़ रुपए वैट कम किया गया है. लेकिन छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने महज 60-70 पैसे वैट कम किया है.

यह भी पढ़ेः कोरोना होम टेस्टिंग किट: कैसे होता है इसका इस्तेमाल, एक्सपर्ट से समझिए

भाजपा का दावा इंटरनेशनल बाजार तय करता है कीमत

भाजपा नेता गौरीशंकर ने कहा कि आज जो पेट्रोल-डीजल के दाम स्थिर हैं. वह अंतरराष्ट्रीय बाजार के कारण हैं.आने वाले समय में यदि कच्चे तेल के दाम में कमी आएगी, तो डीजल-पेट्रोल के दाम और भी कम होंगे. केंद्र सरकार अपनी जिम्मेदारी पूरी ईमानदारी से निभा रही है. क्या राज्य सरकार अपनी जिम्मेदारी निभा रही है?

पेट्रोल-डीजल की कीमत से बढ़ती है मंहगाई

कारण चाहे जो भी हो लेकिन लगभग 2 महीने से ज्यादा समय बीतने के बावजूद अब तक देश में पेट्रोल-डीजल के दाम नहीं बढ़े हैं. जिस वजह से देश की जनता को बड़ी राहत मिली है. साथ ही पेट्रोल-डीजल के दाम न बढ़ने की वजह से कहीं ना कहीं कुछ हद तक ही सही महंगाई पर भी लगाम लगी है. क्योंकि पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने से इसका सीधा असर वस्तुओं के परिवहन पर पड़ता है. जब परिवहन महंगा होता है तो इससे वस्तुओं के दाम बढ़ते हैं.

चुनाव के बाद बढ़ सकती है कीमत!

ऐसा माना जा रहा है कि पांच राज्यों में चुनावी माहौल को देखते हुए पेट्रोल-डीजल के दाम स्थिर रखे गए हैं. यदि वाकई में चुनाव की वजह से पेट्रोल-डीजल के दाम स्थिर रखे गए हैं, तो क्या चुनाव परिणाम आने के बाद देश में अचानक से पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ जाएंगे यह सवाल भी उठ रहा है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.