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छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण पर आर-पार, बीजेपी के प्रदर्शन से फिर सुलगी सियासत !

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Published : Sep 28, 2021, 9:34 PM IST

Updated : Sep 28, 2021, 9:46 PM IST

छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण का मुद्दा (Issue Of Conversion) बीजेपी अपने लिए अमृत मानकर चल रही है. बीजेपी (BJP) को लगता है कि प्रदेश में धर्मांतरण के मुद्दे (Issue Of Conversion) से वह चुनाव में लाभ ले सकती है. लेकिन कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी के पास कोई जनहितैषी मुद्दा नहीं है. इसलिए बीजेपी इसे भुनाने की कोशिश कर रही है.

politics on conversion in chhattisgarh
धर्मांतरण पर सुलगी सियासत !

रायपुर: छत्तीसगढ़ में इन दिनों धर्मांतरण का मुद्दा (Issue Of Conversion) बीजेपी और कांग्रेस के बीच बयानबाजी का विषय बना हुआ है. भाजपा लगातार धर्मांतरण कराने वालों के खिलाफ सड़क पर उतरकर लड़ाई लड़ रही है. इस मुद्दे पर बीजेपी का कहना है कि धर्मांतरण करवाने वालों के खिलाफ सरकार कार्रवाई नहीं कर रही है. वहीं सरकार का भी अपना पक्ष है. सरकार का कहना है कि, भाजपा सबूत लाकर दे, अगर धर्मांतरण (Conversion) हो रहा है तो एफआईआर करवाएं, हम 24 घंटे के अंदर उस पर कार्रवाई कराएंगे. लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि भाजपा के पास मुद्दा नहीं है. इस वजह से धर्मांतरण के मुद्दे को लेकर भाजपा, भूपेश सरकार (Bhupesh Government) को घेरने की कोशिश कर रही है. विशेषज्ञों का कहना है कि धर्मांतरण आज का मुद्दा नहीं है बल्कि 40-50 साल से छत्तीसगढ़ के आदिवासी क्षेत्र में यह होता आया है. लेकिन अब धर्मांतरण शहरी क्षेत्रों में भी फैल रहा है.

धर्मांतरण पर सुलगी सियासत !

बघेल सरकार पर धर्मांतरण को बढ़ावा देने का आरोप

5 सितंबर को धर्मांतरण के मामले को लेकर पुरानी बस्ती थाना (Old Basti Police Station) क्षेत्र में दोनों गुटों में मारपीट हुई थी. 5 सितंबर को रायपुर के भाटागांव में धर्मांतरण (Conversion in Bhatagaon) मामलों को लेकर बलवा हुआ था. जिसके बाद पुरानी बस्ती थाना पुलिस ने समुदाय विशेष के प्रमुख को पूछताछ के लिए थाने बुलाया था. उसके बाद दूसरे गुट के लोग भी थाने आ गए और थाने में ही मारपीट शुरू हो गई. जिसके बाद पुरानी बस्ती थाना (Old Basti Police Station) टीआई को लाइन अटैच किया गया था. साथ ही सीएसपी को नोटिस जारी किया गया था. इस केस में रायपुर एसएसपी का ट्रांसफर भी कर दिया गया था. वहीं थाने में मारपीट के मामले में भाजपा के तीन कार्यकर्ताओं को गैर जमानती धाराओं के तहत गिरफ्तार भी किया गया था.

धर्मांतरण करने वालों के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाई

बीजेपी जिला अध्यक्ष श्रीचंद सुंदरानी (BJP District President Shrichand Sundrani) ने बताया कि, बीजेपी धर्मांतरण को लेकर 1 महीने से प्रदर्शन कर रही है और धर्मांतरण कराने वालों के खिलाफ गिरफ्तारी की मांग कर रही है. लेकिन मुख्यमंत्री और कांग्रेस सरकार (Congress government) धर्मांतरण कराने वाले लोगों के साथ हैं और उन पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. इसे लेकर आज हम रायपुर के 16 मंडलों से सैकड़ों की संख्या में सीएम हाउस का घेराव करने निकले थे. लेकिन पुलिस की ओर से हमें बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया गया और सभी बीजेपी कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार (BJP Worker Arrested) किया गया. मुख्यमंत्री नहीं चाहते हैं कि धर्मांतरण करवाने वालों के खिलाफ पुलिस कोई कार्रवाई करे. बीजेपी जिला अध्यक्ष ने कहा कि जब तक छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण खत्म नहीं हो जाता, तब तक यह लड़ाई लगातार जारी रहेगी.

छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्री रविंद्र चौबे (Agriculture Minister Ravindra Choubey) ने बताया कि बीजेपी, धर्मांतरण को छत्तीसगढ़ में मुद्दा बनाने की कोशिश कर रही है. लेकिन मेरा प्रश्न भी गंभीर है. धर्मांतरण के मुद्दे को लेकर आदरणीय स्वर्गीय दिलीप सिंह जूदेव काम कर रहे थे. जो धर्मांतरण किए हुए लोग थे उसका हिंदू धर्म (Hindu Religion) में वापसी करवाते थे, उनका चरण प्रखार करके उनका धर्म का परिवर्तन करवाते थे और ऐसे धर्मांतरण के खिलाफ खड़े होने वाले व्यक्ति की भारतीय जनता पार्टी ने हर समय उपेक्षा क्यों की. धर्मांतरण उनका मुद्दा केवल राजनीति और कुर्सी प्राप्ति के लिए है. उन्होने कहा कि मैं समझता हूं ये उनकी पार्टी का उनके सोच का दुर्भाग्य है और अगर इसमें ये लोग संजीदा होते तो धर्मांतरण के पक्ष में खड़े होने वाले इस छत्तीसगढ़ में सबसे बड़े दिग्गज नेता दिलीप सिंह जूदेव की भारतीय जनता पार्टी उपेक्षा नहीं होती.

धर्मांतरण का मुद्दा टोटली राजनीतिक

वरिष्ठ पत्रकार उचित शर्मा ने कहा कि धर्मांतरण का मुद्दा (Issue of Conversion) टोटली राजनीतिक है, टोटली पॉलिटिकल है. बीजेपी विपक्ष की स्ट्रांग भूमिका छत्तीसगढ़ में नहीं निभा पा रही है. इसलिए ऐसे मुद्दों को उन्हीं जगह उठाया जाता है. जहां विपक्ष की भूमिका स्ट्रांग ना हो. मुझे लगता है कि भूपेश की बहुत सारी नीतियों का विरोध प्रॉपर भाजपा नहीं कर पा रही है. मुद्दे को उठा नहीं पा रही है. कोई बड़ा आंदोलन कोई बड़ा विरोध नहीं कर पा रहे हैं, तो कई बार ऐसे में बीजेपी के पास ऐसे बाण रहते हैं. योजनाओं का नीतियों का विरोध नहीं करते तब ये धर्म के मुद्दे लाए जाते हैं. जब मुख्यमंत्री कह चुके हैं कि छत्तीसगढ़ के धर्मांतरण पर अगर कुछ हो रहा है. कुछ तकलीफ है, या धर्मांतरण ज्यादा हो रहे तो एफआईआर करवाइए, हम 24 घंटे के अंदर कार्रवाई करेंगे.

यह बात सच है कि धर्मांतरण पहले भी होते थे. वर्तमान में भी हो रहे हैं. इसमें कम और ज्यादा होते रहते हैं. लेकिन धर्मांतरण हो रहा है छत्तीसगढ़ में इसकी क्रोनोलॉजी समझनी होगी कि यह जो आदिवासी क्षेत्र है चाहे वह जहां भी रहते हो झारखंड से सटे इलाके हो, ओडिशा से सटे इलाके हो, आंध्रा से सटे इलाके हो इन जगह पर जहां पर आदिवासी की बहुतायत रहती है. वहां पर धर्मांतरण अक्सर पाया जाता है. वहां आज से नहीं बल्कि 40-50 साल से यह चीज होती आ रही है.

इस मुद्दे का राजनीतिकरण किया जा रहा है और इसको बड़ा मुद्दा बनाकर सरकार के फेलियर बताने की कोशिश की जा रही. वहीं इस मुद्दे को लेकर ईटीवी भारत ने ईसाई समुदाय के लोगों से भी बात करने की कोशिश की. लेकिन ईसाई समुदाय के लोगों ने इस पर बात करने से इंकार कर दिया है.

छत्तीसगढ़ में धार्मिक स्थिति

जाति आधारित जनगणना 2011 के आंकड़ों के मुताबिक

हिंदू 93.2%
मुसलमान 2.01%
ईसाई 1.92%
सिख 0.27
बौद्ध 0.27%
जैन 0.24%
अन्य धर्म के अनुयाई1.93%

छत्तीसगढ़ के गांव में 1 लाख 76 हजार 500 और शहर में 65 हजार 299 ईसाई रहते हैं.

Last Updated :Sep 28, 2021, 9:46 PM IST
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