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Politics on Paddy: छत्तीसगढ़ में धान का सियासी समीकरण, जिसने इसे साधा उसे मिली सत्ता !

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Published : Mar 28, 2023, 10:24 PM IST

Updated : Mar 29, 2023, 7:57 PM IST

Politics of Chhattisgarh revolving around paddy
छत्तीसगढ़ में धान का सियासी समीकरण

छत्तीसगढ़ में धान का उत्पादन खूब होता है. ऐसे में यहां की सियासत भी धान और चावल के आस पास ही घूमती रहती है. भाजपा के समय 15 साल तक यहां की सियासत चावल पर केंद्रित रही. फिर भूपेश बघेल चावल की सियासत को धान में तब्दील कर सत्ता पर काबिज हुए. इस बार के विधानसभा चुनाव से पहले भूपेश बघेल ने एक एकड़ में 15 की जगह 20 क्विंटल धान खरीदने की घोषणा करके एक बड़ा दांव खेला है.

छत्तीसगढ़ में धान का सियासी समीकरण

रायपुर: भाजपा शासन में मुख्यमंत्री रहे डॉ रमन सिंह ने पीडीएस सिस्टम लागू करके 3 रुपए, 2 रुपए और एक रुपए में चावल दिया. इसका भाजपा को बड़ा फायदा मिला और वो 15 साल तक सत्ता में रही. रमन सिंह को चावल वाले बाबा कहा जाने लगा. फिर समय बदला और पिछले चुनाव में भूपेश बघेल ने 2500 रुपए धान का समर्थन मूल्य देने का वादा करके चावल की राजनीति को धान की तरफ मोड़ दिया और सीएम बने. विधानसभा चुनाव से ऐन पहले सीएम बघेल ने प्रति एकड़ 15 क्विंटल धान खरीदी की लिमिट को बढ़ाकर 20 क्विंटल करने की घोषणा करके बड़ा दांव खेल दिया है. सीएम ने 2800 रुपए समर्थन मूल्य में किसानों से धान खरीदने के भी संकेत दिए हैं.



किसानों के प्रभाव वाली हैं 90 में से करीब 50 सीटें: राजनीतिक जानकार और वरिष्ठ पत्रकार मृगेंद्र पांडेय कहते हैं कि "प्रदेश में किसानों का धान सबसे बड़ा मुद्दा है. प्रदेश की 90 विधानसभा सीट में 45 से 50 विधानसभा सीटें किसानों के प्रभाव वाली मानी जाती हैं. जातिगत समीकरण को छोड़ दिया जाए तो पिछले चुनाव में कांग्रेस की जो जीत हुई उसमें खासकर 5 से 6 सीटों पर वह 50 हजार से अधिक वोटों से अंतर से आगे रही. यह सीटें ग्रामीण क्षेत्रों की ही थीं, जिसमें राजिम, कवर्धा और गुंडरदेही शामिल हैं. कांग्रेस को कहीं ना कहीं लग रहा लग रहा होगा कि किसान एक बार फिर उनके लिए फायदेमंद हो सकते हैं तो एक बड़ा दांव भूपेश बघेल की सरकार ने खेला है. यह आने वाले समय में कांग्रेस को एक अच्छा परिणाम दे सकता है."

Politics of Chhattisgarh revolving around paddy
छत्तीसगढ़ में धान का सियासी समीकरण

पिछले चुनाव के आधार पर धान फैक्टर वाली विधानसभा सीटें

विस -विजयी प्रत्याशी-जीत का अंतर
कवर्धा - मोहम्मद अकबर - 59284
राजिम - अमितेश शुक्ला - 58132
खल्लारी - द्वारकाधीश यादव - 56978
गुंडरदेही - कुंवर सिंह निषाद - 55394
सारंगढ़ - उत्तरी जांगड़े - 52389
सरायपाली - किस्मत लाल नंद - 52288
कसडोल - शकुंतला साहू - 48418
सिहावा- लक्ष्मी ध्रुव - 45436
धर्मजयगढ़ - लालजीत राठिया - 40335
प्रतापपुर - प्रेमसाय सिंह टेकाम - 44105
अंबिकापुर - टीएस सिंहदेव 39624
पत्थलगांव - राम पुकार सिंह - 36686
पंडरिया - ममता चंद्राकर - 36487
सीतापुर - अमरजीत भगत। - 36137
बस्तर - लखेश्वर बघेल। 34471
डोंगरगढ़ - भुवनेश्वर बघेल - 35418
डौंडीलोहारा - अनिला भेड़िया - 33130
रामानुजगंज - बृहस्पति सिंह - 32916
अहिवारा - रूद्र गुरु - 31687
साजा - रविंद्र चौबे 31533
सक्ति - चरण दास महंत 30046

Politics of Chhattisgarh revolving around paddy
छत्तीसगढ़ में धान का सियासी समीकरण


भूपेश सरकार पर किसानों के साथ छलावा करने का आरोप: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव कहते हैं कि "विधानसभा चुनाव के समय राहुल गांधी जी ने पूरे छत्तीसगढ़ में घूम-घूम कर धान की लिमिट समाप्त करने का वादा किया था. राहुल गांधी के वादे को 5 साल में भूपेश बघेल पूरा नहीं किए. अब जब चुनाव आ रहा है तो किसानों को धोखा देने के लिए 20 क्विंटल प्रति एकड़ धान खरीदी की उन्होंने घोषणा की है. वास्तव में यदि 20 क्विंटल प्रति एकड़ उत्पादन किसानों की होती है तो इन्हें शुरू में करना था."

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किसानों के डिमांड पर 20 क्विंटल की घोषणा: भाजपा के हमले पर पलटवार करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि "भारतीय जनता पार्टी यदि इस प्रकार कह रही है तो किसान सुन रहे हैं. किसानों के लिए जो घोषणा की गई है. वह किसानों के डिमांड पर की गई है. भेंट मुलाकात कार्यक्रम में चाहे वह रायगढ़ हो, महासमुंद हो, जांजगीर-चांपा हो, कवर्धा हो या राजनांदगांव, सभी जगह किसानों ने यही डिमांड की है कि 20 क्विंटल किया जाए."

Last Updated :Mar 29, 2023, 7:57 PM IST
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