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कांग्रेस सरकार का बीजेपी पर पलटवार, ईडी के जवाब में EOW को मैदान में उतारा !

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Published : Dec 28, 2022, 10:55 PM IST

Politics on Skywalk in Chhattisgarh
छत्तीसगढ़ में ईओडब्ल्यू को लेकर गरमाई सियासत

छत्तीसगढ़ में ईडी की दबिश और गिरफ्तारियों के बाद राज्य की सियासत गरमाई हुई है. Politics in Chhattisgarh on action of ED and EOW इसके जवाब में अब राज्य सरकार ईओडब्ल्यू के माध्यम से पलटवार करने की तैयारी की है. जिसके तहत भाजपा शासनकाल के 15 साल में किए कार्यों की फाइल खोली जाएगी है. इससे भाजपा को कितना नुकसान हो सकता है या फिर कांग्रेस को मुंह की खानी पड़ सकती है. raipur latest news ईटीवी भारत ने इन सारे सवालों का जवाब जानने की कोशिश की.

छत्तीसगढ़ में ईओडब्ल्यू को लेकर गरमाई सियासत

रायपुर: राज्य सरकार के द्वारा हाल ही में रायपुर के अधूरे स्काईवाक को लेकर ईओडब्ल्यू में शिकायत की गई है.bhupesh government Complaint in EOW for Skywalk जिसके बाद स्काईवॉक मामले की जांच ईओडब्ल्यू और एसीबी द्वारा की जा रही है. Politics on Skywalk in Chhattisgarh राज्य सरकार के इस कदम को ईडी के खिलाफ ईओडब्ल्यू को उतारकर पलटवार के रूप में देखा जा रहा है.

"ईओडब्ल्यू द्वारा इनको बुलाया जाएगा, तो वह सहयोग करें": ईडी के खिलाफ ईओडब्ल्यू को उतारे जाने के सवाल पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि "ईडी द्वारा हमको बुलाया जाता, तो हम सहयोग करते हैं. ईओडब्ल्यू द्वारा इनको बुलाया जाएगा, तो वह सहयोग करें. लेकिन जब भी कोई एफआईआर होता है, तो इनके द्वारा बदलापुर की राजनीति का आरोप लगाया जाता है और तमाम प्रकार की बातें कही जाती हैं. जनता ने पहले ही इनको नकार दिया है. Raipur latest news छत्तीसगढ़ की जनता के पास जाकर देख ले कि उनकी क्या स्थिति है."

"गृह विभाग की तरफ से केंद्र सरकार को भेजा पत्र": ईडी की कार्रवाई को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि "गृह विभाग की तरफ से सचिव मनोज पिंगुआ ने केंद्र सरकार को पत्र भेजा है. जांच पर कोई रोक नहीं है, लेकिन जांच के नाम पर अगल भय फैलाया जाये, किसी को मारा जाये, पीटा जाये, किसी को मुर्गा बनाया जाये, किसी को इतना मारा जाये कि उसको सुनायी देना बंद हो जाये, कोई अभी तक अस्पताल में भर्ती हो. तो हमें केंद्र को बताना होगा कि केंद्रीय एजेंसी जांच के नाम पर किस तरह से भय पैदा कर रही है." मुख्यमंत्री ने कहा कि "जांच के नाम पर केंद्रीय एजेंसी ही सेंट्रल फोर्स लेकर आती है, अविश्वास जताती है. राज्य सरकार से जब भी कार्रवाई के लिए फोर्स की मांग की गयी, राज्य सरकार ने उन्हें फोर्स दिया है."

"पहले स्काईवाक पर निर्णय ले सरकार": ईडी के जवाब में ईओडब्ल्यू को उतारे जाने पर पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल से सवाल किया गया था. उन्होंने कहा कि "पहले स्काईवाक को रखना है, बनाना है या तोड़ना है, इसके बारे में सरकार निर्णय लें. यह निर्णय सरकार की है कि वह इसकी जांच ईडी से करवाएं या सीडी से करवाएं. भाजपा के 15 साल में हमने छत्तीसगढ़ सहित रायपुर की तकदीर और तस्वीर बदली है और भूपेश बघेल की सरकार छत्तीसगढ़ को भ्रष्टाचार के आगोश में बदल रही है." स्काईवॉक के अलावा और भी फाइल खोलने के जवाब में बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि "जो खुलवाना है, खुलवाएं 4 साल से सोए थे क्या, अब चुनाव आ रहा है, तब आपको याद आ रहा है. आपको पता है कि इसमें कुछ नहीं होना है."

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मामले पर राजनीतिक जानकार की क्या है राय: इस पूरे मामले को लेकर राजनीतिक जानकार और वरिष्ठ पत्रकार शशांक शर्मा का कहना है कि "मुझे नहीं लगता कि सरकार ईडी और आईटी का जवाब ईओडब्ल्यू या ईसीबी के जरिए देने की कोशिश कर रही है. यह जरूर हो सकता है कि यह राजनीति से प्रेरित हो. क्योंकि यह चुनावी साल है, जबकि आपकी 4 साल सरकार के दौरान आपने इस तरह की कोई कार्रवाई नहीं की. स्काईवॉक का मामला कोई नया नहीं है. स्काईवॉक के भविष्य को लेकर एक समिति भी बनाई गई थी. इसके लिए एसआईटी का भी गठन किया गया था. सरकार बनने के बाद शुरुआती दौर में 5-6 एसआईटी का गठन भी किया गया था, जिसमें तमाम जांच की गई."

EOW की कार्रवाई की धीमी गति को लेकर भी सवाल: इस दौरान वरिष्ठ पत्रकार शशांक शर्मा ने ईओडब्ल्यू (EOW) की कार्रवाई की धीमी गति को लेकर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि "साल 2006 में एक डामर घोटाला हुआ था, उसकी जांच 17 वर्ष बाद भी पूरी नहीं हुई है. ऐसे में यदि सरकार को चाहिए कि स्काईवॉक जैसे मामलों की जांच हो, उसका राजनीतिक लाभ मिल सके, तो आरोप लगा सकते हैं. लेकिन इसका कोई राजनैतिक लाभ मिलेगा, उस पर संदेह है."

कई मामले हैं लंबित: वरिष्ठ पत्रकार शशांक शर्मा ने कहा कि "इस तरह के कई मामले लंबित हैं. अंबेडकर अस्पताल को लेकर भी एसआईटी का गठन किया गया था. जनसंपर्क विभाग का भी एक मामला चला था. ऐसे लगभग 20 से 25 मामले हैं. विधानसभा चुनाव के पहले कांग्रेस ने डॉ रमन सरकार पर एक आरोप पत्र जारी किया था. जिसमें दो दर्जन से ज्यादा भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई थी. यदि सरकार को लगता है कि इन दोषियों पर कार्रवाई होनी चाहिए. ऐसे लोगों को दंडित करना चाहिए.

प्रदेश में ईडी की कार्रवाई से हडकंप: छत्तीसगढ़ में पिछले कुछ समय से लगातार ईडी की छापामार कार्रवाई हो रही है. लगातार ईडी व्यापारियों अधिकारियों, यहां तक कि आईएएस अधिकारियों के खिलाफ भी एक के बाद एक छापामार कार्रवाई को अंजाम दे रही है. इस बीच सीएम की उपसचिव सौम्या चौरसिया पर भी ईडी ने कार्रवाई करते हुए उन्हें गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेज दिया. इतना ही नहीं ईडी पर तो यह भी आरोप है कि कार्रवाई के दौरान ईडी मारपीट भी करती है और थर्ड डिग्री का भी इस्तेमाल किया जाता है. यही वजह है कि लगतार प्रदेश में हो रही ईडी की कार्रवाई से हडकंप मजा हुआ है.



स्काईवॉक की जांच ईओडब्ल्यू को दिए जाने से भाजपा में हड़कंप: लेकिन अब राज्य सरकार ने एसीबी और ईओडब्ल्यू को सक्रिय कर दिया है, जो भाजपा शासन कल में हुए निर्माण कार्यों की जांच पड़ताल करेगी, उसके खिलाफ कारवाई करेगी. इसकी शुरुआत छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में अधूरे ​​स्काईवॉक से की गई है. राज्य सरकार ने स्काईवाक निर्माण में अनियमितता की शिकायत ईओडब्ल्यू से की है. जिसके बाद ईओडब्ल्यू इस पूरे मामले की जांच में जुट गया है. इसी बीच सूचना यह भी है कि एक्सप्रेसवे निर्माण कार्य में भी अनियमितता की जांच के लिए राज्य सरकार ईओडब्ल्यू में शिकायत कर सकती है. सूत्रों की मानें तो इसके अलावा भी भाजपा शासनकाल के 15 साल में किए गए कई और बड़े निर्माण कार्यों की फाइल भी जल्द खुल सकती है. उसमें हुई अनियमितता की शिकायत भी ईओडब्ल्यू से की जा सकती है. बहरहाल स्काईवॉक की जांच ईओडब्ल्यू को दिए जाने के बाद से ही भाजपा में हड़कंप मचा हुआ है.

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