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हसदेव में खनन जरूरी, फायदे और नुकसान को देखकर बढ़ेंगे आगे: विष्णुदेव साय

Mining In Hasdeo छत्तीसगढ़ में नई सरकार आते ही हसदेव के जंगलों में पेड़ों की कटाई शुरू हो गई है. जो इसका विरोध कर रहे हैं उन्हें हिरासत में लिया जा रहा है. यानी शासन प्रशासन हसदेव में कोयला खनन को लेकर गंभीर हो गया है. छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव साय ने भी कहा कि वहां खनन जरूरी है. Chhattisgarh News

mining in Hasdeo
हसदेव में खनन पर विष्णुदेव साय
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Dec 23, 2023, 11:11 AM IST

Updated : Dec 23, 2023, 1:29 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि उनकी सरकार इस बात का समर्थन नहीं करती कि औद्योगीकरण और खनन नहीं होना चाहिए. विकास और नए रोजगार पैदा करने के लिए यदि जंगल में पेड़ काटे जा रहे हैं तो यह गलत नहीं है. साय ने कहा कि उनकी सरकार राज्य की जैव-विविधता से समृद्ध सरगुजा क्षेत्र के संबंध में खनन गतिविधियों के फायदे और नुकसान का विश्लेषण करने के बाद सही कदम उठाएगी.

हसदेव में खनन पर विष्णुदेव साय: पिछले कई सालों से हसदेव अरण्य वन क्षेत्र में कोयला खनन का विरोध वहां के आदिवासी कर रहे हैं. भूपेश सरकार के समय भी विरोध हुआ. पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव आदिवासियों के साथ खड़े हो गए और जंगल से एक पत्ता भी नहीं तोड़े जाने का वादा आदिवासियों से किया. जिसके बाद वहां पेड़ों की कटाई बंद हो गई. अब जब एक बार फिर हसदेव में पेड़ों की कटाई शुरू हो गई है तो आदिवासी जंगल में ही डेरा डाले हुए हैं. हसदेव के जंगल में पेड़ों की कटाई पर सीएम विष्णुदेव साय गंभीर नहीं दिखे.उन्होंने कहा "सरगुजा क्षेत्र में पर्यटन की दृष्टि से पर्याप्त संभावनाएं हैं . यह क्षेत्र घने जंगलों वाला है इसमें कई झरने हैं. कोल खनन से नए उद्योग स्थापित होंगे. पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. लाभ के साथ-साथ नुकसान भी होता है क्योंकि यह प्रदूषण का कारण बनता है इसलिए, गुण और दोष के आधार पर हर चीज पर विचार करने के बाद खनन पर उचित कदम उठाए जाएंगे."

हसदेव के जंगलों में गुरुवार से पीईकेबी 2 परियोजना के लिए पेड़ों की कटाई चल रही है. लगभग 93 हेक्टेयर वन क्षेत्र में 9000 से ज्यादा पेड़ों के काटे जाे की योजना बनाई गई है. हसदेव अरण्य क्षेत्र में हरिहरपुर, साल्ही, घाटबर्रा, फतेहपुर, बासेन, परसा में पेड़ों की कटाई शुरू की गई. घाटबर्रा, पेंड्रामार जंगल में भी पेड़ काटने की प्रक्रिया जारी है.

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सोर्स- PTI

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हसदेव में खनन पर विष्णुदेव साय: पिछले कई सालों से हसदेव अरण्य वन क्षेत्र में कोयला खनन का विरोध वहां के आदिवासी कर रहे हैं. भूपेश सरकार के समय भी विरोध हुआ. पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव आदिवासियों के साथ खड़े हो गए और जंगल से एक पत्ता भी नहीं तोड़े जाने का वादा आदिवासियों से किया. जिसके बाद वहां पेड़ों की कटाई बंद हो गई. अब जब एक बार फिर हसदेव में पेड़ों की कटाई शुरू हो गई है तो आदिवासी जंगल में ही डेरा डाले हुए हैं. हसदेव के जंगल में पेड़ों की कटाई पर सीएम विष्णुदेव साय गंभीर नहीं दिखे.उन्होंने कहा "सरगुजा क्षेत्र में पर्यटन की दृष्टि से पर्याप्त संभावनाएं हैं . यह क्षेत्र घने जंगलों वाला है इसमें कई झरने हैं. कोल खनन से नए उद्योग स्थापित होंगे. पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. लाभ के साथ-साथ नुकसान भी होता है क्योंकि यह प्रदूषण का कारण बनता है इसलिए, गुण और दोष के आधार पर हर चीज पर विचार करने के बाद खनन पर उचित कदम उठाए जाएंगे."

हसदेव के जंगलों में गुरुवार से पीईकेबी 2 परियोजना के लिए पेड़ों की कटाई चल रही है. लगभग 93 हेक्टेयर वन क्षेत्र में 9000 से ज्यादा पेड़ों के काटे जाे की योजना बनाई गई है. हसदेव अरण्य क्षेत्र में हरिहरपुर, साल्ही, घाटबर्रा, फतेहपुर, बासेन, परसा में पेड़ों की कटाई शुरू की गई. घाटबर्रा, पेंड्रामार जंगल में भी पेड़ काटने की प्रक्रिया जारी है.

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सोर्स- PTI

Last Updated : Dec 23, 2023, 1:29 PM IST
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