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किसान विरोधी है कांग्रेस सरकार, प्रदेश में लगातार बढ़ रहे सामूहिक आत्महत्या के मामले : धरमलाल कौशिक

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Published : Nov 1, 2021, 3:44 PM IST

Updated : Nov 1, 2021, 4:04 PM IST

नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने प्रेस कांफ्रेंस कर कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए प्रदेश में धान खरीदी में देरी करने और सामूहिक आत्महत्या का ठीकरा भी कांग्रेस सरकार फोड़ा.

Leader of Opposition Dharamlal Kaushik targeted Congress by holding press conference
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने प्रेस कांफ्रेंस कर कांग्रेस पर साधा निशाना

रायपुर : राजधानी रायपुर के शंकरनगर स्थित अपने आवास में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक (Leader of Opposition Dharamlal Kaushik) ने प्रेस वार्ता (Press Briefing) की. इस दौरान उन्होंने भूपेश बघेल की कांग्रेस सरकार (Congress government of Bhupesh Baghel) को किसान विरोधी बताया. साथ ही लगातार प्रदेश में सामूहिक आत्महत्या (Mass Suicide in Chhattisgarh) के मामले बढ़ने का ठीकरा भी उन्होंने कांग्रेस सरकार पर फोड़ा है.

नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने प्रेस कांफ्रेंस कर कांग्रेस पर साधा निशाना
कांग्रेस के दो गुटों के बीच चल रही मारपीट

नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने बताया कि कांग्रेस के सदस्यता अभियान की जिस प्रकार से बातें आ रही हैं, पिछली बार उन लोगों ने प्रयास किया. उनका सदस्यता अभियान आधे में ही अटक गया. बीजेपी ने ऑनलाइन किया था. इन्होंने भी प्रयास किया, किसी ने इंटरेस्ट नहीं लिया और बाद में इसे बंद कर दिया गया. सदस्यता अभियान का मतलब यह है कि पार्टी का विधिवत रूप से संगठन का ढांचा. तो न इसके नीचे स्तर पर चुनाव होगा और न ही ऊपर होगा. उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि सदस्यता अभियान की जरूरत ही नहीं, क्योंकि सदस्यता अभियान का अस्तित्व इसलिए नहीं है कि जब ऊपर तक उसमें संगठनात्मक रूप से उसकी प्रक्रिया का प्लान न हो. सदस्यता अभियान उनका ऐसा ही है. जहां तक कांग्रेस का छत्तीसगढ़ में सवाल है तो कोई जिला ऐसा नहीं है, जहां कांग्रेस ठीक चल रही हो. आप देख रहे हैं कि लगातार कांग्रेस दो गुट में बंटी हुई दिखाई दे रही है. मारपीट की घटनाएं लगातार हो रही हैं. एक गुट दूसरे गुट को पछाड़ने में लगा हुआ है. पूरे कांग्रेस की यही स्थिति है. सदस्यता अभियान में भी सिर फोड़व्वल के अलावा कुछ नहीं होना है.


प्रदेश में लगातार बढ़ रहा क्राइम का ग्राफ, सरकार रोक पाने में असमर्थ

कांग्रेस की छत्तीसगढ़ में सरकार बनने के बाद सामूहिक आत्महत्याओं का दौर बड़ा है. यह एक घटना नहीं है. इसके पहले भी ऐसी घटनाएं लगातार हो रही हैं. आखिर इसके पीछे कारण क्या है? लोग आत्महत्या सामूहिक रूप से क्यों कर रहे हैं? पूरा परिवार क्यों आत्महत्या कर रहा है? इसके कारण जाना चाहिए और मुझे लगता है जिस प्रकार से लगातार यह घटनाएं हो रही हैं, जब तक उसकी इन्वेस्टिगेशन नहीं होगी, जब तक उसे बारीकी से नहीं देखा जाएगा, उसे रोक पाना संभव नहीं होगा. विगत ढाई-3 साल में देखेंगे तो बहुत सारे ऐसे प्रकरण आए हैं. कांग्रेस की सरकार आने के बाद सामूहिक आत्महत्या के मामले बढ़े हैं.

कांग्रेस सरकार में विकास का कार्य पड़े ठप

आज स्थापना दिवस के अवसर पर में प्रदेशवासियों को बधाई देता हूं. वास्तविक तौर पर पिछले 15 साल में जो काम हुए हैं, वो काम होने के बाद आज भूपेश सरकार उसको मेंटेन नहीं कर पा रही है. आज पूरे विकास के कार्य ठप पड़े हुए हैं. इनके कार्यकाल में लगभग 550 से ज्यादा किसान आत्महत्या किये हैं. लगातार अनाचार की घटना बढ़ रही है. अभी जो सर्वे प्रकाशित हुआ, उसमें छत्तीसगढ़ की स्थिति आत्महत्या में पांचवें नंबर पर है. देश में किशोरों के अपराध में दूसरे नंबर पर, जुआ-सट्टा यहां एक गोरखधंधे की तरह कांग्रेस के संरक्षण में जारी है. वास्तव में कांग्रेस सरकार के आने के बाद छत्तीसगढ़ में लोगों का सपना था कि हमारा एक सुंदर सा छत्तीसगढ़ होगा. कांग्रेस की सरकार आने के बाद उनका सपना चकनाचूर हो गया है.


सरकार छोटे किसानों का धान नहीं चाहती खरीदना, इसलिए 1 दिसंबर से करा रही खरीदी

दीपावली में किसी किसान को राशि मिलने वाली नहीं है. आप मेरे साथ बैंक में जाकर देख सकते हैं. लोगों की लाइन लगी रहेगी और उसमें हम लोगों ने सरकार से मांग की है कि एटीएम जारी होना चाहिए. जब सभी बैंकों में एटीएम है तो सरकार एटीएम जारी क्यों नहीं करती. इसके पीछे का कारण है भ्रष्टाचार. जिस प्रकार से भ्रष्टाचार में सरकार लिप्त है, हमारे किसान 4 से 5 दिन जाकर बैंक में बैठे हैं, उसके बाद भी किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है. तत्काल एटीएम जारी करना चाहिए.

दूसरी बात धान खरीदी की. हमारे यहां खास करके 1 एकड़ से ढाई एकड़ के किसान छत्तीसगढ़ में 80 प्रतिशत हैं. उनके धान की कटाई प्रारंभ हो गई है 1 दिसंबर तक वह धान रोकने की स्थिति में नहीं हैं. बाजार में उनको जाना पड़ेगा. पिछले बार भी औने-पौने दाम में वह धान बेचने आए थे. सरकार उनकी व्यवस्था नहीं कर पाई, उनको लाभ नहीं मिला समर्थन मूल्य का. सरकार उन किसानों का धान सरकार खरीदना नहीं चाह रही है, इसलिए 1 दिसंबर से धान खरीदी रखी है. लेकिन हम कोशिश कर रहे हैं कि नवंबर में ही धान खरीदी हो.

Last Updated :Nov 1, 2021, 4:04 PM IST
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