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Jyeshtha Purnima Vrat: इस साल ज्येष्ठ पूर्णिमा का व्रत क्यों है खास, जानिए

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Published : Jun 4, 2023, 9:24 PM IST

Jyeshtha Purnima Vrat 2023
वट सावित्री व्रत 2023

Vat Savitri Vrat 2023 ज्येष्ठ शुक्ल पूर्णिमा इस साल 4 जून 2023 को ज्येष्ठा नक्षत्र और सिद्धि योग में मनाई जाएगी. ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन कबीर जयंती और वट सावित्री व्रत भी मनाया जाएगा. ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन श्री कबीर जयंती और वट सावित्री व्रत भी मनाया जाएगा. ज्येष्ठ पूर्णिमा स्नान दान की पूर्णिमा भी कहलाती है. Jyeshtha Purnima Vrat 2023

ज्येष्ठा नक्षत्र और सर्वाथ सिद्धि का है शुभ योग

रायपुर: इस साल 4 जून 2023 को ज्येष्ठा नक्षत्र और सिद्धि योग में ज्येष्ठ शुक्ल पूर्णिमा मनाई जाएगी. इस शुभ योग दिन बालव और कौलव करण के साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग वृश्चिक और धनु राशि का सुंदर संयोग बन रहा है. इस शुभ दिन सूर्योदय से पूर्व सरोवर नदी या तालाब में स्नान करने की परंपरा है. संभव हो तो गंगा के तट पर स्नान करें, जो लोग गंगा से दूर हैं, वह निश्चित तौर पर गंगा के जल को अपने स्नान के पात्र में डालकर संपूर्ण जल को गंगा मानकर शुद्ध मनोभाव से स्नान करें. इस पूर्णिमा में श्वेत वस्त्र पहनना शुभ माना गया है.

भोलेनाथ का दूध से करें पवित्र अभिषेक: पंडित विनीत शर्मा ने बताया कि "आज के दिन भगवान भोलेनाथ को दूध का अभिषेक करना पवित्र माना गया है. इसके साथ ही लक्ष्मी नारायण भगवान की आराधना, साधना और प्रार्थना से सब मनोरथ पूर्ण होते हैं. आज के दिन निराश्रितजनों दिव्यांगजनों और कमजोर वर्ग के लोगों को मदद करने से भगवान प्रसन्न होते हैं. आज के दिन श्रमदान समय दान करने का भी विशेष महत्व है."

डिप्रेशन से मिलेगी निजात: शास्त्रों के अनुसार, आज के समय में प्रकृति हरियाली की सेवा करना शुभ माना जाता है. पूर्णिमा काल मानसिक रूप से कमजोर बच्चों के लिए विशेष माना गया है. ऐसे जातक जो विकसित डिप्रेशन फ्रस्ट्रेशन या कुंठा के शिकार हैं. ऐसे जातकों को आज के शुभ दिन श्री हनुमान चालीसा, श्री गायत्री मंत्र, श्री बजरंग बाण का यथोचित पाठ करना चाहिए. पूर्णिमा काल में एकासना फलाहारी या निर्जला उपवास किया जा सकता है.

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मंत्रों की सिद्धि के लिए खास है ज्येष्ठ पूर्णिमा: शास्त्रों के अनुसार, यह उपवास अपने शरीर धर्म को जान समझकर करना चाहिए. आज के दिन 'ओम नमो भगवते वासुदेवाय' इस द्वादश अक्षर मंत्र का श्रद्धापूर्वक पाठ करना चाहिए. ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन बड़े सदस्यों को निश्चित तौर पर व्रत, उपवास और दान करना चाहिए. ज्येष्ठ पूर्णिमा मंत्रो की सिद्धि के लिए भी विशिष्ट मानी जाती है. आज के दिन किया गया मंत्र जाप विशिष्ट फल प्रदान करता है. इसके साथ ही शाम के समय इस व्रत का पारण भी किया जाता है.

विशेष सावधानी हरतने की जरूरत: यह पूर्णिमा सर्वार्थ सिद्धि योग और मध्य रात्रि के उपरांत मूल नक्षत्र में भी पड़ेगी. इसलिए आज जन्म लिए हुए संतानों का मूल नक्षत्र प्रभाव रहेगा. ज्येष्ठ पूर्णिमा का व्रत उपवास और ध्यान करने पर समस्त देवताओं की सिद्धि प्राप्त होती है. आज के दिन जो लोग उपवास नहीं करते हैं, उन्हें सात्विक भोजन ग्रहण करना चाहिए. किसी भी तरह के नशे आदि का प्रयोग नहीं करना चाहिए. वाहन और यात्रा करते समय विशेष सावधानी की आवश्यकता है. यदि आपका टेंपरामेंट कमजोर है, तो आज के दिन बाहर लड़ाई झगड़ा वाद विवाद को पूरी तरह से टालना उचित रहता है. आज के दिन मानसिक रोगी को भी तरह-तरह के अटैक आने की आशंका होती है. इन सभी स्थितियों से बचने का प्रयास करना चाहिए.

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