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'नक्सलियों के सरेंडर के नाम पर इंडस्ट्री चल रही, बड़ा रैकेट काम कर रहा'

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Published : Mar 4, 2021, 10:46 AM IST

Updated : Mar 4, 2021, 11:17 AM IST

जेसीसीजे प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने नक्सलियों के आत्मसर्मपण पर बड़े आरोप लगाए हैं. जोगी ने कहा कि नक्सलियों के सरेंडर को लेकर बहुत बड़ा रैकेट काम कर रहा है. कई सच सामने आ रहे हैं.

JCCJ state president Amit Jogi said that a huge racket is working on surrender of Naxalites in Naxalite areas
नक्सलियों के सरेंडर पर अमित जोगी का बयान

रायपुर: नक्सलियों के आत्मसमर्पण पर जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जोगी) के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने बड़े सवाल उठाए हैं. जोगी ने कहा कि दंतेवाड़ा में आत्मसमर्पण करने वाली महिला नक्सली पांडे कवासी की आत्महत्या को लेकर जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे (JCCJ) की तीन सदस्यीय जांच दल ने तीन बार जांच की. इस पूरे मामले में अतिसंवेदनशील सच सामने आ रहे हैं. अमित जोगी ने कहा कि नक्सलियों के सरेंडर के नाम पर इंडस्ट्री चल रही है. बहुत बड़ा रैकेट काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि और गहन जांच करनी पड़ेगी.

नक्सलियों के सरेंडर पर अमित जोगी का बयान

'नक्सलियों के समर्पण के पीछे बड़े रैकेट का हाथ'

अमित जोगी ने कहा कि 'यह मामला केवल उस महिला का नहीं है. एक एक पूरा रैकेट चलाया जा रहा है. जो सामान्य आदिवासी गांव में होता है, उसे स्वार्थी तत्वों की तरफ से नक्सली बता कर उसे गिरफ्तार कर लिया जाता है. उन पर खुद को नक्सली बताकर आत्मसमर्पण करने का दबाव बनाया जाता है. उसके बाद जो राशि मिलती है. उसको आपस में बांट लिया जाता है.'

'नक्सलियों की सरेंडर करने की चल रही है इंडस्ट्री'

जोगी ने कहा कि 'नक्सलियों के सरेंडर करने की इंडस्ट्री नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में चल रही है. सरेंडर करने को एक बिजनेस बना लिया गया है. जैसे कि सलवा जुडूम को एक बिजनेस बनाया गया था. इस बिजनेस में असामाजिक तत्वों को तो मुनाफा हो ही रहा है. लोगों की जान भी जा रही है.'

दंतेवाड़ा: सरेंडर महिला नक्सली सुसाइड केस की CBI जांच की मांग

CBI जांच की मांग

इससे पहले 2 मार्च को जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जोगी) के कार्यकर्ता और मुक्ति मोर्चा का दल ग्राम पंचायत गुड़से गांव पहुंचा था. कार्यकर्ताओं ने वहां पुलिस कस्टडी में खुदकुशी करने वाली महिला नक्सली पांडे कवासी के परिजनों और ग्रामीणों से मुलाकात की थी. JCC (J) कार्यकर्ताओं और मुक्ति मोर्चा के दल ने पूरे मामले की CBI जांच की मांग की थी.

19 फरवरी को महिला नक्सली ने किया था सरेंडर

महिला नक्सली पांडे कवासी ने 19 फरवरी को अन्य इनामी नक्सली साथियों के साथ लोन वर्राटू अभियान से प्रभावित होकर सरेंडर किया था. आत्मसमर्पण करने के बाद से पांडे कवासी डीआरजी कार्यालय के महिला विश्राम कक्ष में अन्य महिला नक्सली जोगी कवासी के साथ रह रही थी. इस दौरान दो महिला पुलिसकर्मी सुरक्षा के लिए तैनात थीं.

मंगलवार दोपहर बाद पांडे कवासी नहाने चली गई. इसकी जानकारी उसने जोगी कवासी और अन्य दो महिला पुलिस कर्मियों को दी थी. जब लगभग 20 मिनट बाद भी पांडे कवासी बाथरूम से बाहर नहीं निकली, तब जोगी कवासी और अन्य दो महिला आरक्षकों ने दरवाजे को धक्का देकर खोला. वहां उन्होंने देखा कि पाण्डे कवासी ने खिड़की के सहारे गमछे से फांसी लगा ली है.

सरेंडर महिला नक्सली पांडे कवासी के आत्महत्या मामले को लेकर सर्व आदिवासी समाज ने सवाल भी उठाए थे. इस मामले में पांडे कवासी के परिजनों ने पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगाए थे. सर्व आदिवासी समाज के सदस्यों ने पुलिस से शव लेने से इनकार कर दिया था. JCCJ ने मामले को गंभीर बताते हुए जांच कमेटी गठित की है.

Last Updated : Mar 4, 2021, 11:17 AM IST

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