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Chhattisgarh assembly Election 2023: क्या धर्मातरण और बुलडोजर मुद्दे के सहारे होगी भाजपा की नैया पार?

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Published : Apr 26, 2023, 12:58 PM IST

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में भाजपा इस बार बुलडोजर और धर्मांतरण जैसे मुद्दों पर चुनाव लड़ने जा रही है. क्या ये मुद्दे विधानसभा चुनाव में भाजपा की नैया पार लगा पाएगी. आइए जानते हैं इस संबंध में पॉलिटिकल एक्सपर्ट उचित शर्मा की राय...

chhattisgarh assembly election
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव

धर्मातरण और बुलडोजर मुद्दा

रायपुर: प्रदेश में पिछले 3 विधानसभा चुनाव में भाजपा विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ते आ रही है. साल 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा विकास के मुद्दों से हटकर हिंदुत्व, धर्मांतरण, बुलडोजर जैसे मुद्दों को लेकर राज्य सरकार पर हमलावर रही है.आखिर क्यों चुनाव आते ही भाजपा विकास की बातों को छोड़ धर्मांतरण और हिंदुत्व जैसे मुद्दों पर बात करती है? जिस तरह यूपी में योगी आदित्यनाथ की सरकार अपराधियों के खिलाफ बुलडोजर पर कार्रवाई कर रही है. छत्तीसगढ़ में भी अब भाजपा सरकार आने पर अपराधियों के खिलाफ बुलडोजर की कार्रवाई की बात कह रही है.

क्या कहते हैं कांग्रेस: कांग्रेस प्रवक्ता अमित श्रीवास्तव का कहना है, "छत्तीसगढ़ में भाजपा मुद्दा विहीन है. प्रदेश में जिस तरह कांग्रेस की सरकार ने साढ़े 4 सालों से काम किया है, जनकल्याणकारी योजनाएं लाई है, इससे अंतिम पंक्ति में बैठे व्यक्ति को भी योजनाओं का लाभ मिल रहा है. इससे कहीं ना कहीं भाजपा लटकी, भटकी और अटकी नजर आ रही है. भाजपा पहले कहती थी कि हम विकास पर चुनाव लड़ेंगे. अब ये मोदीजी के चेहरे पर चुनाव पर लड़ने की बात कह रहे हैं. फिर कहते हैं कि हम बुलडोजर मुद्दे पर चुनाव लड़ेंगे."

भाजपा को मुद्दा तय करने की दी नसीहत: कर कांग्रेस प्रवक्ता अमित श्रीवास्तव ने कहा कि "भाजपा को पहले तय कर लेना चाहिए कि वो किस मुद्दे पर चुनाव लड़ेगी. सीएम भूपेश बघेल के कद का कोई नेता भाजपा में है ही नहीं. कांग्रेस की सरकार ने जो जनकल्याणकारी योजनाओं पर काम किया है, जनता का कांग्रेस पर विश्वास हुआ है. आज छत्तीसगढ़ की जनता के आंखों की चमक बताती है कि हमारी सरकार ने बेहतर काम किया है. भाजपा की सरकार कट-कमीशन-करप्शन पर चलती थी. हमारी सरकार अंतिम व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंचाने को काम कर रही है."

धर्मांतरण को लेकर भूपेश सरकार पर निशाना: भाजपा मीडिया सह प्रभारी अनुराग अग्रवाल का कहना है, "भाजपा कभी जनहित और विकास के मुद्दे से अलग नहीं हटी. हमारे पास छत्तीसगढ़ में 15 वर्षो की विकास गाथा है. पिछले 8 सालों में प्रधानमंत्री मोदी ने विकास के जो आयाम हासिल किए हैं, उन्हीं मुद्दों को लेकर हम जनता के पास जाएंगे. छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल सरकार की शह पर धर्मांतरण सर चढ़कर बोल रहा है. आज नारायणपुर, बस्तर और जगदलपुर जल रहा है. 14 सालो में पहली बार ऐसा हुआ होगा, जब धर्म के नाम पर छत्तीसगढ़ में दंगे और कर्फ्यू लगे हों."

बीरनपुर मामले को लेकर सीएम को घेरा: अनुराग अग्रवाल का कहना है कि "बीरनपुर में जिहादियों को भड़का कर हमले करवाते हैं. एक व्यक्ति की हत्या हो जाती है. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री को आज तक उस परिवार से मिलने का समय नहीं मिलता है. भ्रष्टाचार छत्तीसगढ़ में छत्तीसगढ़ में जिस तरह से भ्रष्टाचार बढ़ रहा है. आतंकी हरकते बढ़ गई है, इन सभी पर बुलडोजर चलना चाहिए. हम आगामी चुनाव में छत्तीसगढ़ सरकार के साढ़े 4 साल की विफलता के मुद्दे को लेकर जनता के बीच जाएगे."

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क्या कहते हैं पॉलिटिकल एक्सपर्ट: पॉलिटिकल एक्सपर्ट उचित शर्मा का कहना है, "जब भाजपा सत्ता में नहीं होती, तब सत्ता में वापस आने के लिए धर्म की बात, राष्ट्रवाद की बात, धर्मांतरण की बात करती है. करीब से देखें तो इनके एजेंडे में महंगाई की बात नहीं दिखेगी, बेरोजगारी, करप्शन की बात नहीं दिखेगी. जो इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट होना चाहिए, वो बात नहीं होगी. छत्तीसगढ़ के जो बुनियादी सवाल हैं, वो उनके मुद्दों से गायब मिलेंगे. यह भाजपा की अपनी स्ट्रेटजी है. उनकी अलग आईडियोलॉजी है. भाजपा को लगता है कि वह इस तरह के मुद्दों से आने वाले चुनाव में सफल होंगे, ऐसी उनकी सोच है."

वोटरों को साधने में जुटी भाजपा: उचित शर्मा ने कहा कि "हर जगह वे ऐसा फार्मूला अपनाते हैं. जब दूसरे मुद्दे पर हावी नहीं हो पाते, तो इस तरह के मुद्दे लाए जाते हैं. वोटरों को साधने के लिए भारतीय जनता पार्टी अपने मॉड्यूल को लेकर चल रही है. राष्ट्रवाद, हिंदुत्ववाद जैसा उनका एक सफल मॉड्यूल रहा है. खासकर हिंदी भाषी क्षेत्रों में ये इस तरह के मुद्दे लेकर आते हैं. चुनाव के दौरान राष्ट्रवाद, हिन्दुत्व, धर्मांतरण जैसे मुद्दे होते हैं. भाजपा को लगता है कि बस वोटों को गोलबंदी करके 80-20 में बांटकर राजनीति में सफल हो सकते है. वे इस तरह के प्रयास चुनाव में करते है."

कांग्रेस हो या भाजपा...चुनावी मुद्दा सबके पास अलग है. लेकिन क्या भाजपा धर्मांतरण और हिन्दुत्व जैसे मुद्दों पर छत्तीसगढ़ में चुनाव जीत पाएगी? ये बड़ा सवाल है. क्या विकास के मुद्दों से इतर अन्य मुद्दों की ओर भाजपा का रूख छत्तीसगढ़ सियासत को अलग दिशा की ओर ले जाएगा?

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