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डॉक्टरों की लापरवाही से गर्भवती महिला की प्रसव के दौरान मौत

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Published : Jul 14, 2019, 8:54 AM IST

Updated : Jul 14, 2019, 10:35 AM IST

सारंगढ़ के कोसीर गांव से प्रसव कराने आई महिला की इलाज के दौरान मौत हो गई, घटना के बाद परिजन ने अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा किया.

प्रसव के बाद युवती की मौत

रायगढ़: मेडिकल कॉलेज अस्पताल में डॉक्टरों बड़ी लापरवाही सामने आई है. सारंगढ़ के कोसीर गांव से प्रसव कराने आई एक गर्भवती महिला की प्रसव के दौरान मौत हो गई, जिसके बाद गुस्साए परिजनों ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया.

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मृतका के पति का कहना है कि प्रेमलता पटेल को प्रसव कराने के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल लाया गया था, जहां पर प्राथमिक जांच के बाद उसे खून की कमी बताई गई. इसके बाद पति ने ब्लड सैंपल लेकर ब्लड बैंक गया, जहां ब्लड बैंक अधिकारी ने बताया डॉक्टरों ने जो ब्लड सैंपल दिया है, वह बी-पॉजिटिव नहीं बल्कि प्रेमलता का ब्लड ग्रुप ओ पॉजिटिव है.

पढ़ें:रायगढ़: फेल और पूरक करने के आरोप में छात्रों ने किया प्रिंसिपल का घेराव

प्रेमलता ने दी बच्चे को जन्म
निरंजन जब ब्लड सैंपल का रिपोर्ट बदलवाने अस्पताल आया तो डॉक्टर मिले ही नहीं और इसी भाग दौड़ में प्रेमलता ने अस्पताल में एक बच्चे को जन्म दिया और खून नहीं मिलने से हमेशा के लिए मौत के मुंह में समा गई. परिजन महिला की मौत के लिए अस्पताल प्रबंधन को जिम्मेदार मान रहे हैं.

बचते नजर आए डॉक्टर
पूरे मामले में प्रसूति विभाग के अध्यक्ष सुधीर बाबू का कहना है कि 'मृतका को कोई खून नहीं चढ़ाया गया था, उसकी हालत बेहद नाजुक थी और ब्लड प्रेशर बढ़ा हुआ था. ऐसी स्थिति में या तो बच्चे को बचाया जा सकता था या उसकी मां को हमने उसकी मां को बचाने की कोशिश की, लेकिन बच्चे ने जन्म ले लिया और महिला की मौत हो गई.

Intro:रायगढ़ जिले के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सारंगढ़ के कोसीर से आए गर्भवती महिला के प्रसव के समय मौत हो गई जिसके बाद परिजनों ने डॉक्टर के ऊपर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया।

Byte01 निरंजन पटेल मृतिका के पति
Byte02 सुधीर बाबू विभाग अध्यक्ष प्रसूति एवं स्त्री रोगBody:शनिवार को जिले के सारंगढ़ के कोसीर गांव से प्रसव कराने आई महिला की डॉक्टरों की लापरवाही से मौत हो गई। मृतिका के पति का कहना है कि 29 वर्षीय प्रेमलता पटेल को प्रसव कराने के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल लाए जहां पर प्राथमिक जांच के बाद उसे डॉक्टर ने खून की कमी बताया। प्रेमलता के पति निरंजन को ब्लड सैंपल देते हुए बी पॉजिटिव खून लाने के लिए ब्लड बैंक भेजा जहां रिजल्ट ब्लड बैंक अधिकारी से बी पॉजिटिव खून की मांग की तब उन्होंने पुनः जांच करने के लिए ब्लड सैंपल से जांच की तो पता चला कि प्रेमलता का ब्लड ग्रुप ओ पॉजिटिव है इसे डॉक्टर से सुधर वाकर ले आओ उसके बाद ही हम खून दे पाएंगे। जब निरंजन डॉक्टर के पास सुधरवाने गया तब डॉक्टर वहां नहीं मिले और इस तरह से उसको खून नहीं मिल पाया तब तक प्रेमलता की मौत हो चुकी थी और उसने एक बच्चे को जन्म दे दिया था। अब परिजन इसके लिए अस्पताल प्रबंधन को जिम्मेदार मान रहे हैं।
Conclusion:पूरे मामले में प्रसूति विभाग के अध्यक्ष सुधीर बाबू का कहना है कि मृतिका को कोई खून नहीं चढ़ाया गया था उसकी हालत बेहद नाजुक थी और ब्लड प्रेशर बढ़ा हुआ था ऐसी स्थिति में या तो बच्चे को बचाया जा सकता था या उसकी मां को हमने उसकी मां को बचाने की कोशिश की लेकिन बच्चा जन्म ले चुका और महिला की मौत हो गई। खून लाने और ब्लड ग्रुप में गड़बड़ी के बाद की जांच की जाएगी फिलहाल महिला की मौत एक हादसा है जो गर्भावस्था के इस दौरान प्रसव के समय हो सकता है।
Last Updated : Jul 14, 2019, 10:35 AM IST
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