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केमिकल इंडस्ट्रीज से गांव में फैल रहा जहर, बीमार हो रहे ग्रामीण

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Published : Oct 2, 2019, 3:31 PM IST

रायगढ़ जिला औद्योगिक नगरी के रूप में विकसित हो रहा है, लेकिन उद्योगों के साथ गांवों में विनाश भी बढ़ता जा रहा है. तमनार ब्लॉक के देलारी गांव में 9 सौ लोगों की आबादी के बीच 8 उद्योग संचालित है. इसमें से एक गुरुश्री केमिकल इंडस्ट्री गांव के भीतर ही स्थापित है, जिससे निकलने वाली धुआं और गंदे पानी से गांव के लोगों का जीना दूभर हो गया है.

केमिकल इंडस्ट्रीज से गांव में फैल रहा जहर,

रायगढ़: देलारी ग्राम पंचायत में गुरुश्री केमिकल प्लांट से निकलने वाले रसायन युक्त गंदे पानी और जहरीली गैस की वजह से गांव के लोग भयंकर बीमारी का चपेट में आ रहे हैं. उद्योग से निकलने वाले गैस में सल्फर की मात्रा इतनी अधिक है कि लोगों को सांस लेने में भी मुश्किल हो रही है.

केमिकल इंडस्ट्रीज से गांव में फैल रहा जहर,
पानी में सल्फर की मात्रा ज्यादा होने से खेत-खलिहान के साथ पेड़-पौधे को भारी नुकसान हो रहा है. हालात ये है कि सुबह उठते ही लोगों के आंख में जलन होने लगती है. वहीं बंद कमरों से बाहर खुले में आने पर सांस लेने में परेशानी होती है. कंपनी के पास में ही बने प्राथमिक शाला में बच्चे मिड-डे-मील तक नहीं खा पा रहे हैं. ग्रामीणों ने मामले में कई बार कलेक्टर और एसपी से इसकी शिकायत की है, लेकिन मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई है.प्रदूषण से फैल रही बीमारीजिम्मेदारों की अनदेखी से परेशान ग्रामीण अब पूरी तरह से कंपनी के खिलाफ मोर्चा खोलने के मूड में आ गए हैं. ग्रामीण कंपनी को बंद कराने की मांग कर रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि प्रदूषण का स्तर इतना भयानक हो गया है कि गांव के लोगों में कई तरह की बीमारियां शुरू हो गई है. गांव के ही एक ग्रामीण ने बताया कि प्लांट के अंदर काम करने के कारण उसके गले में ट्यूमर हो गया है. डॉक्टर भी इस ट्यूमर का कारण प्रदूषण को ही बता रहे हैं.ग्रामीणों का आरोप है कि उद्योग लगाने से पहले 2012 में पंचायत से यह NOC लिया था कि यहां हम पानी पाउच बनाने की फैक्ट्री लगाएंगे, लेकिन 2016 में जब केमिकल प्रोडक्शन का काम शुरू हुआ तब से यह समस्या सामने आ रही है. पूरे मामले में पर्यावरण अधिकारी का कहना है कि इस उद्योग की शिकायत लगातार ग्रामीणों के द्वारा किया जा रहा है और इस पर संज्ञान लेते हुए बिजली कटौती के आदेश दिए गए हैं.
Intro:स्पेशल स्टोरी/

यूं तो रायगढ़ जिला प्रदेश के मानचित्र में औद्योगिक नगरी के रूप में विकसित हो रहा है लेकिन उद्योगों के साथ गांव का विनाश भी बढ़ता जा रहा है ताजा मामला है रायगढ़ जिले के तमनार ब्लाक के अंतर्गत ग्राम पंचायत देलारी का जहां 900 की आबादी वाले गांव से लगे 8 उद्योग संचालित है। जिसमें से एक गुरु श्री केमिकल इंडस्ट्रीज गांव के भीतर ही लगा हुआ है। केमिकल उद्योग के धुआं और निकलने वाले गंदे पानी के प्रभाव से गांव के लोग बीमारी की चपेट में आ रहे हैं।

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byte ग्रामीण
byte आरके शर्मा, पर्यावरण अधिकारी।


Body:रायगढ़ जिले के देलारी ग्राम पंचायत में गुरु श्री केमिकल प्लांट से निकलने वाले रसायन युक्त गंदे पानी और जहरीली गैस की वजह से लोगों में भयंकर बीमारी बढ़ रहा है। उद्योग से निकलने वाली गैस में सल्फर की मात्रा इतनी अधिक होती है कि लोगों को सांस लेना मुश्किल हो जाता है जबकि वही सल्फर पानी में घुल कर और रसायनों के साथ मिलकर सल्फ्यूरिक एसिड बनाता है जिससे खेत खलिहान और पेड़ पौधे जल रहे हैं। गांव की ताजा स्थिति यह है कि सुबह उठते ही लोगों के आंख में जलन महसूस होती है वही बंद कमरों से बाहर खुले में आने पर सांस लेने में परेशानी होती है। उद्योग के किनारे प्राथमिक शाला है जिसमें बच्चे मिड-डे मील को नहीं खा पाते। लगातार ग्रामीणों के द्वारा जिले के कलेक्टर एसपी पर्यावरण अधिकारी को इसकी सूचना देने के बाद भी उद्योग अपने प्रदूषण पर लगाम नहीं लगा रहा है। आलम यह हो गया है कि ग्रामीण अब पूरी तरह से विरोध के मूड में आ गए हैं और कंपनी को बंद कराने की मांग कर रहे हैं।

ग्रामीणों का कहना है कि प्रदूषण का स्तर इतना भयानक हो गया है कि गांव के लोगों में कई तरह की बीमारियां शुरू हो गई है जिनमें लोगों की त्वचा पर लाल धब्बे और जलन महसूस होता है वही गांव के ही एक ग्रामीण ने बताया कि प्लांट के अंदर काम करने के कारण उसके गले में ट्यूमर हो गया है। डॉक्टर भी इस ट्यूमर का कारण प्रदूषण को ही बता रहे हैं।

ग्रामीण महिलाओं का कहना है कि बच्चों में यह भयंकर असर दिख रहा है वह ठीक से खा नहीं पा रहे हैं और हवे में सल्फर की वजह से सड़े अंडे की बदबू आती है जिससे ठीक से सांस भी नहीं ले पाते।
ग्रामीणों का आरोप है कि उद्योग लगाने से पहले 2012 में पंचायत से यह NOC लिया था कि यहां हम पानी पाउच बनाने की फैक्ट्री लगाएंगे लेकिन 2016 में जब केमिकल प्रोडक्शन का काम शुरू हुआ तब यह समस्या सामने आई।


Conclusion: पूरे मामले में पर्यावरण अधिकारी का कहना है कि इस उद्योग की शिकायत लगातार ग्रामीणों के द्वारा किया जा रहा है और हमने भी इस पर संज्ञान लेते हुए बिजली कटौती के आदेश दिए हैं। 6 महीने पहले आदेश देने के बाद भी उद्योग संचालित हो रहे हैं के जवाब में उन्होंने कहा कि जल्द ही बिजली काट दी जाएगी जिसके बाद उद्योग का प्रोडक्शन ही बंद हो जाएगा और प्रदूषण नहीं होगा।

byte आर के शर्मा, पर्यावरण अधिकारी, (चेम्बर में बैठे)
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