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मानसून ने जाते-जाते महासमुंद में बर्बाद कर दी सैकड़ों एकड़ फसल

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Published : Oct 22, 2019, 4:48 PM IST

Updated : Oct 22, 2019, 5:19 PM IST

महासमुंद में बीते तीन दिन से बारिश हो रही है. इससे किसानों की चिंता बढ़ गई है. घान कटने का समय आ गया है. ऐसे में बारिश ने सैकड़ों एकड़ धान की फसल को बर्बाद कर दी है.

किसानों की फसलें बर्बाद

महासमुंद: महासमुंद जिले में बारिश रुकने का नाम नहीं ले रही है. तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है. धान की फसल बारिश के कारण खेतों में गिर गई है. खेत में पानी भर जाने के कारण पूरी फसल बर्बाद हो गई है.

जिन किसानों ने फसल काट ली थी, उनकी फसल खेत में रखे होने के कारण पूरी तरह पानी में भीग जाने से लगभग बर्बाद हो गई है. किसान इस परिस्थिति में शासन-प्रशासन से मुआवजे की उम्मीद लगा रहे हैं. वहीं कृषि विभाग के आला अधिकारी कुछ नुकसान होने की बात कहते हुए क्षति का आकलन करने को कह रहे हैं.

औसत 10 एमएम बारिश
पूरे महासमुंद जिले में 2 लाख 40 हजार 410 हेक्टेयर में धान की फसल लगाई गई है. बीते 19 अक्टूबर को 21 एमएम, 20 अक्टूबर को 9 एमएम और 21 अक्टूबर को 10 एमएम औसत बारिश ने किसानों की फसल को काफी नुकसान पहुंचाया है.

70 प्रतिशत आबादी कृषि पर निर्भर
महासमुंद जिले की लगभग 70 प्रतिशत आबादी कृषि पर निर्भर है, इसके बावजूद अन्नदाताओं की फसल कभी बारिश की कमी तो कभी अधिक बारिश के कारण बर्बाद हो रही है. बहरहाल देखना यह होगा कि शासन-प्रशासन किसानों की क्या मदद करती है.

Intro:एंकर- महासमुंद जिले में रूक-रूक कर हुवे तीन दिनों तक की बारिश ने किसानों की चिंता बढा दी है । धान की फसल बारिश के कारण खेतो में गिर गयी है । खेत में पानी भर जाने के कारण पूरी फसल जलमग्न हो गई । जिन किसानों ने फसल काट ली थी उनकी फसल खेत में रखे ही पूरी तरह पानी में भींग जाने के कारण बालिया झड गई है । किसान इस परिस्थिति में जहाॅ शासन-प्रशासन से मुआवजे की उम्मीद लगाये हुवे है ,वही कृषि विभाग के आला अधिकारी कुछ नुकसान होना स्वीकार करते हुवे क्षति का आकंलन करवाने कर बात कह रहे है । Body:व्हीओ 01- महासमुंद जिले में 2 लाख 40 हजार 410 हेक्टेयर में धान की फसल लगाई गयी है । बीते 19 अक्टूबर को 21 मिमी , 20 अक्टूबर को दशमलव 9 मिमी , 21 अक्टूबर को 10 मिमी औसत वर्षा ने किसानों की फसल काफी बर्बाद कर दी है । जिससे किसान काफी चिंतित है । धान की फसल बारिश के कारण खेतो में गिर गयी है । खेत में पानी भर जाने के कारण पूरी फसल जलमग्न हो गई है। जिन किसानों ने फसल काट ली थी उनकी फसल खेत में रखे ही पूरी तरह पानी में भींग जाने के कारण बालिया झड गई है । जिससे किसान को चिंता सता रही है कि पानी में भींग जाने के कारण फसल बर्बाद तो हो रहा है साथ ही भींग जाने के कारण उत्पादन में भी कहीं न कहीं कमी आ जायेगी । किसान अब शासन-प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहे है । Conclusion:व्हीओ 02- इस पूरे मामले पर कृषि विभाग के आला अधिकारी कुछ नुकसान होना स्वीकार करते हुवे क्षति का आकंलन करवाने कर बात कह रहे है ।गौरतलब है कि महासमुंद जिले की लगभग 70 प्रतिशत आबादी कृषि पर निर्भर है । उसके बावजूद अन्नदाताओ की फसल कभी बारिश की कमी तो कभी अधिक बारिश के कारण बर्बाद हो रही है । बहरहाल देखना होगा कि शासन-प्रशासन किसानों की क्या मदद करती है ।


बाइट 01- शीतल सिन्हा - किसान ग्राम कछारीडीह पहचान नीले कलर का हाफ टीशर्ट
बाइट 02- एवन साहू - किसान सरपंच ग्राम को कोसमर्रा पहचान माथे पर टीका और प्लेन शर्ट
बाइट 03- व्ही पी चैबे - उप संचालक कृषि पहचान कत्थे कलर का फुल शर्ट


हकीमुद्दीन नासिर रिपोर्टर ईटीवी भारत महासमुंद छत्तीसगढ़ मो. 9826555052
Last Updated :Oct 22, 2019, 5:19 PM IST
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