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Children Locked School : 5 साल से नहीं मिले टीचर, जेवरा स्कूल में छात्रों ने ताला जड़कर किया प्रदर्शन, मनाने पहुंचे बीईओ

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Published : Jul 29, 2023, 4:50 PM IST

Updated : Jul 30, 2023, 11:21 PM IST

Children Locked School
स्कूली बच्चों ने स्कूल में जड़ा ताला

Children Locked School बसना के जेवरा में स्कूली बच्चों ने शिक्षक की मांग पूरी नहीं होने पर स्कूल में ताला जड़ दिया. छात्रों का आरोप है कि कई बार आवेदन देने के बाद भी स्कूल में शिक्षकों का इंतजाम नहीं हुआ. स्कूल में पिछले 5 साल से साइंस सहित प्रमुख विषयों को टीचर ही नहीं है.

स्कूली बच्चों ने स्कूल में जड़ा ताला

महासमुंद : छत्तीसगढ़ के कई स्कूलों में अब भी शिक्षकों की पर्याप्त व्यवस्था नहीं हो सकी है. शिक्षा सत्र शुरू करने से पहले शिक्षा विभाग ने स्कूलों में पर्याप्त शिक्षकों के इंतजाम होने के दावे किए थे. लेकिन कई स्कूल अब भी शिक्षकविहीन हैं. महासमुंद के बसना का जेवरा उच्चतर माध्यमिक स्कूल में शिक्षक नहीं होने से छात्र कोर्स में पिछड़ रहे हैं. शिक्षक नहीं होने से पढ़ाई प्रभावित हो रही है. इसके विरोध में छात्रों ने स्कूल में ताला जड़कर प्रदर्शन किया.

शिक्षकों का नहीं हो सका इंतजाम : महासमुंद जिले के शासकीय उच्चर माध्यमिक विद्यालय जेवरा में शिक्षक नहीं होने का दर्द छात्र छात्राएं झेल रहे थे.कई बार अधिकारियों को शिक्षकों की कमी के बारे में बताया गया. लेकिन 230 छात्रों वाले इस स्कूल के लिए शिक्षक का इंतजाम ना हो सका. स्कूल पालक समिति, ग्रामीण और शिक्षक लगातार शिक्षकों की मांग को लेकर विभाग और जनप्रतिनिधि से पत्राचार करते रहे. लेकिन कोई असर नहीं हुआ. आखिरकार थक हारकर बच्चों समेत पालकों ने स्कूल में ताला जड़कर आंदोलन करना शुरू किया.

5 साल से नहीं हैं साइंस और भूगोल के टीचर: आंदोलन कर रहे विद्यार्थियों ने अपनी समस्याओं लेकर बताया कि पिछले 5 साल से स्कूल में शिक्षक की कमी है. भूगोल, जीव-विज्ञान, रसायन, हिन्दी, राजनीति और अर्थशास्त्र जैसे विषयों के शिक्षक नहीं हैं. जिससे छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है. अफसरों से कई बार शिक्षकों की मांग करते रहने के बाद भी सुनवाई नहीं हो रही है. इसके कारण आंदोलन करना पड़ा.छात्रों ने शिक्षक की मांग पूरी नहीं होने तक स्कूल नहीं खोलने की बात पर अड़े रहे. वहीं स्कूल में तालाबंदी की सूचना पर आए ब्लॉक शिक्षा अधिकारी बच्चों को मनाते हुए स्कूल में शिक्षकों की व्यवस्था जल्द करने की बात कही.

उच्च अधिकारियों मंत्रियों तक हम अपनी समस्या बताते आए हैं. लेकिन यह मौजूदा सरकार कमीशनखोरी की सरकार हैं. जो सिर्फ कमीशन में काम करती हैं, हमारी समस्याओं को सुनने वाला यहां कोई नहीं है. -वृंदावति पाण्डेय, जिला पंचायत सदस्य

स्कूल में तालाबंदी के अब तक तीन मामले: जिले में ये कोई पहला मामला नहीं है.जब शिक्षक की मांग पर स्कूल में तालाबंदी की गई हो. इसी महीने में अलग-अलग जगहों पर छात्रों ने स्कूलों में तालाबंदी की है.


पहला मामला : 4 जुलाई को ग्राम बंबूरडीह के आश्रित गांव रामाडबरी में छात्रों ने स्कूल में ताला लगाया. यहां के ग्रामीण शिक्षकों की अनुपस्थिति की समस्या को लेकर कलेक्टर जनचौपाल पहुंचे थे.

दूसरा मामला : 10 जुलाई को शासकीय हाईस्कूल अमलोर के विद्यार्थियों ने शिक्षक की मांग को लेकर स्कूल में ताला जड़ा. इसके बाद बच्चों ने स्कूली बैग को मुख्यमंत्री निवास में छोड़ा.बच्चे स्कूल में सिर्फ एक शिक्षिका से ही सारे विषय की पढ़ाई करवाने से परेशान थे.

तीसरा मामला : 15 जुलाई को शिक्षक की कमी को लेकर शासकीय उच्चतर माध्यमिक गढ़सिवनी के विद्यार्थियों ने स्कूल में ताला जड़ा.इस स्कूल में 176 छात्र हैं. भौतिक विज्ञान, जीव विज्ञान, भूगोल, हिन्दी, वाणिज्य विषय के शिक्षक नहीं हैं. जिससे पढ़ाई प्रभावित हो रही है.

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शिक्षा स्तर सुधारने के लिए सरकार लाख दावे करती है.लेकिन हर बार स्कूल में तालाबंदी के मामले सामने आते हैं.छात्रों और पालकों को आश्वासन देकर स्कूल तो खुलवा लिए जाते हैं.लेकिन स्कूलों में शिक्षकों की व्यवस्था नहीं की जाती.जिसके कारण बच्चों का भविष्य दाव पर लगता है.

Last Updated :Jul 30, 2023, 11:21 PM IST
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