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Special: गजराज के आतंक पर अंकुश लगाएगा ये स्वदेशी कॉलर आईडी, ग्रामीणों को करेगा सचेत

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Published : Jun 15, 2020, 6:25 PM IST

प्रदेश में हाथियों का आतंक बढ़ता ही जा रहा है. इसे देखते हुए शहर के दो नौजवानों ने एक सिस्टम तैयार किया है. इस सिस्टम से हाथी प्रभावित इलाके के लोग हाथियों के आने से पहले ही सचेत हो सकते हैं.

Engineer created caller ID
कॉलर आईडी लगाएगा हाथियों पर रोक

महासमुंद: छत्तीसगढ़ में हाथियों के आतंक ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. हाथियों ने अकेले महासमुंद में ही 19 लोगों को मौत की नींद सुला दिया. इसके साथ ही कुछ लोगों को घायल भी कर दिया. सरकार ने मृतक के परिवारों मुआवजा भी दिया. आतंकी दतैल हाथियों को काबू करने के सारी कोशिशे भी फेल हो गई. इस बीच शहर के दो युवा इंजीनियरों ने स्वदेशी ऑटोमेटिक कॉलर आईडी बना कर आत्मनिर्भर भारत बनाने की ओर कदम बढ़ाया है.

हाथियों से सचेत करेगा ये कॉलर आईडी

महासमुंद के रहने वाले दो कंप्यूटर इंजीनियर सब्यसाची पाणिग्रही और सिद्धार्थ चंद्राकर ने फरवरी में हाथियों से पीड़ित ग्रामीणों को जानकारी देने के लिए एक ऐप बनाया था. लेकिन इस महंगे विदेशी कॉलर आईडी पर आधारित ऐप में मैनुअली सिस्टम में कई दिक्कतें सामने आ रही थी. तो दोनों ने मिलकर अब पूर्ण ऑटोमैटिक स्वदेशी कॉलर आईडी बनाया है. इन इंजीनियरों ने प्रिक्स मिशन कॉलर आईडी नाम से ये सिस्टम बनाया है. जिसके जरिए जहां सटीक जानकारी अधिकारियों को मिलेगी. वहीं समय से पहले हाथियों के 4 किलोमीटर दूर होने पर हूटर बजने से ग्रामीण सचेत भी होंगे.

Engineer created caller ID
सिग्नल देगा ये सिस्टम

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हाथी की दिनचर्या पर रखेगा नजर

5 इंच की लंबाई चौड़ाई और करीब आधा किलोग्राम वजनी इस कॉलर आईडी की बैटरी सौर ऊर्जा के साथ-साथ हाथियों के हाथियों के चलने पर रिचार्ज होती रहेगी. वहीं ये सिस्टम बनाने वाले इंजिनीयर ने बैटरी लाइफ टाइम होने का दावा किया है. माइक्रोकंट्रोलर सिंगल पेज इन डिवाइस नाम की बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम से लैस इस कॉलर आईडी में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग के द्वारा हाथी की दिनचर्या की जानकारी, 24 घंटे सरवर में रिकॉर्ड होते रहेगी.

Engineer created caller ID
कॉलर आईडी

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कम नेटवर्क में भी काम करेगा सिस्टम

10 से 12 लाख के विदेशी कॉलर आईडी के मुकाबले इस स्वदेशी और सटीक कॉलर आईडी को करीब साढ़े तीन लाख रुपए की लागत से तैयार किया गया है. सब्यसाची ने बताया कि दूसरे वन्यप्राणियों पर उपयोग के लिए इस डिवाइस की साइज और वजन को कम ज्यादा किया जा सकता है. साथ ही गर्मी, बरसात और ठंड से बेअसर यह कॉलर आईडी कम नेटवर्क मिलने पर भी बखूबी अपना काम करेगा. दोनों इंजीनियर आने वाले समय में मॉडल में कैमरा भी लगाने का विचार कर रहे हैं. जिससे केरला में हाल ही में हाथी के साथ हुए हादसे की पूनरावृत्ति को रोका जा सके.

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