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हाथी के इलाज के लिए बैंगलुरू से पहुंची विशेषज्ञों की टीम, हालत में सुधार का किया दावा

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Published : Jun 18, 2020, 1:53 AM IST

Updated : Jun 18, 2020, 12:34 PM IST

14 जून से बीमार हाथी के इलाज के लिए बैंगलुरू से विशेषज्ञों की टीम कोरबा पहुंच गई है. डाॅ. अरुण शाह ने बताया कि हाथी के पेट में कीड़ों का संक्रमण है, जिसके कारण वह कुछ खा-पी नहीं पा रहा था. हाथी को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराकर उसका इलाज किया जा रहा है.

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बेंगलुरु से पहुंची विशेषज्ञों की टीम

कोरबा: कोरबा वनमंडल अंतर्गत कुदमुरा वनपरिक्षेत्र के कठराडेरा गांव में 14 जून से बीमार हाथी के इलाज के लिए बैंगलुरू से विशेषज्ञों की टीम कोरबा पहुंच गई है. अब बेंगलुरू के विशेषज्ञ चिकित्सकों की निगरानी में हाथी को विशेष चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है. प्रशासन का दावा है कि हाथी की हालत में लगातार सुधार हो रहा है.

Elephant treatment
हाथी का इलाज

हाथी के स्वास्थ्य की जानकारी लेने बुधवार को कोरबा कलेक्टर किरण कौशल भी मौके पर पहुंचीं. यहां उन्होंने वनमंडलाधिकारी सहित डॉक्टर्स से हाथी के इलाज की पूरी जानकारी ली. कलेक्टर ने दवाओं के साथ-साथ हाथी के लिए भोजन की भी पर्याप्त व्यवस्था रखने के लिए वन अमले को निर्देशित किया. उन्होंने हाथी के इलाज के लिए प्रशासन की ओर से सभी संभव सहायता उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया.

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विशेषज्ञों की टीम कोरबा पहुंची

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बैंगलुरू से आई वाइल्ड लाइफ विशेषज्ञों की टीम

इस दौरान अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी संजय अग्रवाल, डीएफओ एन गुरूनाथन, डिप्टी कलेक्टर देवेन्द्र प्रधान, बैंगलुरू से आए वाइल्ड लाइफ विशेषज्ञ डाॅ. अरुण ए शाह और डाॅ. प्रयाग एचएस भी मौजूद रहे. डाॅ. अरुण शाह ने बताया कि हाथी के पेट में कीड़ों का संक्रमण है, जिसके कारण वह कुछ खा-पी नहीं पा रहा था. हाथी को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराकर उसका इलाज किया जा रहा है. साथ ही हाथी जल्दी रिकवर हो, इसके लिए उसे दवाईयों के साथ ही विशेष आहार भी दिया जा रहा है.

Team of experts reached Korba
विशेषज्ञों की टीम कोरबा पहुंची

डाॅक्टरों ने जल्द ठीक होने की जताई उम्मीद

हाथी के मलमूत्र, खून और गले की लार को भी विशेष जांच के लिए रायपुर स्थित लैब भेजा गया है. जांच रिपोर्ट मिलते ही हाथी को विशेष दवाईयां देनी शुरू की जाएगी. डाॅ. अरुण शाह ने बताया कि हर दो घंटे में तापमान और सांस की गति को नापा जा रहा है. उसे बेहतर सुविधा और आराम देने के लिए हर 6 घंटे में करवट दिलाई जा रही है. हाथी के हड्डियों को नुकसान से बचाने के लिए विशेष दवाईयां और स्प्रे भी किए जा रहे हैं. डाॅक्टरों ने उम्मीद जताई है कि कुछ ही दिनों में यह नर हाथी पूरी तरह ठीक हो जाएगा.

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वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट की टीम भी पहुंची कठराडेरा गांव

डीएफओ एन गुरूनाथन ने बताया कि यह हाथी 14 जून को अपने झुंड से बिछड़कर कठराडेरा गांव में एक ग्रामीण के घर में घुस गया था. जहां वह किसान के घर के आंगन में पेट के बल लेट गया था. प्रारंभिक तौर पर कोरबा में उपलब्ध विशेषज्ञ, पशु चिकित्सकों ने हाथी की जीवन रक्षा के लिए प्राथमिक इलाज किया था. हाथी की हालत में सुधार नहीं होने की स्थिति में कोरबा और बिलासपुर से वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट की टीम भी कठराडेरा पहुंची हुई है.

आसपास के गांवों में अलर्ट जारी

कलेक्टर किरण कौशल ने गुरमा और आसपास के गांवों के निवासियों को हाथियों से सर्तक और सजग रहने की अपील की है. कलेक्टर ने कहा है कि अपने झुंड से बिछड़कर आए अर्द्धव्यस्क हाथी की खोज में हाथियों का झुंड गांव तक पहुंच सकता है, इसलिए सभी लोगों को इनसे सर्तक रहना चाहिए, अपने घरों में बहुत ज्यादा धान का भंडारण नहीं करें. महुआ और शराब न रखें, कटहल, केला, सब्जी और फलों को भी घरों से दूर रखें.

गांवों में मुनादी कराने के निर्देश

कलेक्टर ने वन अमले को लगातार ग्रामीण इलाकों में पेट्रोलिंग करने और पहले से ही हाथियों से बचाव के सभी इंतजाम रखने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने जनपद पंचायत के सीईओ, कोटवारों के माध्यम से हाथियों से बचाव संबंधी मुनादी भी गांव-गांव में कराने के निर्देश दिए हैं. कलेक्टर ने हाथी की स्थिति और किए जा रहे इलाज को देखते हुए उसके जल्द ही स्वस्थ होने की भी संभावना जताई है.

Last Updated :Jun 18, 2020, 12:34 PM IST
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