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कोंडागांव में फर्जी बिजली बिल दिखाकर ग्रामीणों से वसूली, अधिकारी बेखबर

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Published : Sep 22, 2020, 7:48 PM IST

Updated : Sep 22, 2020, 11:33 PM IST

कोंडागांव के कोहकामेटा गांव में बीपीएल श्रेणी में आने वाले परिवारों से फर्जी बिजली बिल दिखाकर वसूली की जा रही है. विद्युत विभाग के कर्मचारी पर ही वसूली का आरोप है.

Recovery from villagers by showing fake electricity bill
ग्रामीणों से फर्जी वसूली

कोंडागांव: केशकाल ब्लॉक के कोहकामेटा ग्राम पंचायत में सभी बीपीएल श्रेणी के परिवारों से फर्जी बिजली बिल दिखाकर वसूली की जा रही है. ग्रामीणों को फर्जी बिल पकड़ाकर दर्जन भर घरों में वसूली की जा चुकी है. बिजली विभाग के ही किसी कर्मचारी पर इस फर्जीवाड़े को अंजाम देने का आरोप है. बिजली विभाग इस संबंध में किसी भी तरह की जानकारी नहीं होने की बात कह रहा है.

ग्रामीणों से फर्जी वसूली

बता दें कि कांग्रेस सरकार की ओर से चुनावी घोषणा पत्र में यह वादा किया गया था कि यदि उनकी सरकार सत्ता में आती है तो प्रदेश भर के बीपीएल परिवारों को 40 यूनिट तक निःशुल्क बिजली दी जाएगी. केशकाल में सरकार की इस योजना का क्रियान्वयन होता नजर नहीं आ रहा है, क्योंकि केशकाल विद्युत विभाग के एक कर्मचारी की ओर से फर्जी तरीके से बिजली बिल बना कर लोगों से अवैध वसूली की जा रही है.

Recovery from villagers by showing fake electricity bill
ग्रामीणों से फर्जी वसूली

विभागीय कर्मचारियों पर वसूली का आरोप

कोहकामेटा में रहने वाले लगभग परिवार बीपीएल कार्ड धारक हैं. जिन्हें शासन की योजना के तहत 40 यूनिट तक बिजली मुफ्त दी जा रही है. यदि कोई 40 यूनिट से ज्यादा बिजली का इस्तेमाल करता है तो उस यूनिट की राशि का भुगतान करना होगा. लेकिन केशकाल के विद्युत विभाग के कर्मचारी बिजली बिल की फोटो कॉपी करवा कर सील, हस्ताक्षर, पिछली रीडिंग और वर्तमान रीडिंग के बिना ही उसमें फर्जी तरीके से कीमत डालकर ग्रामीणों से अवैध वसूली कर रहे हैं. ग्रामीणों से 40 यूनिट बिजली के एवज में 500 से 700 रुपये तक की वसूली की जा रही है.

Recovery from villagers by showing fake electricity bill
ग्रामीणों से फर्जी वसूली

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ग्रामीणों को बिजली काटने की धमक

ग्रामीणों ने बताया कि कर्मचारी ने कहा कि कोरोना काल की वजह से वो घर-घर जाकर बिजली बिल दे रहे हैं. जिसका भुगतान भी तुरंत करना होगा. यदि तुरंत भुगतान नहीं किया जाता तो थोड़ी ही देर में घर की बिजली सप्लाई बंद कर दी जाएगी. जिसके कारण ग्रामीणों ने पैसे न होने के बाद भी कहीं न कहीं से व्यवस्था कर उक्त कर्मचारी को पैसे दिए.

दोषियों पर की जाएगी कार्रवाई: सहायक कनिष्ठ अभियंता

विद्युत विभाग के सहायक कनिष्ठ अभियंता राजेन्द्र नेताम ने बताया कि सोमवार को उन्हें जानकारी मिली कि विभाग के कर्मचारी इस तरह का काम कर रहे हैं. कनिष्ठ अभियंता ने मामले जांच किए जाने की बात कह रहे हैं. अभियंता ने कहा कि अगर आरोप सही साबित होता है तो कर्मचारी पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. साथ ही जिन ग्रामीण उपभोक्ताओं से बिजली बिल के नाम पर पैसे लिए गए हैं, उन सभी को पैसे वापस कर दिए जाएंगे.

Last Updated : Sep 22, 2020, 11:33 PM IST
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