ETV Bharat / state

Kanker News : धर्मांतरित व्यक्ति के अंतिम संस्कार पर बवाल, हर्राठेमा गांव में नहीं दफनाने दिया शव

author img

By

Published : Jun 3, 2023, 11:03 PM IST

कांकेर के भानुप्रतापपुर में एक बार फिर धर्मांतरित परिवार में मृत्यु के बाद शव दफनाने को लेकर विवाद हुआ. विवाद के बाद परिवार ने शव गांव से दूर दूसरी जगह जाकर दफनाया. मामले की खास बात ये है कि पुलिस ने भी परिवार को गांव में शव दफनाने से मना किया था.

Uproar over funeral of converted person
धर्मांतरित व्यक्ति के अंतिम संस्कार पर बवाल

धर्मांतरण के बाद शव दफनाने को लेकर बवाल

कांकेर : छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण के बाद अक्सर ऐसे मामले सामने आते है जिसमें धर्म बदलने वाले परिवार में किसी की मौत के बाद शव दफनाने को लेकर विवाद होता है. ऐसा ही एक मामला भानुप्रतापपुर विकासखंड के हर्राठेमा गांव में सामने आया, जहां ईसाई धर्म अपना चुके एक परिवार को शव दफनाने से रोका गया. ग्रामीणों ने परिवार के ईसाई धर्म अपनाने पर ऐतराज जताया है. गांव वालों ने परिवार को शव नहीं दफनाने दिया.

गांव वालों ने शव दफनाने से रोका : मृतक मरहाराम कड़ियां के पुत्र राजेंद्र कड़ियाम ने बताया कि ''मेरे पापा की तबियत खराब रहने के कारण जिला अस्पताल कांकेर में भर्ती कराया गया था .जिनकी मृत्यु 2 जून को जिला अस्पताल में हुई. जब मैं अपने गांव की खुद की जमीन में शव दफनाने शव लाया तो गांव वालों ने रोक दिया. वहीं कोरर थाना में शिकायत दर्ज कराने पंहुचे परिजनों को पुलिस ने दूसरी जगह अंतिम संस्कार करने को कहा. जिसके बाद भानुप्रतापपुर में शव का अंतिम संस्कार कराया गया. लगातार इस तरह परेशान करने से ईसाई समाज में आक्रोश है.''

अशांति फैलने के डर से दूसरे जगह शव दफनाया : इस मामले में कोरर टीआई ने चाणक्य नाग ने बताया कि ''गांव मे विवाद की स्थिति निर्मित हो गई थी. किसी तरीके से अशान्ति न फैले उसे देखकर भानुप्रतापपुर में शव दफनाने का परिजनों को आग्रह किया था.परिजनों ने भानुप्रतापपुर में शव को दफना दिया है.'' पूरे मामले में गांव परिवार वालों के साथ आपसी सामंजस्यता बैठक की जा रही है.

नारायणपुर में धर्मांतरित व्यक्ति का शव दफनाने को लेकर बवाल
आदिवासी से ईसाई बनीं महिला के अंतिम संस्कार पर रोक
पति ने किया था धर्मांतरण, दारू मुर्गा का भोज कराने पर मिली अंतिम संस्कार की अनुमति


शव दफनाने से रोकने का पहला मामला नहीं : बस्तर में शव दफनाने से रोकने का ये पहला मामला नहीं है.पहले भी धर्मांतरण कर चुके परिवारों को शव दफनाने में समस्याओं का सामना पड़ा था. कई बार ग्रामीणों ने दफनाए गए शव को खोदकर भी निकाला. ऐसे मामलों में पुलिस और जिला प्रशासन बड़ी ही सावधानी से समस्याओं को सुनकर उनका निराकरण करती है. क्योंकि एक तरफ जहां आदिवासी इसे अपनी मिट्टी का अपमान मानते हैं. वहीं ईसाई समाज खुद के साथ हो रही नाइंसाफी की बात कहकर न्याय की मांग करता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.