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कांकेर में बाल आरक्षक का दर्द, पिता का साया सिर से उठा तो मां ने अकेला छोड़ा

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Published : Jun 27, 2022, 6:25 PM IST

कांकेर में पिता की मृत्यु के बाद मासूम बाल आरक्षक बनकर अपना जीवन यापन कर रहा(Pain of child constable in Kanker) है.वहीं बच्चों की मां किसी और के साथ भाग गई. जिससे अब पिता की पेंशन का फायदा बच्चों को नहीं मिल रहा है.

Pain of child constable in Kanker
कांकेर में बाल आरक्षक का दर्द

कांकेर : जिला मुख्यालय के एसपी ऑफिस में एक अजीब मामला सामने आया है. यहां पर दो बच्चों की मां ने पिता की मौत के बाद पहले तो 5 साल तक उनकी पेंशन अपने खाते में ली. वहीं जब बच्चे बड़े हुए तो दोनों को छोड़कर किसी और के साथ चली (Mother left child constable and sister in Kanker) गई. अब बच्चों के पिता की पेंशन मां के खाते में जा रही है. वहीं बच्चे पढ़ाई और जरुरी सुविधाओं के लिए तरस रहे(Pain of child constable in Kanker) हैं.

कांकेर में बाल आरक्षक का दर्द

क्या है मामला : जिले के भानुप्रतापपुर विकाखण्ड के कोड़ेकुर्से के रहवासी बाल आरक्षक, जिनका कोरबा जिले में पोस्टिंग है. 5 साल पहले दंतेवाड़ा में उसके पिता की पोस्टिंग थी. जिसकी मृत्यु हो जाने के बाद 12 वर्षीय पुत्र को अनुकम्पा में बाल आरक्षक का पद मिला. बाप की मृत्यु के 2 महीने बाद मां भी बाल आरक्षक और छोटी सी बहन को छोड़कर चली गई. बाप का पेंशन मां के खाते में जा रहा है जिसके कारण बच्चों को जीवन यापन करने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. छोटी बहन और बाल आरक्षक दादा के साथ रह रहे हैं. स्कूली शिक्षा का फीस देने में भी बच्चों को परेशानी हो रही है.

बच्चों ने एसपी से लगाई गुहार : बाल आरक्षक ने एसपी शलभ सिन्हा से गुहार (Complaint to Kanker SP Shalabh Sinha) लगाई है. बच्चों ने कहा कि ''उनकी मां के खाते में पेंशन बन्द कर बाल आरक्षक के खाते में पेंशन डाली जाए. बच्चों ने कहा कि उनकी मां किसी दूसरे व्यक्ति के साथ भाग गई है. उनका पालन पोषण नही कर रही. इसीलिए पेंशन बन्द किया जाए.''

चाइल्ड लाइन की मदद से सामने आया केस : पूरे मामले को लेकर यूनिसेफ के चाइल्ड राइट्स (Kanker Child Line brought the matter to the fore) के लिए काम कर रहे अमनोल बेदरकर कहते है कि ''दोनों बच्चो ने मुझे जानकरी दिया था कि जिस स्कूल में यह पढ़ रहे हैं वहां का फीस नही दे पा रहे हैं. मेरे पूछने पर बच्चों ने बताया कि उनके पापा पुलिस में थे. जिनकी मृत्यु के बाद वो बाल आरक्षक बने हैं. 5 साल से उनकी मां के खाते में पेंशन का पैसा आता है. लेकिन उनकी माँ भी छोड़कर चली गई है. जिसके कारण बच्चों के भरण पोषण में दिक्कत आ रही है. इनका भविष्य गर्त में न जाए इसीलिए आज एसपी से पूरे मामले को अवगत कराया गया है.''

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