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धान खरीदी के सिर्फ 4 दिन: 11 हजार से ज्यादा किसानों ने अब तक नहीं बेचा धान

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Published : Jan 24, 2021, 10:39 AM IST

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कांकेर में धान खरीदी

कांकेर में गणतंत्र दिवस और शनिवार-रविवार की छुट्टी के बाद सिर्फ 4 दिन ही धान खरीदी के लिए बचे है. जिले में अब भी 11 हजार से ज्यादा किसान है, जिन्होंने धान नहीं बेचा है.

कांकेर: जिले में अब तक 70 हजार से अधिक किसान समर्थन मूल्य पर अपना धान बेच चुके हैं. किसान से 27 लाख क्विंटल से अधिक धान की खरीदी हो चुकी है.दूसरी ओर समर्थन मूल्य पर खरीदी के लिए निर्धारित तिथि में अब चार खरीदी दिवस ही बचे हैं और जिले में 11 हजार से अधिक पंजीकृत किसानों से धान की खरीदी की जानी अब भी शेष है. कई खरीदी केंद्रों में धान का अंबार लगा हुआ है और उठाव की रफ्तार धीमी है, ऐसी स्थिति में कई खरीदी केंद्रों में जगह के अभाव के चलते खरीदी कार्य प्रभावित हो सकता है.

धान खरीदी के सिर्फ 4 दिन

समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए 31 जनवरी अंतिम तिथि निर्धारित की गई है. जिले में 81 हजार 806 पंजीकृत कृषक हैं, जिनमें से अब तक 70 हजार 216 किसानों से समर्थन मूल्य पर 27 लाख 34 हजार 5 सौ 93 मीट्रिक टन धान खरीदा जा चुका है.जिसमें 66 हजार 60 किसान ऐसे हैं, जिन्होंने एक बार ही धान बेचा है और 4 हजार 156 कृषक ऐसे हैं, जो एक से अधिक बार खरीदी केंद्र में अपना धान लेकर पहुंचे हैं, 11 हजार 614 पंजीकृत किसान ऐसे भी हैं, जिन्होंने अब तक अपना धान नहीं बेचा है. गणतंत्र दिवस व शनिवार-रविवार की छुट्टियां होने से खरीदी कार्य बंद रहेगा. जिसके चलते 31 जनवरी तक केवल 4 खरीदी दिवस ही शेष रह गए हैं. ऐसी स्थिति में चार दिनों में जिलेभर में लगभग 11 हजार किसानों से धान खरीदी की जानी है. खरीदी कार्य में सबसे बड़ी बाधा उठाव की रफ्तार का धीमा होना है. खासकर नए खरीदी केंद्रों में जहां जगह का अभाव है, ऐसी जगहों पर उठाव की गति तेज नहीं होने के कारण खरीदी कार्य प्रभावित हो रहा है. साथ ही बारदानों की कमी भी एक प्रमुख समस्या बनी हुई है.

पढ़ें: SPECIAL: कांकेर में बारदाने की कमी, अब तक धान नहीं बेच पाए 30% किसान

जिले में जूट बारदाने की कमी की समस्या बनी हुई है. कई केंद्र ऐसे हैं, जहां बारदाने पूरी तरह खत्म हो चुके हैं. इन केंद्रों में किसानों के बारदाने के भरोसे खरीदी कार्य जारी है. जूट बारदानों की व्यवस्था नहीं होने के बाद अब प्लास्टिक बारदानों के सहारे शेष दिनों में खरीदी कार्य किया जाएगा. जिसके लिए एक लाख प्लास्टिक बारदाने मिल चुके हैं. समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का कार्य शुरू होने के बाद से ही बारदाने की उपलब्धता को लेकर सवाल उठने लगे थे. एक ओर जहां केंद्र सरकार से कम बारदाने मिलने की बात सामने आ रही थी, दूसरी ओर कोरोना के चलते इस वर्ष जूट बारदाना का उत्पादन भी प्रभावित रहा था. जिसके चलते सरकार को किसानों के बारदाने में खरीदी का निर्णय लेना पड़ा. शुरुआती दिनों में जहां किसानों को कम संख्या में बारदाने लाने पड़ रहे थे, वहीं बाद में यह अनुपात बढ़कर 50-50 प्रतिशत हो गया और आगे चलकर किसानों के 70 प्रतिशत बारदानों में खरीदी की जा रही है.

डीएमओ प्रवीण पैकरा ने बताया कि धान खरीदी के लिए जिले को 3 लाख प्लास्टिक बारदाने देने का आदेश हुआ है, जिसमें से 1 लाख बारदाने मिल गए हैं. 75 हजार बारदाने का खरीदी केंद्रों में वितरण कर दिया गया है, जिससे बारदाने की कमी की समस्या दूर हो सके. साथ ही किसानों के बारदाने से भी खरीदी कार्य जारी रहेगा.

पढ़ें: छत्तीसगढ़ में 22 जनवरी तक 86.50 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी

छत्तीसगढ़ में धान खरीदी का पिछले 20 साल का रिकॉर्ड टूट गया है. धान खरीदी के रिकॉर्ड का ग्राफ हर दिन के साथ बढ़ता जा रहा है. खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में 22 जनवरी तक प्रदेश में 86 लाख 50 हजार 164 मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई है. अब तक राज्य के 19 लाख 83 हजार 658 किसानों ने समर्थन मूल्य पर अपना धान बेचा है. राज्य के मिलर्स को 28 लाख 85 हजार 825 मीट्रिक टन धान का डीओ जारी किया गया है. मिलर्स ने अब तक 26 लाख 6 हजार 203 हजार मीट्रिक टन धान का उठाव कर लिया है. सरकार की ओर से अब तक 14 हजार 960 करोड़ रुपए का भुगतान किसानों के खाते में ऑनलाइन किया गया है. छत्तीसगढ़ में 1 दिसंबर 2020 से 31 जनवरी तक धान की खरीदी होनी है.

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