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अंतरजातीय विवाह करने की 'सजा', अंतिम संस्कार के लिए समाज ने मांगे 30 हजार !

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Published : Nov 21, 2019, 12:19 PM IST

Updated : Nov 21, 2019, 1:20 PM IST

अंतरजातीय विवाह करने से खफा समाज वालों ने व्यक्ति के अंतिम संस्कार से पहले परिवार पर 30 हजार रुपए का अर्थदंड लगाया. परिजनों ने जब इतने पैसे देने में असमर्थता जताई तो समाज के लोगों ने अर्थी उठाने तक से इनकार कर दिया.

अंतिम संस्कार के लिए समाज ने मांगे 30 हजार

जांजगीर-चांपा: दुनिया को परिवार मानने वाली धरती के लोगों ने अमानवीयता की हद पार कर दी. अंतरजातीय विवाह करने से खफा समाज वालों ने व्यक्ति के अंतिम संस्कार से पहले अर्थदंड के रूप में 30 हजार रुपए की मांग रखी. परिजनों ने जब इतने पैसे देने में असमर्थता जताई, तो समाज के लोगों ने अर्थी उठाने तक से इनकार कर दिया.

अंतरजातीय विवाह करने पर मिली सजा

कचंदा में रहने वाले समाज के ठेकेदारों ने घर में रखे शव को उसके अंतिम अधिकार के लिए इंतजार कराया. मालखरौदा के पास कचंदा गांव में रहने वाले लखनलाल चौहान के बड़े बेटे सीआर चौहान की 17 नवंबर को सड़क दुर्घटना में मौत हो गई. अंतिम संस्कार के लिए जब उसका शव गांव लाया गया तो समाज वालों ने इस वजह से अर्थी को कंधा देने से इनकार कर दिया क्योंकि उसने अंतरजातीय विवाह किया था.

एक तरफ घर के लोग अर्थी के उठने का इंतजार कर रहे थे, वहीं दूसरी तरफ घर में समाज के लोगों की मीटिंग चल रही थी. समाज के लोगों ने लखनलाल और उसके छोटे बेटे से 30 हजार के अर्थदंड की मांग की, जिसे देने में परिवार ने असमर्थता जताई. पैसे न मिलने पर समाज के लोगों ने अर्थी को कंधा देने से इनकार कर दिया.

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एंकर- जांजगीर चाम्पा जिले में कचंदा के कुछ सामाजिक ठेकेदारों का अमानवीय चेहरा सामने आया है। घर में अंतिम संस्कार के लिए रखे पार्थिव शरीर और परिवार में फैले मातम के बीच कथित समाज के ठेकेदारों ने अमानवीयता का परिचय देते हुए अंतिम संस्कार करने के एवज में एक परिवार को 30 हजार के अर्थदंड से दंडित कर दिया। घर में पसरे मातम को देखते हुए परिवार ने इतनी बड़ी राशि देने में असमर्थता व्यक्त की। पीड़ित परिवार ने हाथ जोड़कर अर्थदंड घटाकर 5 हजार देने की बात कही, जिसे समाज के जिम्मेदार लोगों ने अस्वीकार कर अर्थी उठाने से मना कर दिया। जिसके बाद अखिल विश्व गायत्री परिवार के कार्यकर्ताओं ने पीड़ित परिवार को संबल प्रदान करते हुए वैदिक मंत्रोच्चार के बीच अंतिम संस्कार किया।

दरअसल, जांजगीर चाँपा जिले के मालखरौदा से लगे कचंदा गांव में लखनलाल चौहान अपने परिवार के साथ रहता हैं। श्री चौहान के बड़े बेटे सीआर चौहान जशपुर उद्यान विभाग में शासकीय कर्मचारी के रुप में पदस्थ रहा। बीते 17 नवंबर को सड़क दुर्घटना में सीआर चौहान की मौत हो गई जिन्हें अंतिम संस्कार के लिए 18 नवंबर को रात्रि 8 बजे उनके गृहग्राम कचंदा लाया गया। यहां कुछ सामाजिक कारणों से उनके समाज के लोगों ने उनका अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया। एक ओर घर के लोग सजी अर्थी के उठने का इंतजार कर रहे थे वहीं दूसरी ओर पितरलाल चौहान के घर में चौहान समाज के उपाध्यक्ष राधे,रामलाल,पितरलाल,श्रवण,रवि,दुर्गाप्रसाद व अन्य की उपस्थिति में सामाजिक बैठक किया जा रहा था जिसमें लखनलाल चौहान व उनके छोटे बेटे दिलहरण चौहान को कटघरे में रखकर उन्हें दंडित किया जा रहा था।

बाइट-1 वेदप्रकाश चौहान, चौहान समाज जिला सचिव( सामाजिक बहिष्कार पर खेद प्रकट कर अपना विरोध प्रकट भी किया)

बाइट2-दिलहरण चौहान , मृतक का छोटा भाईBody:,,,,,Conclusion:,,,,,
Last Updated : Nov 21, 2019, 1:20 PM IST
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