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बस्तर: जांच प्रतिवेदन की मांग को लेकर चतुर्थ वर्ग कर्मचारी संघ करेंगे अनिश्चितकालीन उपवास

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Published : Oct 2, 2020, 1:16 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST

जगदलपुर में 2 अक्टूबर से चतुर्थ वर्ग कर्मचारी संघ 1 सूत्रीय मांग को लेकर अनिश्चितकालीन उपवास पर बैठेंगे. सीधी भर्ती प्रक्रिया में हुए फर्जीवाड़ा की जांच प्रतिवेदन की मांग को लेकर ये अनिश्चितकालीन उपवास पर जाएंगे.

Government Fourth Class Employees Union Bastar
चतुर्थ वर्ग कर्मचारी संघ का अनिश्चितकालीन उपवास

बस्तर: जिला स्कूल, आश्रम छात्रावास शासकीय चतुर्थ वर्ग कर्मचारी संघ ने अपनी 1 सूत्रीय मांग को लेकर 2 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन उपवास करने की चेतावनी दी है. कर्मचारियों ने कहा है कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होती, तब तक वे अनिश्चितकालीन उपवास पर डटे रहेंगे. उन्होंने कहा कि जब जिले से धारा 144 हट जाएगी, तब वे आमरण अनशन पर बैठेंगे.

दरअसल चतुर्थ वर्ग कर्मचारी संघ 2014 में हुई सीधी भर्ती प्रक्रिया में फर्जीवाड़े के जांच प्रतिवेदन की मांग कर रहे हैं, जो उन्हें आज तक नहीं मिल सका है, जिसके चलते उन्होंने अब जांच प्रतिवेदन के लिए अनिश्चितकालीन उपवास करने का मन बना लिया है.

चतुर्थ वर्ग कर्मचारी संघ का अनिश्चितकालीन उपवास

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आज तक जांच प्रतिवेदन सामने नहीं आ सका

चतुर्थ वर्ग कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष रघुनाथ पाणिग्राही ने बताया कि साल 2014 में आदिमजाति कल्याण विभाग में 849 पदों के लिए सीधी भर्ती प्रक्रिया निकाली गई थी. इसमें विभागीय अधिकारियों ने जमकर फर्जीवाड़ा किया था. इस मामले के लिए 22 जनवरी 2019 को 2 सदस्यीय जांच टीम का भी गठन किया गया और इस मामले की जांच भी की गई, लेकिन जांच पूरे हुए आज डेढ़ साल बीतने को है, लेकिन अब तक इस मामले का जांच प्रतिवेदन सामने नहीं आ सका है.

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144 हटने के बाद आमरण अनशन पर

कर्मचारियों का कहना है कि प्रतिवेदन मांगने पर उन्हें नहीं दिया जाता है. इस मामले में पूरी तरह से लीपापोती का आरोप कर्मचारियों ने लगाया है. कर्मचारियों का कहना है कि जब तक उन्हें जांच प्रतिवेदन नहीं मिल जाता, तब तक वे 2 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन उपवास पर डटे रहेंगे. क्योंकि जिले में कोरोना को देखते हुए धारा 144 लागू है. इस वजह से केवल अनिश्चितकालीन उपवास पर सभी कर्मचारी रहेंगे और धारा 144 हटने के साथ ही अनिश्चितकालीन आमरण अनशन पर बैठेंगे.

2014 में हुआ था फर्जीवाड़ा

गौरतलब है कि 2014 में आदिमजाति कल्याण चतुर्थ वर्ग की भर्ती में जमकर फर्जीवाड़ा किया गया था. उसके बाद से अब तक इस मामले की जांच का प्रतिवेदन सामने नहीं आ सका है और इस प्रतिवेदन की मांग को लेकर कर्मचारी लामबंद हो गए हैं.

Last Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST
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