ETV Bharat / state

Bastar Dussehra 2023: बस्तर दशहरा का विशाल रथ बनकर हुआ तैयार, 60 कारीगरों की लगी मेहनत, अब उमड़ेगा आस्था का सैलाब !

author img

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Oct 16, 2023, 10:55 PM IST

Updated : Oct 16, 2023, 11:18 PM IST

Bastar Dussehra 2023
बस्तर दशहरा 2023

Bastar Dussehra 2023: बस्तर दशहरा में आकर्षण का केन्द्र विशाल रथ बनकर तैयार है. इस रथ को कारीगर अंतिम रूप दे रहे हैं. इस बार 4 चक्के का रथ बनाया गया है. हर साल की तरह इस साल भी बस्तर दशहरे पर भक्तों की भारी भीड़ उमड़ने की संभावना जताई जा रही है.

बस्तर दशहरा का विशाल रथ बनकर हुआ तैयार

बस्तर: पूरे देश में दशहरा का पर्व बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. दशहरे पर पूरे देश में रावण का पुतला दहन किया जाता है. हालांकि बस्तर में दशहरा पर रावण दहन नहीं किया जाता. यहां 75 दिनों तक दशहरा पर्व मनाया जाता है. बस्तर दशहरे में 12 से अधिक अद्भत रस्में निभाई जाती है. जो कि अपने आप में बेहद खास है. बस्तर दशहरा में विशाल रथ आकर्षण का केन्द्र होता है. इस रथ पर बस्तर की आराध्य देवी मां दंतेश्वरी के छत्र को सवार करके पूरे शहर में घुमाया जाता है. इस रथ को स्थानीय कारीगर मिलकर तैयार करते हैं. अभी बस्तर में रथ का निर्माण कार्य लगभग पूरा कर लिया गया है. कारीगर रथ को अंतिम रूप दे रहे हैं.

इन लकड़ियों से तैयार होता है रथ: इस खास रथ को तैयार करने में 3 तरह की लकड़ियों का इस्तेमाल किया जाता है. सबसे अधिक साल की लकड़ियों का इसमें इस्तेमाल होता है. साल की लकड़ी से चक्का, खंभा, बिछाने का फारा तैयार होता है. टियोंस लकड़ी से एक्सेल बनाया जाता है. वहीं, आदन और अरजात की लकड़ी का भी इसमें इस्तेमाल किया जाता है. इस विशाल रथ को बनाने में करीब 50-60 कारीगर बेड़ा उमरगांव और झाड़ उमरगांव से पहुंचते हैं. 25 दिनों के भीतर इस रथ को तैयार कर लिया जाता है. कभी-कभी 4 तो कभी 8 चक्कों का रथ बनाया जाता है. इस साल 4 चक्का वाला रथ तैयार किया जा रहा है.

ऐसे की जाती है रथ की सजावट: 25 दिनों तक कड़ी मेहनत करने के बाद रथ को स्थानीय कारीगर सिरहासार भवन के सामने खड़ा कर देते हैं. इसके बाद रथ को फूलों की माला और कपड़ों से सजाया जाता है. फिर जोगी बिठाई रस्म निभाई जाती है. इस रस्म के बाद दंतेश्वरी देवी के छत्र को रथ पर विराजमान कर परिक्रमा करवाया जाता है. इस रथ को स्थानीय लोग खींचते हैं.

बस्तर दशहरा इसीलिए खास है क्योंकि इसमें बस्तर की आराध्य देवी मां दंतेश्वरी के छत्र को विशालकाय रथ पर रखकर पूरे शहर का भ्रमण कराया जाता है. खास बात यह है कि इस रथ को आज भी पारम्परिक तरीके से ही तैयार किया जाता है. रथ यात्रा के दौरान लोगों की भारी भीड़ उमड़ती है.- राम ठाकुर, स्थानीय

Bastar Dussehra 2023: बस्तर दशहरा के अनोखे रस्म काछन गादी की तैयारियां पूरी, जानिए कौन निभाएगा ये रस्म ?
Jogi Bithai Ritual : बस्तर दशहरे की एक और अनोखी रस्म जोगी बिठाई हुई पूरी, जानिए 9 दिनों तक हल्बा जाति का युवक क्यों रहता है निर्जला व्रत
Bastar Dussehra Kachngadi: बस्तर दशहरा की महत्वपूर्ण रस्म काछन गादी हुई पूरी , राजा को देवी से मिली पर्व मनाने की अनुमति

ये है मान्यताएं: मान्यता है कि 615 साल पहले बस्तर के राजा पुरुषोत्तम देव अपनी प्रजा के साथ बस्तर से पैदल ओडिशा के जगन्नाथ पुरी पहुंचे थे. यहां से उन्हें भगवान जगन्नाथ की ओर से 16 चक्कों वाले रथ की उपाधि मिली. इसके बाद अपनी प्रजा के साथ रथ को लेकर राजा बस्तर पहुंचे. तब से ही रथ यात्रा की परम्परा चलती आ रही है. 16 चक्कों के रथ को चलाने में दिक्कत होती है. इसलिए अब 8 या फिर 4 चक्कों के रथ की यात्रा निकाली जाती है. इस यात्रा में हजारों की तादाद में भक्त पहुंचते हैं. यही कारण है कि बस्तर दशहरा का ये विशाल रथयात्रा विश्वभर में प्रसिद्ध है.

Last Updated :Oct 16, 2023, 11:18 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.