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दुर्ग में नर नारी किस्म के धान के नाम पर किसानों से धोखा, अब मुआवजे की आस में किसान

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Published : May 24, 2021, 2:53 PM IST

Updated : May 24, 2021, 3:14 PM IST

Farmers cheated in the name of Hybrid nar naari variety of paddy
दुर्ग में किसानों से धोखा

दुर्ग के किसान हाईब्रिड धान के नाम पर ठगे गए हैं. करीब 40 गांवों के किसानों का कहना है कि उन्होंने कई एकड़ में धान की फसल लगाई. धान में बालियां तो निकली लेकिन उसमें दाने ही नहीं निकले. किसानों का कहना है कि उनका लाखों रुपयों का नुकसान हुआ है.

दुर्ग: छत्तीसगढ़ के दुर्ग में किसानों के साथ धोखाधड़ी का मामला सामने आया है. बायर सीड्स प्रोडक्शन नामक कंपनी ने धमधा ब्लॉक के करीब 40 गांव के किसानों को बेहतर बीज देने के नाम पर धोखा दिया है. नर नारी किस्म की हाइब्रिड धान की खेती करने के लिए कंपनी ने धमधा ब्लॉक के करीब 250 किसानों को अपने झांसे में लिया. उसके बाद लगभग 12 सौ एकड़ में नर नारी धान की खेती करवाई. किसानों की फसल इस तरह बर्बाद हुई कि उन्हें उनका लागत मूल्य भी मिलना मुश्किल हो गया है. वहीं किसानों को अब अपने कर्ज का डर सताने लगा है. कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे के क्षेत्र में किसानों के साथ ही धोखाधड़ी किए जाने के बाद अब सरकार पर भी सवाल उठने शुरू हो गए हैं.

दुर्ग में किसानों से धोखा

40 गांव के 250 किसानों ने 1200 एकड़ में की खेती

दुर्ग जिले में बीते साल नकली कीटनाशक की सप्लाई कर किसानों को धोखा देने का मामला सामने आया था. जिसके चलते फसल बर्बाद होने पर कुछ किसानों ने आत्महत्या भी कर ली थी. इस साल लॉकडाउन में सब्जी उत्पादन में नुकसान झेल रहे किसानों को नकली बीज देकर और उन्हें बर्बाद कर दिया गया है. धमधा ब्लॉक के लगभग ढाई सौ किसानों को कंपनी ने अपना शिकार बनाया है. धमधा क्षेत्र के 40 गांव में जाकर बायर सीड्स प्रोडक्शन कंपनी के एजेंटों ने किसानों को अपने झांसे में लिया और नर नारी किस्म की धान की फसल लेने को तैयार किया.

गिरते दामों से परेशान किसान ने 10 एकड़ टमाटर की फसल में लगाई आग

किसानों के अनुसार कंपनी ने किसानों को उनके ही विशेषज्ञ के मार्गदर्शन में खेती कराने की बात कही. लगभग 250 किसानों ने करीब 1200 एकड़ में हाइब्रिड धान नर नारी की खेती की. शुरुआत में धान की फसल में भरपूर बालियां भी निकली, लेकिन जब कटाई की बारी आई तो देखा की बालियों में दाने ही नहीं पड़े. जबकि कंपनी ने दावा किया था कि प्रति एकड़ 10 से 15 कुंटल उत्पादन होगा और उनसे यह धान 6500 रुपये प्रति क्विंटल पर खरीदी जाएगी. लेकिन किसानों के खेतों से यह धान प्रति एकड़ बमुश्किल 1 से 2 क्विंटल ही पैदावार हो रहा है. किसानों ने बताया कि उनका लागत ही प्रति एकड़ 35 हजार है. इस तरह धमधा के गोबरा, गोटा, माटरा, राहतादाह, सिली, मोतिमपुर, परसूली, नंदवाय जैसे गांव में जाकर एग्रीमेंट पर बीच की खेती कराने वाली कंपनी अब इन किसानों से धान खरीदने में रुचि नहीं ले रही है.

दुर्ग में किसानों से धोखा

10 फीसदी ही हुआ उत्पादन

इस संबंध में जब ETV भारत ने बायर सीड प्रोडक्शन कंपनी के एरिया मैनेजर अमित देशमुख से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने यह कहकर मना कर दिया कि उनके अधिकारियों ने मीडिया से रूबरू होने से मना किया है. लेकिन, इन सबके बीच अब सवाल यह उठ रहा है कि कंपनी को इस क्षेत्र में बीज बेचने की अनुमति किसने दी. क्योंकि बड़ी तादाद में किसान कंपनी के झांसे में आकर 1200 एकड़ में खेती की है. लॉकडाउन से किसान वैसे भी परेशान है और अब धान का उत्पादन नहीं होने से चिंतित हैं. किसानों का कहना है कि बायर सीड प्रोडक्शन कंपनी के द्वारा खेती कर रहे हैं. नर और मादा किस्म की धान की खेती इस बार किया है, लेकिन नर धान की कटाई हम लोग कर लिए है. मादा धाम में कहीं ना कहीं गड़बड़ी हुई है. मादा धान में केवल 10 परसेंट का ही उत्पादन आने का संभावना है, बाकी 90 परसेंट धान बेकार हो गया है.

किसानों से धोखाधड़ी किए जाने के बाद सियासत तेज

कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे के विधानसभा क्षेत्र का मामला होने की वजह से राजनीति भी गरमा गई है. टूलकिट पर गर्म सियासी पारा अब दुर्ग के किसानों के साथ धोखाधड़ी पर भी बढ़ सकता है. क्योंकि भाजपा नेता इस मुद्दे पर सरकार को घेरने की कोशिश कर रहे हैं. दुर्ग लोकसभा सांसद विजय बघेल ने कहा कि पहले भी नगकी कीटनाशक और खाद कंपनी का मामला सामने आया. अब नकली बीज कंपनियों को इस किसान हितैषी बताने वाली सरकार द्वारा पैसे लेकर अनुमति दिया जा रहा है. इसके चलते भोले-भाले किसानों को अपना फसल बर्बाद कर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए वरना भाजपा उग्र प्रदर्शन करेगी. वहीं दूसरी ओर क्षेत्र के कांग्रेस नेता इस मामले को कृषि मंत्री के संज्ञान में लाने की बात कह रहे हैं.

Last Updated :May 24, 2021, 3:14 PM IST
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