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छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्षदों की कुर्सी खतरे में, अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी में भाजपा, निर्दलीय पार्षद बनेंगे बीजेपी का सहारा

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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Dec 8, 2023, 3:45 PM IST

BJP no confidence motion against Congress
अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी में भाजपा

BJP no confidence motion against Congress: छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्षदों की कुर्सी खतरे में है. यहां बीजेपी कांग्रेस पार्षदों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रही है. इसके लिए बीजेपी निर्दलीय पार्षद का सहारा ले सकती है.

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्षदों की कुर्सी खतरे में

दुर्ग भिलाई: छत्तीसगढ़ में सत्ता परिवर्तन के बाद अब कांग्रेस पार्षदों की कुर्सी खतरे में दिख रही है. भाजपा की जीत के साथ नगरीय निकायों में सत्ता परिवर्तन की सुगबुगाहट शुरू हो गई है. फिलहाल दुर्ग और भिलाई नगर निगम में कांग्रेस की सत्ता है. लेकिन प्रदेश में भाजपा की सत्ता होने के कारण बीजेपी पार्षद अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी में हैं. उनको उम्मीद है निर्दलीय सत्ता के साथ ही रहना चाहेंगे. इसलिए उनको साधना कठिन नहीं है. इसके साथ ही असंतुष्ट कांग्रेस पार्षदों को भी पाले में लाया जा सकता है.

भिलाई में निर्दलीय पार्षदों की अहमियत बढ़ी: दरअसल, भिलाई नगर निगम में सत्ताधारी कांग्रेस सतर्क है. भाजपा यहां अविश्वास प्रस्ताव लाए, इसके पहले ही कांग्रेस अपने पार्षदों को जोड़कर रखने में जुट गई है. दूसरी ओर भाजपा के पार्षद सरकार गठन होने का इंतजार कर रहे हैं. इसके बाद वे शीर्ष नेतृत्व के निर्देश पर अविश्वास प्रस्ताव लाने की बात कह रहे हैं. वहीं, भिलाई नगर निगम के निर्दलीय पार्षदों की अहमियत बढ़ गई है.

भिलाई नगर निगम में अविश्वास प्रस्ताव को लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के निर्देश के बाद चर्चा की जाएगी. दो सालों में बहुत सारे पार्षद अपमानित महसूस किए हैं. वह सभी पार्षद हमारे संपर्क में हैं. साथ ही निर्दलीय पार्षद भी संपर्क में हैं. -भोजराज सिन्हा, नेता प्रतिपक्ष, भिलाई नगर निगम

बागी के वापस आने की संभावना बढ़ी: निगम में 9 निर्दलीय पार्षद हैं. इसमें योगेश साहू, हरिओम तिवारी, राजेंद्र कुमार, रानू साहू, रामानंद मौर्य, अनिता अजय साहू, संतोष नाथ सिंह, इंजीनियर सलमान, वशिष्ठ नारायण मिश्रा शामिल हैं. इन पार्षदों में कुछ को कांग्रेस ने जोन अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी है. वहीं, कुछ भाजपा से बागी होकर चुनाव लड़े और निर्दलीय चुनाव जीते. उनकी भाजपा में वापसी की संभावना जताई जा रही है. भिलाई नगर निगम में भारतीय जनता पार्टी के 24 और कांग्रेस के पास 37 पार्षद हैं. भाजपा को अगर बहुमत चाहिए तो कम से कम और 12 पार्षदों की जरूरत है. ऐसे में वे पहले निर्दलीय, इसके बाद कांग्रेसियों पर डोरे डालेंगे. सत्ता परिवर्तन होने के बाद निर्दलीयों के इधर-उधर होने की आशंका है.

हमारे साथ बहुमत है. हमारे साथ जो भी जुड़े हैं. सब एक साथ हैं. कोई भी अविश्वास प्रस्ताव काम नहीं आएगा. सरकार हमारी ही रहेगी.-नीरज पाल, कांग्रेस के महापौर, भिलाई नगर निगम

बीजेपी में महापौर के तौर पर बड़े चेहरे की कमी: वार्ड में अधिक काम करवाने और लाभ के लिए वे सरकार के साथ जा सकते हैं. निर्दलीय पार्षदों को भाजपा के खेमें में जाने से एमआईसी और जोन अध्यक्ष के तौर पर जिम्मेदारी मिल सकती है. इस लालच में वे भाजपा के साथ जा सकते हैं. भारतीय जनता पार्टी के पास महापौर के तौर पर बड़े चेहरों की कमी नहीं हैं. इसमें भाजपा के पास बड़े चेहरे में भोजराज सिन्हा, दया सिंह, श्याम सुंदर राव शामिल हैं.

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