दंतेवाड़ा : जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में गांववालों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए नई शुरुआत हुई है. स्थानीय प्रशासन ने इसके लिए सुगम स्वास्थ्य योजना शुरू की है. इसके तहत गाड़ियों को एंबुलेंस की तरह इस्तेमाल कर मरीजों को जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचाने में मदद की जाती है और वाहन मालिकों को भुगतान किया जाता है.
गांववालों ने बताया कि पहले अस्तपाल तक पहुंचने में मरीजों को खासी दिक्कतें होती थी. खाट पर लादकर या कंधे पर उठाकर मरीजों को हॉस्पिटल तक पहुंचाना मजबूरी होती थी. लेकिन इस योजना की शुरुआत से उन्हें सहूलियत हो रही है. मरीज के परिजन ने बताया कि अस्पताल में फोन करने से घर तक उनके एंबुलेंस को भेजा जाता है. इससे न सिर्फ मरीज वक्त पर अस्पताल पहुंच पाता है बल्कि इलाज भी जल्दी मिलता है.
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'योजना शुरू होते ही गांववालों को सहूलियत'
दंतेवाड़ा कलेक्टर दीपक सोनी ने बताया कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पहले मरीज को अस्पताल तक पहुंचाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ती थी, लेकिन सुगम स्वास्थ्य योजना की शुरुआत होते ही ग्रामीणों को काफी मदद मिलने लगी है.
गाड़ी मालिकों से करार करके होता है भुगतान
कलेक्टर ने बताया कि ग्राम पंचायतों में जिनके पास गाड़ियां होती हैं, उनके मालिकों से बात करके मरीजों के बारे में जानकारी दी जाती है. गाड़ियों के जरिए पेशेंट्स को हॉस्पिटल पहुंचाया जाता है और वाहन मालिकों को दूरी के हिसाब से पेमेंट की जाती है. उन्होंने कहा कि, हमने स्वास्थ्य रक्षक के रूप में 95 वाहन मालिकों के साथ करार किया है, जो गंभीर रोगियों को आपातकालीन स्थिति में भर्ती कराते हैं. अब तक 28 हजार 2 सौ रुपए का भुगतान किया जा चुका है.