ETV Bharat / state

SPECIAL: क्राउडफंडिंग के जरिये जरूरतमंदों को मिल रही मदद

author img

By

Published : Feb 20, 2021, 8:39 PM IST

हमारे देश में सत्संग, दुर्गा पूजा, गणेश पूजा जैसे कार्यक्रमों के सफल आयोजन के लिए चंदा लिया जाता रहा है. शादी से लेकर अंतिम संस्कार और दूसरे आयोजन भी चंदा लेकर किए जाते हैं. यही ‘चंदे’ का चलन अब ‘क्राउडफंडिंग’ के रूप में तेजी से बढ़ रहा है. इलाज के लिए बड़ी रकम जुटाने के लिए भी क्राउडफंडिंग का सहारा लिया जा रहा है. छत्तीसगढ़ के बिलासपुर की सृष्टि के इलाज के लिए भी क्राउडफंडिंग की जा रही है.

crowdfunding
क्राउडफंडिंग

बिलासपुर: मुंबई की तीरा कामत की तरह ही बिलासपुर में 14 महीने की सृष्टि स्पाइनल मस्कुलर एट्राफी यानी SMA नाम की बीमारी से जूझ रही है. सृष्टि के पिता मूलतः झारखंड के पलामू जिले के रहने वाले हैं. वे कोरबा जिले के दीपिका स्थित SECL में काम करते हैं. बेटी के इलाज के लिए साढ़े 22 करोड़ रुपए की जरूरत है. इतनी बड़ी रकम का इंतजाम करना पिता के लिए मुश्किल है. लेकिन क्राउडफंडिंग के जरिए इस परिवार की उम्मीद जगी है. अबतक 13 लाख 69 हजार से ज्यादा राशि की व्यवस्था हो चुकी है. 1682 से ज्यादा लोगों ने डोनेट किया है.

क्राउडफंडिंग के जरिये जरूरतमंदों को मिल रही मदद

क्या है क्राउडफंडिंग

मुंबई की तीरा और बिलासपुर की सृष्टि समेत हमारे देश में गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए क्राउडफंडिंग के कई मामले सामने आए हैं.

  • क्राउडफंडिंग लोगों के सहयोग से पैसे जुटाने की नई प्रक्रिया है.
  • हमारे देश में मंदिर निर्माण से लेकर छोटे-मोटे सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन के लिए चंदा लिया जाता रहा है.
  • क्राउडफंडिंग चंदे का ही नया स्वरूप है.
  • इसके लिए वेब आधारित प्लेटफॉर्म और सोशल नेटवर्किंग का सहारा लिया जाता है.
  • इसके जरिए जरूरतमन्द अपने इलाज, शिक्षा, व्यापार की आर्थिक जरूरतों को पूरा कर सकते हैं.
  • व्यक्तिगत जरूरतों के साथ ही तमाम सार्वजनिक योजनाओं, धार्मिक कार्यों और जनकल्याण उपक्रमों को पूरा करने के लिए भी लोग इसका सहारा ले रहे हैं.
  • सोशल मीडिया के जरिए लोगों से सहयोग राशि देने की मांग की जाती है.
  • बाकायदा एक अकाउंट नंबर भी जारी किया जाता है.

इस तरह इस अकाउंट में देश-दुनिया में रहने वाले कोई भी इंसान सहयोग राशि भेज सकते हैं. बिलासपुर की सृष्टि के इलाज के लिए भी एक एप की मदद से क्राउडफंडिंग की जा रही है.

छत्तीसगढ़ की 'तीरा': सृष्टि को बचाने 22 करोड़ रुपये की जरूरत

क्राउडफंडिंग की जरूरत क्यों?

दुर्लभ बीमारियों से जूझ रहे लोगों के परिजन आर्थिक तंगी की वजह से इलाज नहीं करा पाते हैं. ऐसे लोगों के लिए क्राउडफंडिंग बहुत उपयोगी है. बिलासपुर की सृष्टि भी दुर्लभ बीमारी SMA टाइप वन(स्पाइनल मस्कुलर एट्राफी) से ग्रसित है. सृष्टि के शरीर में उस जीन की कमी है, जो मांसपेशियों को जिंदा रखने के लिए प्रोटीन तैयार करता है. यह बीमारी मदर और फादर के डिफेक्टिव जीन के कारण बच्चों में आती है. इसके इलाज के लिए जोलजेंसमा इंजेक्शन की जरूरत है. इस इंजेक्शन को स्वीटजरलैंड की नोवार्टिस कंपनी तैयार करती है. एक इंजेक्शन की कीमत 16 करोड़ है. साढ़े 6 करोड़ रुपए इंपोर्ट ड्यूटी भी लगती है. अब इतनी बड़ी रकम जुटाना सृष्टि के पिता की बस की बात नहीं है. लिहाजा उनकी पूरी उम्मीद क्राउडफंडिंग से बंधी है.

सृष्टि की 'सांसों' के लिए सीएम भूपेश बघेल से बात करेंगे स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव

क्राउडफंडिंग के नाम पर धोखाधड़ी भी!

सामाजिक कार्यकर्ता कुणाल शुक्ला कहते हैं कि अच्छे काम के लिए सहयोग राशि लेने का यह जरिया फर्जीवाड़ा करने वालों के एक हथियार के तौर पर भी सामने आया है. आजकल इस तरह के कॉल और पोस्ट की भरमार हो रही है, जिनमें लोगों की भावनाओं से खेल कर सहयोग मांगा जाता है. इसलिए किसी को सहयोग देने से पहले अच्छे तरीके से जांच-परख लेना जरूरी है ताकि आपकी सहयोग राशि उसके हकदार तक ही पहुंचे.

आपसी सहयोग की नई टूलकिट है क्राउडफंडिंग

बहरहाल भारत में क्राउडफंडिंग का चलन बढ़ता जा रहा है. विदेशों में पहले से है, लेकिन भारत के लिये यह तकनीक और प्रक्रिया नई है. लेकिन गरीबों और आर्थिक तंगी की मार झेल रहे लोगों के लिए यह किसी संजीवनी से कम नहीं है. बिलासपुर की सृष्टि और मुंबई की तीरा के परिवारों की उम्मीदें भी क्राउडफंडिंग की बदौलत ही ज़िंदा हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.