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Election Expenses Increased : 20 साल में तिगुना हुआ चुनाव खर्च, जानिए क्यों बढ़ी खर्च सीमा ?

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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Nov 9, 2023, 6:13 AM IST

Election Expenses Increased छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद विधायक चुनाव के खर्च में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. प्रत्याशियों को चुनाव लड़ने और खर्च में नियंत्रण रखने चुनाव आयोग ने खर्च की सीमा तय कर रखी है. यह खर्च दो दशक में 14 लाख से बढ़कर 40 लाख रुपए हो गया है. चुनाव आयोग निर्धारित खर्च की बढ़ोतरी की जा रही है. आयोग चुनाव में बेतहाशा खर्च को रोकने सीमित चुनाव खर्च निर्धारित करती है, लेकिन दो दशक में इसके दोगुनी से भी ज्यादा खर्च निर्धारित कर दी गई है.chhattisgarh Election 2023

Election Expenses Increased
20 साल में तिगुना हुआ चुनाव खर्च

बिलासपुर : चुनाव खर्च में बढ़ोतरी का सबसे बड़ा कारण महंगाई को माना जा रहा है. 20 साल में तीन गुना महंगाई बढ़ी है और यही कारण है कि प्रत्याशियों का चुनावी खर्च बढ़ चुका है. आयोग भी निर्धारित खर्चा बढ़ा रहा है. चुनाव में प्रत्याशियों को ज्यादा प्रचार प्रसार करने का मौका मिलता है. आयोग की मंशा है कि चुनाव प्रचार और प्रत्याशी बिना किसी परेशानी के चुनाव संपन्न करा सके.

महंगाई के कारण खर्च की सीमा बढ़ी : दो दशक पहले एक प्रत्याशी को विधानसभा चुनाव के दौरान कम खर्च करने होते थे लेकिन यह सीमा लगातार बढ़ रहा है. अब ये आंकड़ा 40 लाख रुपए तक पहुंच गया है. छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के बाद 2003 में पहला चुनाव हुआ था. तब प्रत्याशियों के लिए चुनावी खर्च की सीमा 14 लाख रुपए थी. बीते दो दशकों में यह सीमा तीन गुना बढ़ाई गई है. चुनाव में बेतहाशा खर्च को रोकने के लिए आयोग हिसाब किताब रख रहा है.अत्यधिक खर्च होने पर चुनाव खतरे में पड़ जाता है. लेकिन आयोग खुद ही खर्चों में बढ़ोतरी कर रहा है.

क्यों बढ़ाई गई खर्च की सीमा : राजनीति के जानकारी हबीब खान का कहना है कि चुनाव में खर्च का निर्धारण बहुत जरूरी होता है. हर व्यक्ति चुनाव लड़ सके इसके लिए इसका निर्धारण करना अति आवश्यक है .यदि ऐसा ना होगा तो आर्थिक रूप से सामान्य व्यक्ति इस लोकतंत्र के पर्व में हिस्सा नहीं ले पाएगा. आयोग चुनाव खर्च बाजार की कीमतों के मुताबिक तय करता है. आयोग बाजार में बढ़ती महंगाई के साथ ही सामानों की कीमतों और विज्ञापन में निर्धारित अमाउंट के मुताबिक करता है.

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20 साल में तिगुना हुआ चुनाव खर्च : निर्वाचन आयोग चुनाव के दौरान उपयोग होने वाले सामानों और खाद्य सामग्री सहित सभी मशीनरियों के बाजार मूल्य के मुताबिक रेट तय करती है. प्रत्याशियों को इसी के मुताबिक खर्च करने की छूट दी जाती है. दो दशक में बाजार में महंगाई बढ़ी हैं. यही कारण है कि 20 साल में चुनाव खर्च 14 लाख रुपए से बढ़ाकर 40 लाख रुपए तक पहुंच गया है.

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