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बालोद में संविदा कर्मचारी हड़ताल पर, राज्य सरकार के सामने रखी ये मांग

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Published : Sep 19, 2020, 1:00 PM IST

Updated : Sep 19, 2020, 1:21 PM IST

बालोद में संविदा कर्मचारी हड़ताल पर है. उनका कहना है कि कोरोना संक्रमण के बीच वे लोग बिना किसी सुरक्षा के कार्य कर रहे हैं, बावजूद इसके उनके नियमितीकरण की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है.

बालोद
sanvida workers on strike in Balod

बालोद : प्रदेश में एनएचएम संविदा कर्मचारी संघ के आह्वान पर जिले के सभी संविदा कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं.सभी आंदोलनकारी ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी सहित जिला चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में अनिश्चितकालीन धरने पर शांतिपूर्ण ढंग से बैठे हुए हैं.

संविदा कर्मचारियों ने बताया कि, वे कई साल से नियमितीकरण की मांग को लेकर लड़ाई लड़ रहे हैं, इसके अलावा आधे वेतन में ही काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा समान काम, समान वेतन के तहत उन्हें सैलरी देना चाहिए, साथ ही नियमितीकरण भी करना चाहिए. कर्मचारियों ने बताया कि कोरोना संक्रमण में वे बिना किसी सुरक्षा के काम कर रहे हैं'.

संविदा कर्मचारी हड़ताल पर


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अनिश्चितकालीन हड़ताल पर संविदा कर्मचारी

sanvida workers on strike in Balod
संविदा कर्मचारी हड़ताल पर
जिला मुख्यालय अंतर्गत विकास खंड चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में NHM कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हुए हैं. जिले के अलग-अलग ब्लॉक में सभी कर्मचारी हड़ताल कर रहे हैं. हड़ताल करने वाले संविदाकर्मियों ने बताया कि, 'कोरोना संक्रमण काल है और हमारे सुरक्षा के लिए शासन-प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है. नियमित अधिकारी, कर्मचारियों को सरकार का पूरा सहयोग है पर हमारी तरफ किसी ने ध्यान नहीं दिया है. प्रदेश के वर्तमान कांग्रेस सरकार ने पूर्व में विधानसभा चुनाव के दौरान जन घोषणा पत्र में हमें नियमित करने की बात कही थी, लेकिन आज तक नियमितीकरण की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. इससे हम लोग हड़ताल पर जाने के लिए बाध्य हैं'.
संविदा कर्मचारियों की प्रमुख मांगें
NHM के तहत बालोद जिले में कुल 252 अधिकारी, कर्मचारी कार्यरत हैं. इन सभी का कहना है कि, 'केंद्र द्वारा एनएचएम कर्मचारियों का पे स्केल बढ़ाने के लिए कह दिया गया है, पर राज्य में यह बात अटकी हुई है. उन्होंने कहा कि हर साल संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण होता था, लेकिन 1 साल के कार्य को अब 3 महीने कर दिया गया है. नियमित कर्मचारियों का 50 लाख का बीमा है और हमारा कोई सुरक्षा का प्रावधान नहीं है. कर्मचारियों ने मांग की कि उन्हें सम्मानजनक वेतन दिया जाना चाहिए, इसके साथ ही जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती वे धरने पर ही रहेंगे'.

चरमरा सकती है व्यवस्था
बता दें कि कोरोनावायरस के संक्रमण काल में एनएचएम कर्मचारियों ने काफी हद तक जिम्मा संभाल रखा है. ऐसे में उनके हड़ताल पर चले जाने से स्वास्थ्य व्यवस्था गड़बड़ा सकती है. जिले के आला अधिकारी कर्मचारियों से संवाद करने में लगे हुए हैं लेकिन कर्मचारियों का कहना है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होती वे हड़ताल पर डटे रहेंगे.
Last Updated : Sep 19, 2020, 1:21 PM IST
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