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बलरामपुर का उल्टा पानी: सालों से पहाड़ की ओर बहती है जलधारा, फिर भी "जन्नत" नसीब नहीं

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Published : Apr 2, 2022, 9:09 PM IST

Updated : Apr 2, 2022, 9:33 PM IST

बलरामपुर का उल्टा पानी धीरे-धीरे अपना अस्तित्व खोता जा रहा है. स्थानीय लोग इसको लेकर चिंतित हैं, जबकि प्रशासन महज संरक्षण की बात कहकर सांत्वना दे रहा है.

balrampur upside down water
बलरामपुर का उल्टा पानी

बलरामपुर : बलरामपुर के कुसमी में स्थित उल्टा पानी का अस्तित्व धीरे-धीरे खत्म होता जा रहा है. प्रशासन की अनदेखी के कारण आज यह प्राकृतिक धरोहर अपना अस्तित्व खोता जा रहा है. इस भीषण गर्मी में भी उल्टा पानी में पानी की कोई कमी नहीं, फिर भी प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है. अब अधिकारी इसके संरक्षण की बात कर रहे हैं.

क्षेत्रवासियों के लिए जीवनदायिनी है उल्टा पानी : प्राकृतिक धरोहर और संपदा से परिपूर्ण बलरामपुर में कई ऐसे धरोहर हैं, जिनका अस्तित्व धीरे-धीरे खत्म होने लगा है. उनमें से एक स्थान है उल्टा पानी. यह कुसमी-सामरी मुख्य मार्ग पर स्थित है. यहां की विशेषता यह है कि पानी सालों से पहाड़ की तरफ चढ़ता है. यह लोगों के लिए न सिर्फ आकर्षण का केंद्र है बल्कि यह क्षेत्र के लिए जीवनदायिनी भी माना जाता है. भीषण गर्मी में भी यहां का पानी कभी नहीं सूखता और यहां जल की धारा कलकल बहती रहती है.

सालों से पहाड़ की ओर बहती है जलधारा

उल्टी गंगा के नाम से इसे जानते हैं लोग : यहां के लोग इसे उल्टी गंगा के नाम से पुकारते हैं. लेकिन प्रशासन की अनदेखी के कारण आज इसका अस्तित्व ही खतरे में पड़ गया है. स्थानीय लोगों की मानें तो उल्टी गंगा का उपयोग वे पीने के पानी, नहाने व अन्य कार्यों के लिए करते हैं. प्रशासन की अनदेखी यहां ऐसी है कि यहां इसका बोर्ड भी लगा हुआ था, वह भी किसी ने उखाड़ लिया है. आलम यह है कि पानी अभी भी नीचे से ऊपर की ओर चल तो रहा है, लेकिन न तो यहां बोर्ड है और न ही इसके संरक्षण की ही कोई कोशिश की जा रही है.

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कोई भी रुककर बरबस पी लेता है दो घूंट पानी : इस भीषण गर्मी में भी यहां पानी लगातार बह रहा है. कड़ी दोपहरी में भी जब कोई व्यक्ति यहां से गुजरता है तो दो घूंट पानी जरूर पी लेता है. स्थानीय लोगों की मानें तो इसे एक पर्यटक स्थल के रूप में विकसित किया जा सकता है. लेकिन न तो नेता और न ही अधिकारी इस पर ध्यान दे रहे हैं. हालांकि इस बारे में जब हमने जनपद पंचायत के सीईओ से बात की तो उन्होंने भी इसकी विशेषता बताई. उन्होंने कहा कि इसका संरक्षण जरूर किया जाएगा.

तो बलरामपुर की पहचान बन जाता यह पानी...: सरगुजा जिले के मैनपाट में उल्टा पानी की शुरुआत कुछ साल पहले ही हुई है. लेकिन बलरामपुर जिले का यह उल्टा पानी कई सालों से लगातार बह रहा है. अगर सही तरीके से इसका संरक्षण किया जाता तो आज जिले की पहचान में इसका नाम सबसे पहले आता. बहरहाल, अब देखने वाली बात होगी कि भीषण गर्मी में जो लोगों की प्यास बुझा रहा है, उस उल्टा पानी के संरक्षण पर प्रशासन कोई ध्यान देता है यहीं.

Last Updated : Apr 2, 2022, 9:33 PM IST
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