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बलरामपुर के बछवार पारा में बन रहा पहला स्कूल भवन, कई किलोमीटर पहाड़ी चढ़कर पैदल सामान ले जा रहे मजदूर

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Published : Aug 6, 2022, 1:15 PM IST

Updated : Aug 6, 2022, 11:49 PM IST

first school building in gram panchayat khadiadamar: बलरामपुर के बछवार पारा में लगभग 18 साल बाद स्कूल भवन बन रहा है. मिट्टी के कच्चे मकान में बैठकर पढ़ने वाले बच्चों को जल्द ही पक्का स्कूल भवन मिल जाएगा. स्कूल बनने के लिए समय तो बहुत ज्यादा लगा लेकिन आज भी स्कूल की राह आसान नहीं है. स्कूल भवन बनाने मजदूर अपने कांधों पर सामान लेकर कई किलोमीटर दुर्गम पहाड़ की चढ़ाई कर रहे हैं. (Balrampur laborers climbing difficult climb to build school )

School building built in Bachwar Para Balrampur
बलरामपुर के बछवार पारा में बन रहा स्कूल भवन

बलरामपुर: हर बच्चे का एक अच्छे स्कूल में पढ़ने का सपना होता है. शहरों में तो ये सपने आसानी से पूरे हो जाते हैं लेकिन गांव में ये मिलना जरा मुश्किल है. हालांकि अब सरकारों के साथ ही जनप्रतिनिधि और वहां मौजूद लोगों की पहल पर ये भी संभव हो पा रहा है. ऐसा ही कुछ बलरामपुर जिले के बछवार पारा में देखने को मिला है. लगभग 18 साल बाद इस दुर्गम क्षेत्र में पहला स्कूल भवन बन रहा है. स्कूल बनाने का काम शुरू हो चुका है. गुरुवार को स्कूल की नींव खुदाई का काम हुआ. (School building built in Bachwar Para Balrampur)

बछवार पारा में बन रहा पहला स्कूल भवन: बलरामपुर का बछवार पारा अति दुर्गम क्षेत्र में आता है. यहां पहुंचने के लिए पहाड़ की चढ़ाई पूरी करनी पड़ती है. ऐसे में एक अच्छे स्कूल भवन के बारे में सोचना भी बड़ी बात है. गांव में कच्चे मकान में स्कूल चलता है. जहां 40 बच्चे अपना भविष्य संवार रहे हैं. सालों से गांव वालों ने एक पक्के स्कूल भवन की मांग की. जिस पर सरकारों ने हामी भी भरी लेकिन स्कूल भवन नहीं बन पाया. हालांकि अब कलेक्टर की पहल पर स्कूल भवन बन रहा है. (School building in inaccessible area of ​​Balrampur )

बलरामपुर के बछवार पारा में बन रहा स्कूल भवन

कांधे पर सामान ढोकर पहाड़ी पर पैदल चढ़ रहे मजदूर: बलरामपुर का ये गांव काफी दुर्गम क्षेत्र में आता है. कई किलोमीटर पहाड़ की चढ़ाई कर गांव पहुंचना पड़ता है. लिहाजा स्कूल बनाने के लिए लगने वाली सामग्री लाने में भी मजदूरों को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है. ये सभी चीजें मैदानी इलाकों से लाई जा रही है. मजदूर पैदल अपने कांधों पर स्कूल भवन के लिए लगने वाली सामग्री, बल्ली, दरवाजा और दूसरा सामान लेकर गांव पहुंच रहे हैं. जो काफी मुश्किलों भरा काम है. लगभग 8 से 9 किलोमीटर की पहाड़ी चढ़ाई तयकर मजदूर गांव पहुंच रहे हैं.

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स्कूल भवन स्वीकृत होने के बाद बदल गई कई सरकारें: बलरामपुर कलेक्टर विजय दयाराम (Balrampur Collector Vijay Dayaram) ने बताया " बछवार पारा पहुंचविहीन क्षेत्र है. जहां पहुंचने के लिए 8 से 9 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है. यहां के प्राथमिक स्कूल में 40 बच्चे पढ़ रहे हैं. लगभग 18 से 20 साल पहले इस क्षेत्र में स्कूल भवन को मंजूरी मिली थी. लेकिन दूरी और पहुंचविहीन होने के कारण स्कूल नहीं बन पाया. इलाके के लोगों की हमेशा से स्कूल भवन की मांग रही. पिछले जनदर्शन में इस बात पर संज्ञान लिया गया. सीइओ जनपद को वहां काम शुरू करने को कहा गया. पहाड़ी चट्टानों का रास्ता होने के कारण मैदानी इलाके से स्कूल के लिए लगने वाली रेडिमेड सामग्री लाई जा रही है. इसके लिए पंचायत और स्थानीय लोगों की मदद ली जा रही है. वन विभाग, राजस्व और पंचायत के अमले की मदद से पहले सामान इकट्ठा कर काम शुरू किया जा रहा है. अगले डेढ़ महीने में स्कूल भवन तैयार हो जाएगा. बच्चों का स्कूल का सपना जल्द पूरा हो जाएगा. "

बच्चों के लिए स्कूल भवन बनने से गांववालों में खुशी: बछवार पारा के स्थानीय लोगों का कहना है " ग्राम पंचायत खड़ियादामर के बछवार पारा गांव में कच्चे मकान में स्कूल चल रहा था. अब कलेक्टर की पहल पर पक्का स्कूल भवन बन रहा है. जिससे हमें काफी खुशी हो रही है.

गांव की ही एक महिला का कहना है कि " कलेक्टर जनदर्शन में कई बार हमने स्कूल भवन की मांग की. अब जाकर ये मांग पूरी हो रही है. काफी अच्छा लग रहा है. कच्चा मकान होने के कारण बच्चों को बरसात के समय में स्कूल में पढ़ने में काफी परेशानी होती थी. लेकिन अब वो परेशानी खत्म हो जाएगी. स्कूल के लिए मैदानी इलाकों से मजदूर सामान ढोकर ला रहे हैं.

Last Updated : Aug 6, 2022, 11:49 PM IST

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