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Teachers Day 2023: छत्तीसगढ़ के टीचर को देश का सर्वोच्च शिक्षक सम्मान, सरगुजा के आदर्श गुरुओं ने ऐसे बदली शिक्षा की तस्वीर

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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Sep 5, 2023, 8:15 AM IST

Teachers Day 2023 सरगुजा को शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ठ उपलब्धियों के लिए दो दशक बाद देश का सर्वोच्च शिक्षक सम्मान मिल रहा है. स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल अंबिकापुर के प्राचार्य डॉ बृजेश पांडेय को राष्ट्रीय शिक्षक सम्मान दिया जा रहा है. जिले के ही अंचल कुमार सिन्हा और महिला शिक्षक अनामिका चक्रवर्ती राज्यपाल के हाथों सम्मानित हो रही है.

Teachers Day 2023
अंबिकापुर के टीचर्स को नेशनल टीचर अवॉर्ड

अंबिकापुर: वनांचल जिला सरगुजा शिक्षा के क्षेत्र में लंबे समय से बेहतर स्थिति में रहा है. यहां कई महान शिक्षक हुए. यह वही क्षेत्र है जहां देश की आजादी के पहले ही 85 स्कूल थे. इनमें से एक स्कूल तो 110 साल पुराना है. जितनी ही पुरानी शिक्षा व्यवस्था सरगुजा में रही है उतने ही बेहतरीन शिक्षक भी यहां उपलब्ध रहे हैं. शिक्षक दिवस पर सरगुजा के ऐसे ही टीचर्स के बारे में ETV भारत बता रहा है जिन्होंने कुछ ऐसा कर दिखाया कि इन्हें राष्ट्रपति और राज्यपाल के हाथों सम्मानित किया जा रहा है. तो कुछ को राज्यपाल पुरस्कार से सम्मानित किया जा रहा है.

छत्तीसगढ़ के तीन टीचर्स को शिक्षक सम्मान: इनमें राष्ट्रपति अवॉर्ड पाने वाले शिक्षक, स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल अंबिकापुर के प्राचार्य डॉ बृजेश पांडेय हैं. जिन दो शिक्षकों को राज्यपाल अवॉर्ड मिलना है उनमें अंचल कुमार सिन्हा और महिला शिक्षक अनामिका चक्रवर्ती का नाम शामिल है. आइये जानते हैं इन महान शिक्षकों का जीवन और इनकी उपलब्धि. Teachers Day

सरगुजा को सर्वोच्च शिक्षक सम्मान: राष्ट्रीय शिक्षक सम्मान के लिए सरगुजा के डॉ बृजेश पांडेय का सलेक्शन किया गया है. शिक्षक दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपती मुर्मू उन्हें दिल्ली स्थित होटल अशोक में सम्मान पत्र, रजत मेडल व 50 हजार रुपये की सम्मान निधि से सम्मानित करेंगी. इस सम्मान के लिए देशभर के 50 शिक्षकों का चयन किया गया है. राष्ट्रीय शिक्षक सम्मान के लिए डॉ. पांडेय छत्तीसगढ़ के एकमात्र शिक्षक हैं जिनका चयन राष्ट्र के सर्वोच्च शिक्षक सम्मान के लिए किया गया है.

भौतिक विज्ञान में उनकी विशेषज्ञता है लेकिन वे भाषा, विज्ञान और कला विषयों को भी बेहतर ढंग से पढ़ाते हैं. वे लंबे समय तक शासकीय हायर सेकेण्डरी स्कूल परसा के प्राचार्य और सहायक संचालक, शिक्षा के पद पर काम कर चुके हैं. वर्तमान में ब्रम्हपारा स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल के प्राचार्य हैं. परसा हायर सेकेण्डरी स्कूल में पदस्थ होने के दौरान उन्होंने स्कूल से लगी 22 एकड़ शासकीय भूमि का सीमांकन करा मूलभूत सुविधाएं विकसित की थी.

परसा में मॉडल स्कूल की स्थापना में भी उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी. डॉ बृजेश पांडेय के मार्गदर्शन में परसा हायर सेकेंडरी स्कूल व स्वामी आत्मानंद स्कूल के छात्रों ने बोर्ड की मेरिट सूची में अपनी जगह बनाकर सरगुजा को गौरवान्वित किया है. डॉ. बृजेश पांडेय ने अपने प्रयासों से स्वामी आत्मानंद स्कूल को विशेष पहचान दिलाई है. वे साल 2008 से बाल विज्ञान कांग्रेस के जिला समन्वयक हैं

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सैनिक स्कूल के छात्र हैं बृजेश पांडेय: मध्यप्रदेश के रीवा जिले में स्थित सैनिक स्कूल के छात्र रहे डॉ बृजेश पांडेय छत्तीसगढ़ में डीएवी मॉडल स्कूल और स्वामी आत्मानंद स्कूल के पहले प्राचार्य बनाये गये. साल 2018 में राज्यपाल पुरस्कार से सम्मानित किए जा चुके हैं. वो सरगुजा में महत्वकांक्षी प्रयास आवासीय विद्यालय में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं.

इस राष्ट्रीय अवॉर्ड के लिए मेरा चयन होना मेरे और सरगुजा के लिए गौरव की बात है. इससे जिले के अन्य शिक्षकों को उत्कृष्ठ काम करने की प्रेरणा मिलेगी. एक शिक्षक का जीवन सिर्फ सम्मान का ही अभिलाषी रहता है. महामहिम के हाथों सम्मानित के बाद अपने को आगे बढ़ाने में और अधिक ऊर्जा मिलेगी- डॉ. बृजेश पांडेय, प्राचार्य, स्वामी आत्मानंद स्कूल

राज्यपाल के हाथों सम्मानित होने वाले शिक्षक: शिक्षक दिवस पर 5 सितंबर को रायपुर में आयोजित होने वाले समारोह में उत्कृष्ट शिक्षण के लिए जिले से व्याख्याता अनामिका चक्रवर्ती व अंचल कुमार सिन्हा को राज्यपाल के हाथों सम्मानित किया जाएगा. अनामिका चक्रवर्ती रामपुर हायर सेकेंडरी स्कूल में व्याख्याता के पद पर पदस्थ है. अंचल कुमार सिन्हा स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल में व्याख्याता एलबी के पद पर है. विज्ञान जैसी कठिन पढ़ाई को भी रुचिकर और सरल कर पढ़ाने का काम इन दो शिक्षकों ने किया है. इन दोनों शिक्षकों ने खेल खेल में रासायनिक क्रियाओं का प्रदर्शन कर बच्चों में विज्ञान के प्रति रूचि पैदा की.

गांव के बच्चों में विज्ञान के प्रति रूचि बढ़ाई: इन शिक्षकों ने आधुनिक युग में विज्ञान के प्रति ग्रामीण अंचल के बच्चों में इंट्रेस्ट पैदा किया, जबकि विज्ञान एक ऐसा विषय है जिससे ज्यादातर बच्चे दूरी बनाकर रखते है. शिक्षकों ने आस पास होने वाली क्रियाओं, ग्रामीण परिवेश व जीवन से जोड़कर बच्चों को विज्ञान के बारे में समझाया.

हमने खेलों के माध्यम से उन्हें रसायन विज्ञान पढ़ाया. पानी जैसा दिखने वाला तत्व अचानक गुलाबी या गाढ़ा नीला हो जाता है. इसी तरह रासायनिक क्रिया के प्रति रूचि जगाने के लिए बताया कि कैसे एल्युमिनियम के फ्रेम में सिल्वर नाइट्रेट छिड़कने से भभूति निकलती है. बच्चे अम्ल, क्षार व सूचक के बारे में पहले समझ नहीं पाते थे लेकिन जब हमने उन्हें रसायन लैब में आस पास की चीजों से जोड़कर दिखाया तो उन्हें इसे समझने में आसानी हुई और बच्चों व ग्रामीणों में जागरूकता भी आई -अनामिका चक्रवर्ती, व्याख्याता

यूट्यूब चैनल से पढ़ाई: कोरोना काल में अंचल कुमार सिन्हा ने बच्चों की विज्ञान की पढ़ाई जारी रखने के लिए खुद का यूट्यूब चैनल चालू किया. इसकी मदद से बच्चों को पढ़ाना शुरू किया. इसके साथ ही वैज्ञानिक दृष्टिकोण को विकसित कर बच्चों में विज्ञान के प्रति रूचि जगाने के उद्देश्य से उन्हें आस पास की चीजों से जोड़कर खेल खेल में पढ़ाई कराते है.

वैज्ञानिक दृष्टिकोट को विकसित कर इसके प्रति रूचि जगाना हमारा मुख्य उद्देश्य है. बच्चों को अपवर्तन का नियम सिखाने के लिए बाल्टी में छोटा डिब्बा रखकर सिक्का डालने का खेल दिखाया जाता है. ये चीजे बच्चे जब खुद अपने हाथ से करके देखते है तो उनमें विज्ञान के प्रति रूचि आती है - अंचल कुमार सिन्हा, व्याख्याता

किसी भी बच्चे के जीवन में मां बाप से ज्यादा टीचर की भूमिका होती है. क्योंकि टीचर की बताई हुई बातें और ज्ञान बच्चा कभी भूल नहीं पाता है. ETV भारत टीचर्स डे पर ऐसे शिक्षकों का सम्मान करता है जिन्होंने शिक्षा की अलख जगाने में अपनी पूरी जिंदगी लगा दी.

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