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छत्तीसगढ़ बीजेपी के पहले ईसाई विधायक, जानिए कैसे एक जीत ने तीन सीटों का बदला समीकरण ?

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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Dec 6, 2023, 8:29 PM IST

Updated : Dec 9, 2023, 12:35 PM IST

First Christian MLA of Chhattisgarh BJP
छत्तीसगढ़ बीजेपी के पहले ईसाई विधायक

First Christian MLA of Chhattisgarh BJP छत्तीसगढ़ में बीजेपी चौथी बार सत्ता में आई है.लेकिन इस बार सत्ता में नए चेहरे विधानसभा की शोभा बढ़ाएंगे.ऐसा ही एक चेहरा सरगुजा संभाग का है.जिन्होंने बीजेपी के पहले ईसाई विधायक होने का तमगा हासिल कर लिया है.आईए जानते हैं कौन है ये विधायक.lundra Assembly Seat Result 2023

छत्तीसगढ़ बीजेपी के पहले ईसाई विधायक

सरगुजा : छत्तीसगढ़ में इससे पहले तीन बार बीजेपी का शासन रहा है.लेकिन ऐसा पहली बार होने जा रहा है कि जब सरकार में एक ईसाई नेता विधायक के तौर पर शपथ लेगा.इस विधायक का नाम है प्रबोध मिंज.जो सरगुजा संभाग के लुंड्रा विधानसभा से विधायक बने हैं.इससे पहले भी हुए चुनावों में पहले प्रबोध मिंज का नाम आ चुका है.लेकिन उनकी टिकट पक्की नहीं होती.इस बार पार्टी ने लुंड्रा से प्रबोध मिंज को उतारा.जिसमें उन्होंने जीत दर्ज की है.



ईसाई समुदाय ने दिया साथ : प्रबोध के मुताबिक पहली बार बीजेपी ने विधानसभा टिकट दिया. ईसाई समाज ने मिंज को पूरा समर्थन दिया. ना सिर्फ लुंड्रा विधानसभा में बल्कि सीतापुर विधानसभा जहां कभी भी बीजेपी नहीं जीती वहां के भी ईसाई समुदाय के वोट बीजेपी के हिस्से में आए. वहीं अंबिकापुर विधानसभा जहां बीजेपी सिर्फ एक बार ही चुनाव जीती है,वहां भी कांग्रेस के दिग्गज नेता नहीं जीत सके.

समाज की राजनीति नहीं करता : प्रबोध मिंज के मुताबिक देश में भी बीजेपी सरकार है. जाति के आधार पर किसी से भेदभाव नहीं किया जाता है. इसका उदाहरण मुझे अवसर देना है. पहले भी बीजेपी ने दो बार मुझे मेयर के लिये नॉमिनेट किया था. मैं समाज की राजनीति नहीं करता हूं. राजनीति के क्षेत्र में 40 वर्ष से काम कर रहा हूं. लेकिन सिर्फ ईसाई समाज के लिए ही काम करूं ऐसा नही है. क्योंकि ईसाई समाज से हूं तो समाज मे लोगों में ये भावना रहती है कि हमारे समाज से कोई प्रतिनिधित्व करेगा तो समाज भी आगे बढ़ेगा.


क्रिश्चियन समाज का दावा अलग : वहीं क्रिश्चियन समाज के प्रदेश अध्यक्ष अरुण पन्नालाल कहते हैं कि पूरे प्रदेश में ईसाई समाज ने बीजेपी को वोट नहीं किया. हमारे समाज ने सर्व आदि दल बनाया.करीब 50% ईसाई वोट हमारे दल को मिले. इसके अलावा पार्टी गठन में देरी होने कारण कई कार्यकर्ता आम आदमी पार्टी से जुड़ गए.जिससे समाज का 50 फीसदी वोट बंट गया.पिछली बार कांग्रेस को समर्थन किया था.जिसके बाद कांग्रेस 68 सीट लाई थी.इस बार समर्थन नहीं किया,इसलिए ऐसी स्थिति बनीं.



छत्तीसगढ़ में कितने ईसाई वोटर्स ? : जातिगत मतदाताओं का कोई एथेन्टिक डाटा समाज के पास नहीं है. लेकिन एक अनुमान के मुताबिक प्रदेश में 12 लाख ईसाई वोटर्स हैं. इसमें 6 लाख करीब बस्तर,5 लाख के करीब सरगुजा और 1 से डेढ़ लाख ईसाई मतदाता मैदानी क्षेत्रों में हैं. वहीं दूसरी तरफ मोहन भागवत ने तीस लाख और बीजेपी ने प्रदेश में 15 लाख ईसाईयों के होने का दावा किया है.


लुंड्रा में कितने ईसाई उम्मीदवारों ने लड़ा चुनाव : आपको बता दें कि लुंड्रा से कुल 12 उम्मीदवार मैदान में थे. आम आदमी पार्टी से अलेक्जेंडर केरकेट्टा को 2599, जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़(जे) से इसीदोर तिर्की को 578, बीजेपी से प्रबोध मिंज को 87463, कांग्रेस से डॉ प्रीतम राम को 63335, हमर राज पार्टी से अनुक प्रताप सिंह टेकाम को 1013 मत मिले हैं. अन्य ईसाई प्रत्याशियों ने भी कांग्रेस के वोट काटे और खुद प्रबोध मिंज को भी अपने समाज से वोट जिसके कारण खेल पलटा और बीजेपी 24 हजार मतों से जीती.

कौन हैं प्रबोध मिंज ? : ईसाई समाज से पहली बार बीजेपी विधायक बने प्रबोध मिंज दो बार अम्बिकापुर के मेयर रह चुके हैं. बीजेपी ने उन्हें अपना उम्मीदवार बनाया था. वर्तमान में भी वो अम्बिकापुर में कांग्रेस शासित नगर निगम में पार्षद और नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी निभा रहे थे.

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Last Updated :Dec 9, 2023, 12:35 PM IST
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