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मैनपाट में पर्यटन बचेगा या फिर बॉक्साइट उत्खनन की भेंट चढ़ेगा पर्यावरण

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Published : Jul 7, 2022, 6:40 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

view of mainpat
मैनपाट का नजारा

अक्सर सरगुजा के मैनपाट के पर्यटन को बढ़ावा देने की बात होती रहती है. दूसरी ओर मैनपाट में बॉक्साइट उत्खनन किया जा रहा है. बॉक्साइट की 5 नई खदानों की स्वीकृति खनिज विभाग ने दी है. सीएमडीसी को 5 खदानों की स्वीकृति मिली है. खदान खुलने से मैनपाट की नैसर्गिक सुंदरता पर खतरा मंडराने लगा (Bauxite excavation in Surguja changed view of Mainpat ) है.

सरगुजा: छत्तीसगढ़ सरकार और जिला प्रशासन लगातार मैनपाट के पर्यटन को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है. मैनपाट में तमाम डेवलपमेंट भी किये जा रहे हैं. हर वर्ष मैनपाट महोत्सव आयोजित किया जाता है. मैनपाट विश्व स्तर पर प्रसिद्ध हो रहा है. देश विदेश से लोग यहां के जंगल, पहाड़, झरने देखने आते हैं. लेकिन सरकार के ही एक विभाग ने यहां बॉक्साइट खदान खोलने की अनुमति दी (Bauxite excavation in Surguja changed view of Mainpat) है.

बॉक्साइट उत्खनन की भेंट चढ़ेगा पर्यावरण

मैनपाट में बॉक्साइट का भंडार: मैनपाट में बॉक्साइट का भंडार है. पहले भी सीएमडीसी और बालको के माध्यम से यहां बॉक्साइट उत्खनन कराया गया है. लेकिन बालको ने काम बंद कर दिया. अब एक बार फिर एक साथ 5 बॉक्साइट खदान खुलने वाली है. सीएमडीसी को खनिज विभाग ने 5 खदानों की स्वीकृति दी है.

600 हेक्टेयर में होगी खुदाई: मैनपाट क्षेत्र के कई गांव इससे प्रभावित होंगे. लगभग 600 हेक्टेयर जमीन में बॉक्साइट उत्खनन किया जायेगा. मैनपाट के नर्मदापुर, कमलेश्वर, डांड केसरा, पथरई, बरीमा गांव में यह बॉक्साइट खदान संचालित होंगी.

13 खदान पहले से संचालित: मैनपाट क्षेत्र में बालको की एक और सीएमडीसी की 12 यानी कुल 13 बॉक्साइट खदानें पहले से संचालित हैं. हालांकि बालको ने कुछ महीने से उत्खनन बंद कर दिया है. अब 6 नई खदानों की अनुमति मांगी गई है. 5 खदानों की अनुमति मिल चुकी है. ऐसे में लोग इस बात को लेकर चिंतित हैं कि मैनपाट का भविष्य क्या होगा? मैनपाट में पर्यटन बढ़ेगा या फिर बॉक्साइट की खदानें.

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सरकार कहती कुछ और करती कुछ है: पत्रकार नौशाद अली कहते हैं, "छत्तीसगढ़ सरकार एक ओर मैनपाट में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर रही है. वहीं दूसरी ओर 5 -5 नई खदानों की स्वीकृति देकर क्या मैनपाट को उजाड़ना चाहती है. सरकार की नीतियां, पहले की खुदाई के कारण मैनपाट में धूल का गुबार है. खदानें खुली तो पेड़ कटेंगे और पर्यावरण का विनाश होगा. पहले से ही बालको और सीएमडीसी को खदानें मिली हुई है. इसके बाद 5 नई खदानों की स्वीकृति समझ से परे है. ये सरकार कहती कुछ है और करती कुछ है."

एक खदान की स्वीकृति पेंडिंग: खनिज अधिकारी बजरंग पैकरा ने बताया, "सीएमडीसी से 6 खदानों का प्रस्ताव आया है. इनमें से 5 खदानों की स्वीकृति मिल चुकी है. इसका टोटल एरिया लगभग 6 सौ हेक्टेयर के आसपास है. मैनपाट क्षेत्र में पहले ही 12 खदान सीएमडीसी की संचालित है और एक खदान बालको की संचालित है."

Last Updated :Jul 25, 2023, 8:01 AM IST
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