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हंगामे के साथ खत्म हुई रायपुर नगर निगम सामान्य सभा की बैठक

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Published : Sep 8, 2022, 11:05 PM IST

Ruckus in Raipur Corporation meeting: लगभग पांच महीने बाद रायपुर नगर निगम की सामान्य सभा की बैठक काफी हंगामेदार रहीं. विपक्ष ने कई मुद्दों पर ढेबर सरकार को घेरा. खास कर मोर मकान मोस आस का नाम बदलने का आरोप लगाया. हंगामे के बीच नगर निगम में 13 एजेंडे बहुमत से पास हुए.

Raipur Municipal Corporation general meeting
रायपुर नगर निगम सामान्य सभा की बैठक

रायपुर: नगर निगम की सामान्य सभा 5 महीने बाद गुरुवार को आयोजित की गई. सामान्य सभा में प्रश्नकाल के पहले ही भाजपा पार्षद दल की तरफ से 5 महीने बाद सामान्य सभा बुलाने को लेकर प्रदर्शन किया गया. इस दौरान भाजपा पार्षद दल के पार्षदों ने काली पट्टी और हाथों में तख्ती लेकर सभापति के सामने आपत्ति दर्ज की. विपक्ष ने कहा कि सामान्य सभा मे 13 एजेंडा में से 6 एजेंडे सिर्फ नामकरण के हैं. सामान्य सभा में जनहित के मुद्दों को शामिल क्यों नहीं किया गया. प्रश्नकाल के पहले ही विपक्ष की तरफ से शहर में लगातार हो रही खुदाई और गड्ढे को लेकर आसंदी का घेराव किया. इस पर सभापति ने अन्य मुद्दों पर अलग से चर्चा का आश्वासन दिया तब जाकर विपक्षी दल अपनी सीट पर लौटे.Raipur Municipal Corporation general meeting

रायपुर नगर निगम सामान्य सभा की बैठक

मोर मकान मोर आस में भ्रष्टाचार का आरोप: प्रश्नकाल के दौरान नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे ने सत्ता पक्ष पर आरोप लगाया "गरीबों के लिए आवास योजना के मकानों को नगर निगम द्वारा मोर मकान मोर आस के नाम पर 3 लाख 25 हजार रुपए में बेचा जा रहा है. चौबे ने कहा " प्रधानमंत्री आवास योजना ( AHP घटक) के तहत जो अस्थायी झुग्गी बस्तियां हैं, उनके लिए लगभग 22000 लोगों का सर्वे नगर निगम द्वारा किया गया था. उन बस्तियों का सर्वे करने के बाद हितग्राहियों को मात्र 75000 रुपए देने थे. जिसमें ढाई लाख रुपए का राज्य अंश राशि और 1.50 लाख रुपए केंद्र का अंश था. लेकिन बिना किसी बैठक के उस योजना का नाम बदल दिया गया. जो मकान प्रधानमंत्री योजना के अनुसार 75000 रुपए में हितग्राहियों को मिलना चाहिए था, उस मकान को अब नगर निगम 325000 दिया जा रहा है. केंद्र सरकार ने अपना डेढ़ लाख रुपए का अंश राशि का भुगतान किया है. मकान बन कर तैयार हो गए हैं लेकिन ढाई लाख रुपए राज्य अंश की राशि हितग्राहियों से ली जा रही है. 2.50 लाख रुपए की राशि कहा जा रही है. मोर मकान मोर आस योजना में राज्य सरकार के अंश का एक भी रुपए खर्च नहीं हुआ है. योजना के लिए एक भी मकान नही बनाया गया. जो मकान प्रधानमंत्री आवास के तहत बनाए गए थे उस योजना का नाम बदल कर मोर मकान मोर आस किया गया है."

कांग्रेसी पार्षद ने ही सत्तापक्ष पर खड़े किए सवाल: प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक अनवर हुसैन ने नगर निगम की कार्रवाई पर ही सवाल खड़े कर दिया. पार्षद अनवर ने सदन में बताया कि बिना काम हुए ही अधिकारी ठेकेदारों का भुगतान कर रहे हैं. जिसके बाद सभापति प्रमोद दुबे द्वारा इस विषय पर जांच का आश्वासन दिया. इस विषय पर भी विपक्ष द्वारा महापौर परिषद को जमकर घेरा गया.

छत्तीसगढ़ क्वांटिफिएबल डाटा रिपोर्ट पर सत्ता पक्ष प्रस्ताव को किया गया विलोपित : भाजपा पार्षद सरिता दुबे ने क्वांटिफाईबल सर्वे रिपोर्ट पर महापौर परिषद को जमकर घेरा. पार्षद ने रिपोर्ट में फर्जी आंकड़े डालने का आरोप लगाया. छत्तीसगढ़ की जनसंख्या में अन्य पिछड़ा वर्ग और सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए हुए सर्वे रिपोर्ट को सदन में विस्तार से रखा. पार्षद ने आरोप लगाया कि उनका जो सर्वे रिपोर्ट पेश किया गया है उसमें एक ही व्यक्ति के नाम कई बार शामिल किए गए हैं. सर्वे में गलत जानकारियां जोड़ी गई है. सरिता दुबे ने सर्वे की गड़बड़ी को सुधारने की मांग की. जिसमें सत्ता पक्ष और विपक्ष के सभी पार्षद ने माना. और सर्वसम्मति से इस एजेंडे को विलोपित किया गया.

बहुमत से पास हुए एजेंडे: नगर निगम की सामान्य सभा में आए 13 एजेंडे बहुमत से पास हुए. इनमें 6 एजेंडे के नामकरण के पास हुए. जिसमें कोटा गुढ़ियारी मुख्य मार्ग का नामकरण स्वर्गीय संतोष अग्रवाल मार्ग करने की सहमति बनी . सिद्धार्थ चौक टिकरापारा से बोरियत तक सड़क का नामकरण पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर नामकरण करने और नरैया तालाब के किनारे उनकी मूर्ति स्थापना का एजेंडा पास हुआ. शहीद चूड़ामणि नायक वार्ड में कारी तालाब नाम एकलव्य सरोवर और तालाब में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्वर्गीय पंडित नंदकिशोर पांडे की प्रतिमा स्थापना का प्रस्ताव पास हुआ. इसी तरह महावीर अनुपम उद्यान से महादेव घाट को जोड़ने वाले मार्ग का नामकरण शहीद राजीव पांडे के नाम से किए जाने का प्रस्ताव पास किया गया. शहीद राजीव पांडे वार्ड क्रमांक 62 के हरिजन बस्ती का नाम बदलक सतनामी पारा किए जाने का प्रस्ताव भंवर के पास हुआ, इसी तरह स्टेट बैंक रीजनल ऑफिस के सामने स्थित नवनिर्मित उद्यान का नाम स्वर्गीय राजबाला श्रीवास्तव उद्यान के नाम करने का प्रस्ताव बहुमत से पास किया गया. भाटा गांव चौक से चांदनी चौक के सड़क का चौड़ीकरण डिवाइडर विद्युतीकरण और नाली निर्माण के प्रस्ताव को भी पास किया गया. सरोना स्थित पुराने डंपसाइट के रेडिएशन कार्य में आई निविदा का प्रस्ताव पारित किया गया.

बहुमत से पास हुए एजेंडे: सामान्य सभा की बैठक में वीआईपी रोड घर में निर्मित 124 कमरे के सर्व सुविधा युक्त कामकाजी महिला हॉस्टल भवन को छत्तीसगढ़ योग आयोग को देने का प्रस्ताव आया. जिसमें भाजपा पार्षद दल ने बहस में भाग लेते हुए सदन में इसका विरोध किया. भाजपा पार्षद दल के लोगों ने बताया कि पहले साई हॉस्टल द्वारा कामकाजी महिला हॉस्टल को किराए में मांगा गया था लेकिन उसे देने से मना कर दिया गया अब उसी भवन को निशुल्क योग आयोग के लिए देना कामकाजी महिलाओं के साथ अन्याय होगा. इस विषय पर भाजपा पार्षद दल तटस्थ रहा लेकिन बहुमत के आधार पर यह एजेंडा पास हुआ.

गोल बाजार के 172 दुकानदारों को मालिकाना हक दिए जाने के प्रस्ताव पर नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे उपनेता प्रतिपक्ष मनोज वर्मा और भाजपा पार्षद मृत्युंजय दुबे ने सवाल करते हुए कहा कि 1 साल बाद भी गोल बाजार के 579 मालिकों में से केवल 172 लोगों की सूची पटल पर आई है. बाकी दुकानदारों की सूची अभी तक क्यों नहीं आई है? विपक्ष ने इस विषय पर विरोध किया. उन्होंने आरोप लगाया कि महापौर और उनकी परिषद अभी तक गोल बाजार के व्यापारियों को विश्वास में नहीं ले पाई है. इस विषय पर पार्षद मृत्युंजय दुबे ने महापौर परिषद से सवाल पूछा कि एक ही दुकान पर 7 से 8 लोगों के नाम कैसे संभव है ?उनकी रजिस्ट्री का आधार क्या होगा ?हालांकि सत्ता पक्ष की ओर से संतोषजनक जवाब नहीं मिला विपक्ष इस मुद्दे पर भी तटस्थ बहुमत के आधार पर यह एजेंडा भी पास हुआ.



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