रायपुर: रायपुर शहर में पिछले दो सालों से सिटी बसों का संचालन बंद (Raipur city bus waiting for tender) हैं. सार्वजनिक यातायात सोसायटी को इसे तुरंत शुरू करने को दो करोड़ से अधिक रुपये खर्च करने होंगे. इसमें आमानाका डिपो में खड़ी इन बसों का इंश्योरेंस, परमिट और टैक्स के साथ ही मेंटेनेंस का खर्चा प्रमुख रूप से आएगा. इसी काम के लिए सोसायटी को राशि खर्च करनी पड़ेगी. इसके बाद ऑपरेटर को बस चलाने नियम व शर्तों के तहत देना होगा. लेकिन अधिकारियों के सुस्त रवैये के कारण इस दिशा में कोई ठोस पहल नहीं शुरू की गई है. जिसका खामियाजा यात्रियों उठाना पड़ रहा है.
कलेक्टर ने बसों के संचालन का ठेका किया निरस्त: पिछले महीने सार्वजनिक यातायात सोसायटी की बैठक हुई थी. इस बैठक में कलेक्टर सौरभ कुमार ने दो साल से आमानाका बस डिपो में खड़ी बसों के संचालन का ठेका निरस्त कर दिया था. इसके साथ ही एजेंसी की अमानत राशि राजसात कर ली थी. इसके बाद नए सिरे से टेंडर की प्रक्रिया करनी थी. लेकिन अब तक इसकी फाइल पर अधिकारियों के हस्ताक्षर नहीं हो पाए हैं. इसके कारण नागरिकों को बारिश में भी सस्ती परिवहन सुविधा का लाभ मिल पाएगा या नहीं इस पर संशय की स्थिति बनी हुई है.
40 बसें शहर में चलती थी: राजधानी के नागरिकों को राहत पहुंचाने को 40 सिटी बसों को केवल शहर में ही चलाया जाता था. अभी भाटा गांव इंटर स्टेट बस टर्मिनल शुरू होने के बाद से ही सिटी बस की जरूरत पर नागरिकों का ध्यान जा रहा है. इसके अभाव में ऑटो चालकों की मनमानी भी शुरू हो गई है. डिपो में खड़ी इन बसों को 32 करोड़ में खरीदा गया था. जिसमें केंद्र ने 60 और राज्य शासन ने 40 फीसद राशि दी थी.
आसपास भी कनेक्टिविटी: राजधानी से चलने वाली 67 सिटी बसों की कनेक्टिविटी बलौदा बाजार, नयापारा से लेकर कुम्हारी आदि तक थी. डीजल की दरों में बढ़ोतरी के बाद किराया बढ़ाने और कोरोना संक्रमण के दौरान टैक्स और परमिट शुल्क में रियायत नहीं मिलने के कारण ऑपरेटर ने बसें खड़ी कर दी थी.
लोगों को रही दिक्कतें: इस विषय में शहर के राकेश विश्वकर्मा कहते हैं कि शहर में यात्रियों को चलने के लिए जगह नहीं है. ट्रैफिक बहुत ज्यादा है. ऑटो वाले मनमानी कर रहे हैं. क्योंकि पिछले कुछ साल से सिटी बस का संचालन बंद है. आमापारा से जयस्तंभ के लिए 50 रुपये ले रहे हैं, जबकि किराया महज 5 से 10 रुपये है. वहीं, शहर के ही सोनू गुप्ता कहते हैं कि सिटी बसों का संचालन जल्द शुरू होना चाहिए. सिटी बसों के संचालन नहीं होने से बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. आसपास भी जाना होता है तो ऑटो वाले मनमाना किराया वसूलते हैं. संतोषी नगर से स्टेशन जाने के लिए ऑटो वाले 100 से 150 रुपये ले लेते हैं. सिटी बस पहले चलती थी तो 5 से 10 रुपये में स्टेशन पहुंच जाते थे.
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क्या कहते हैं अधिकारी: इस मामले में रायपुर नगर निगम के अपर आयुक्त सुनील चंद्रवंशी ने बताया, "सिटी बसों के संचालन को लेकर कलेक्टर की अध्यक्षता में बैठक हुई थी. जिसमें पुराने ठेका को निरस्त कर दिया गया है. वर्तमान में बसों की स्थिति का आंकलन किया जा रहा है. उसके बाद जल्द ही टेंडर की प्रक्रिया की जाएगी. टेंडर होने के बाद सिटी बसों का संचालन पुनः शुरू कर दिया जाएगा."