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अगर अधिक कीमत में बिका खाद तो...

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Published : Jul 14, 2022, 1:46 PM IST

CM Bhupesh angry due to overrating of fertilizer in Chhattisgarh
छत्तीसगढ़ में खाद की ओव्हररेटिंग से सीएम भूपेश नाराज

छत्तीसगढ़ में खाद की ओवररेटिंग की खबरों को देखकर सीएम भूपेश बघेल ने नाराजगी जाहिर की (CM Bhupesh angry due to overrating of fertilizer in Chhattisgarh) है. इस मामले में सीएम भूपेश ने त्वरित कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.

रायपुर: प्रदेश में रासायनिक खाद की कालाबाजारी और ओवररेटिंग की शिकायतों पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नाराजगी जताई (CM Bhupesh angry due to overrating of fertilizer in Chhattisgarh) है. उन्होंने अधिकारियाें से निर्धारित दर से अधिक कीमत पर खाद बेचने वालों पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री ने कृषि उत्पादन आयुक्त को केंद्र सरकार से समन्वय कर मांग के अनुरूप रासायनिक खाद की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए पत्र लिखने को भी कहा है.

कहां दिए निर्देश : मुख्यमंत्री (CM Bhupesh Baghel) ने बुधवार को निवास कार्यालय में वर्षा की स्थिति, खाद-बीज की उपलब्धता, सिंचाई जलाशयों में पानी की स्थिति, खरीफ फसलों की बुवाई, संक्रामक बीमारियों की रोकथाम के उपायों की समीक्षा की. बैठक में अधिकारियों ने बताया ''चालू खरीफ सीजन के लिए में केन्द्र से यूरिया, डीएपी, एनपीके, पोटाश और सुपर फास्फेट को मिलाकर कुल 13 लाख 70 हजार मीट्रिक टन रासायनिक खाद मांगा गया था. केंद्र सरकार की ओर से अभी तक छत्तीसगढ़ को मात्र 6 लाख 30 हजार मीट्रिक टन खाद ही मिल पाई (shortage of manure in chhattisgarh) है.मार्कफेड, सहकारी समिति और निजी क्षेत्रों में कुल 11 लाख तीन हजार मीट्रिक टन रासायनिक उर्वरक का भंडारण किया गया है. जो खरीफ के लिए निर्धारित लक्ष्य का 81% है. किसानों को समितियों और निजी क्षेत्रों से मिलाकर 67% रासायनिक खाद का वितरण किया जा चुका है.''

कितनी रासायनिक खाद की आपूर्ति : अधिकारियों ने बताया कि ''इस साल किसानों को पिछले वर्ष की इसी अवधि में अधिक रासायनिक खाद दिया जा चुका है. इस साल 11 जुलाई तक 7 लाख 35 हजार मीट्रिक टन रासायनिक खाद बांटी जा चुकी है. वहीे पिछले साल 11 जुलाई तक केवल 6 लाख 74 हजार मीट्रिक टन रासायनिक खाद बंटी थी. कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह ने कहा कि ''प्रदेश में अभी डीएपी उर्वरक की कमी है. इसको दूर करने के लिए किसानों को यूरिया, एनपीके, सुपर फास्फेट और पोटाश के साथ वर्मी कम्पोस्ट निर्धारित मात्रा में उपयोग करने की सलाह दी जा रही है. बैठक में कृषि मंत्री रविंद्र चौबे, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, जल संसाधन विभाग के सचिव अन्बलगन पी., वित्त सचिव अलरमेलमंगई डी., राजस्व सचिव एन.एन. एक्का, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के सचिव प्रसन्ना आर. मौजूद रहे.''

मुख्यमंत्री ने क्या कहा : सीएम भूपेश ने इस दौरान कहा कि वन क्षेत्रों में पिछले दो-तीन वर्षाें में कराए गए नरवा विकास के कार्याें के अच्छे परिणाम मिल रहे हैं. तमोरपिंगला और अचानकमार में हाथियों का दल काफी समय से एक स्थान पर है. क्योंकि वहां उन्हें पानी और चारा उपलब्ध हो रहा है. इसी तरह हाथी प्रभावित अन्य क्षेत्रों में भी नरवा विकास के कार्याें को तेजी से करने की आवश्यकता है, इससे हाथी-मानव द्वंद्व कम होगा.

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