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SPECIAL: इस गांव तक पहुंचने से पहले ही दम तोड़ रही है छत्तीसगढ़ सरकार की योजनाएं, ओडिशा बना सहारा

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Published : Sep 27, 2020, 4:35 PM IST

Updated : Sep 27, 2020, 11:01 PM IST

छत्तीसगढ़ में सरकारी योजनाओं का लाभ शहरी लोग बखूबी उठा रहे हैं, लेकिन जिन लोगों के विकास के लिए सरकार योजनाएं बनाती है उनतक ये सभी योजनाएं पहुंचने से पहले ही दम तोड़ देती है. ETV भारत की टीम रायगढ़ से 50 किलोमीटर दूर छत्तीसगढ़ के अंतिम छोर पर स्थिति गांव कंचनपुर पहुंची. जहां के ग्रामीणों की हालत सरकार के हर दावों को झूठा साबित करती नजर आई. देखिए सरकारी दावे और कंचनपुर की हकीकत पर विशेष रिपोर्ट...

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इस गांव तक नहीं पहुंच रही योजनाएं

रायगढ़: जिला मुख्यालय से महज 50 किलोमीटर दूर कंचनपुर गांव बसा है. इस गांव में देश की आजादी के 70 साल और छत्तीसगढ़ के बनने के 20 साल बाद भी न सड़क पहुंची है, न बिजली, पानी की बात फिलहाल बेमानी होगी. हालांकि छत्तीसगढ़ सरकार बिजली के लिए अटल ज्योति, सड़क के लिए मुख्यमंत्री सुगम सड़क योजना और पानी के लिए मिनीमाता अमृत धारा नल-जल योजना बनाई गई है. ये तमाम येजनाएं छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के कंचनपुर आते-आते दम तोड़ दी है.

दम तोड़ रही है छत्तीसगढ़ सरकार योजनाएं!

छत्तीसगढ़ और ओडिशा राज्य के बीच में पड़ने वाले इस गांव के लोग वैसे तो दस्तावेज में रायगढ़ जिले में आते हैं, लेकिन इन्हें अपनी जरूरतों के लिए पड़ोसी राज्य ओडिशा का सहारा लेना पड़ता है. सरिया थाना क्षेत्र के कंचनपुर ग्राम पंचायत में 2 से 3 हजार लोग रहते हैं. इस गांव में सड़क की हालत बदतर हो चुकी है और बिजली बस हर दिन हाजिरी लगाने आ जाती है. गांव में 50 फीसदी से ज्यादा लोगों के पास कच्चा मकान है, क्योंकि प्रधानमंत्री आवास योजना भी इस गांव के लिए अभी रास्ते में ही है.

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रायगढ़ जिले के अंतिम छोर पर बसे कंचनपुर गांव के लोग छत्तीसगढ़ के हैं, लेकिन वे नमक से लेकर सूई तक के लिए ओडिशा के सीमावर्ती जिले के बाजारों पर आश्रित हैं. सरकारी सुविधाएं तो उन्हें वहां भी नहीं मिल रही है. जबकि सरकारी कामों के लिए छत्तीसगढ़ के सरकारी कार्यालयों में उन्हें दौड़ लगानी पड़ती है.

जनप्रतिनिधि नहीं ले रहे सुध

ग्रामीणों की मानें तो अबतक कोई भी जनप्रतिनिधि उनतक नहीं पहुंचा है. चुनाव के बाद से न तो विधायक और न ही सरपंच ने गांव के लोगों की सुध ली है. इस गांव में प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ हितग्राहियों को नहीं मिला है. जिनके मकान बनाए गए उनके भी निर्माण कार्यों में जमकर भ्रष्टाचार हुआ है. अबतक स्कूल पहुंचने के लिए भी गांव में सड़कें नहीं बन पाई है. ग्रामीणों का कहना है कि जब भी वे सरपंच से इसकी मांग करने पहुंचते हैं उन्हें टाल दिया जाता है.

छत्तीसगढ़ में नहीं मिल रही सुविधा

इस गांव के कुछ किसानों के खेत ओडिशा बार्डर से लगा हुआ है. इस वजह से उन्हें खेती के लिए कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. खाद-बीज नहीं मिलने से उनकी समस्याएं बढ़ जाती है. फसल संबंधित हर प्रशासनिक काम के लिए उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. कई ग्रामीणों ने तो ये तक कह दिया है कि उन्हें छत्तीसगढ़ से ज्यादा मदद ओडिशा से मिल रही है.

Last Updated : Sep 27, 2020, 11:01 PM IST
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