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कोरबा में शहनाज अख्तर के भजनों पर जमकर थिरके श्रद्धालु

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Published : Sep 5, 2022, 4:18 PM IST

रविवार रात को कटघोरा नगर के अग्रसेन भवन में भजन संध्या आयोजित की गई. भजन संध्या में प्रसिद्ध भजन गायिका शहना अख्तर ने प्रस्तुति दी. भजन गायिका शहनाज अख्तर के भजन सुनने के लिए लोगों का जनसैलाब उमड़ पड़ा.

dances fiercely on Shahnaz hymns
शहनाज के भजनों पर जमकर थिरके श्रद्धालु

कोरबा: रविवार रात को कटघोरा नगर में "कटघोरा का राजा" जय देवा गणेशोत्सव समिति द्वारा भजन संध्या आयोजित की गई. भजन संध्या में अंतराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त प्रसिद्ध भजन गायिका शहनाज़ अख्तर ने मनमोहक प्रस्तुतियां दी. अग्रसेन भवन कटघोरा में आयोजित भजन कार्यक्रम में भजन गायिका शहनाज़ अख्तर के भजन सुनने लोगों जनसैलाब (Devotees dances fiercely on Shahnaz hymns) उमड़ पड़ा. भीड़ को काबू करने में पुलिस प्रशासन को बड़ी मशक्कत करनी पड़ी. कार्यक्रम अग्रसेन भवन के पूर्व स्टेडियम ग्राउंड में होना था. परंतु मौसम खराब होने की स्थिति में कार्यक्रम स्थल का बदलाव कर समिति द्वारा अग्रसेन भवन में आयोजन किया गया. इस भजन कार्यक्रम में शहनाज़ अख्तर के भजनों पर भक्तजन जमकर झूमते नजर आये.

शहनाज के भजनों पर जमकर थिरके श्रद्धालु
शहनाज के भजन पर जमकर थिरके भक्तजन: भजन गायिका शहनाज अख्तर ने सहयोगी कलाकारों के साथ मंच पर प्रस्तुति दी. भजन संध्या में आये हजारों श्रद्धालु भजन सुनकर झूमने लगे. कार्यक्रम की शुरुआत में शहनाज़ ने "आये तुम्हरे द्वार है गणराया" से किया. इसके बाद 'ये भगवा रंग, जिसे देख जमाना हो गया दंग, जिसे ओढ़ के नाचे रे बजरंग' पर प्रस्तुति दी. जैसे जैसे शहनाज अख्तर ने भजनों और गीतों की प्रस्तुति दी, श्रद्धालुओं पर भगवा रंग चढ़ता गया. कार्यक्रम के अंत में हजारों महिला पुरुष और बच्चों के साथ ही आयोजन समिति के सदस्य भी मंच पर शहनाज अख्तर के भजनों पर झूमने लगे.यह भी पढ़ें: Teachers Day 2022 : कहां रहता है और क्या करता है डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का परिवार


भजन संध्या में उमड़ी भक्तों की भीड़: भजन संध्या में देर रात भजन व सांस्कृतिक कार्यक्रम से शहर का माहौल भक्तिमय हो उठा. भजन गायक शहनाज अख्तर द्वारा 'मइया पांव पैजनियां...', 'भोले हो गए टनाटन...', 'उनके हाथों में लग जाए ताला...', 'मेरी मैया की चुनर उड़ी जाए...' सहित अनेक गीतों की प्रस्तुति दी. भजनों की प्रस्तुति के दौरान हजारों श्रोताओं ने तालियां बजाकर उनका साथ दिया. आयोजन स्थल दर्शकों से खचाखच भरा रहा.

मुस्लिम होने के बावजूद हिन्दू भजनों से मिली प्रसिद्धि: मुस्लिम परिवार में जन्मीं शहनाज हिंदू देवी देवताओं के भजन गाती हैं. वो 10 साल की उम्र से ही भजन गा रही हैं. लेकिन मुस्लिम होने के चलते उन्हें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. उनके खिलाफ फतवा तक जारी हो गया, लेकिन उन्होंने भजन गाना नहीं छोड़ा. शहनाज ने भजन गाने की तालीम नहीं ली है. वो बचपन में अपने टेप रिकॉर्डर पर भजन सुनती थी. फिर वो उसे गुनगुनाने लगी और उन्होंने इसे ही अपना करियर बना लिया. शहनाज का मानना है कि "जिसमें उनका दिल लगता है, उसे गाने में क्या बुराई है."

"मंदिर जाने से कोई परहेज नहीं": उन्होंने मीडिया से चर्चा के दौरान शहनाज़ अख्तर ने बताया कि "वे मंदिर जाने में कोई परहेज नहीं करती. वो कहती हैं कि "उन्हें ना तो मंदिर जाने से एतराज है और ना ही देवी देवताओं से." वे कहती हैं कि "मुझे भजन गाने के कारण देवी मां की कृपा से इतनी पहचान मिली है. इसलिए मैं उनका आशीर्वाद लेने अक्सर मंदिर जाती हूं."

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