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कवर्धा की डेढ़ सौ साल पुरानी परंपरा, अष्टमी तिथि की आधी रात निकलता है खप्पर

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Published : Apr 9, 2022, 5:05 PM IST

Tradition of removing Khappers in Kawardha
कवर्धा की डेढ़ सौ साल पुरानी परंपरा

Chaitra Navratri in Kawardha: कवर्धा में दो साल बाद अष्टमी तिथि को आधी रात में खप्पर निकलेगा. माता के खप्पर निकलने के दौरान सुरक्षा के लिए भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है.

कवर्धा: कवर्धा मे वर्षो पुरानी खप्पर निकलने की परंपरा आज भी जारी है. नवरात्रि के अष्टमी की मध्य रात (midnight of navaratri Ashtami) नगर के देवी मंदिरों से खप्पर निकाली जाती है. जिसके दर्शन करने लोग दूर दराज के गाँव से पहुंचते हैं . पिछले दो वर्षो से कोरोनाकाल की पाबंदी के कारण जिला प्रशासन ने आम लोगों के खप्पर दर्शन पर पाबंदी लगा रखी थी. लेकिन इस चैत्र नवरात्र की अष्टमी के मौके पर भारी भीड़ जुटने की संभावना है . जिसके कारण पुलिस और प्रशासन की टीम जगह-जगह बैरिकेडिंग लगाकर जवानों की तैनाती की है, ताकि कोई भगदड़ ना हो और श्रध्दालु शांति से खप्पर के दर्शन कर सके.

कवर्धा की डेढ़ सौ साल पुरानी परंपरा
कवर्धा में खप्पर निकालने की परंपरा : कवर्धा मे खप्पर निकलने की परंपरा 150 साल बाद भी जारी है. नवरात्रि के अष्टमी की मध्य रात 12 बजे एक हाथ में तलवार और दूसरे हाथ में जलता हुआ आग का खप्पर लिए देवी स्वरूप नगर भ्रमण करती है. आखिरी में अपने मंदिर मे जाकर देवी मां शांत हो जाती है. जिसके दर्शन करने लोग दूर-दूर से आते है. खप्पर के निकलने वाले रास्ते पर अंधेरे में खड़े होकर लोग देवी का दर्शन करते हैं.

कवर्धा की डेढ़ सौ साल पुरानी परंपरा: मंदिर के पुजारी बताते है कि यह परंपरा 150 साल पुरानी (One hundred and fifty years old tradition of Kawardha ) है . पहले के दिनों में नगर मे हैजा, महामारी, अकाल ,भुखमरी जैसे कई मुश्किल आती थी. इन्हीं अड़चनों को दूर करने के लिए अष्टमी की रात्रि माता मंदिर से निकलकर पूरे नगर को बांध देती थी. जिसके बाद प्रकोप से छुटकारा मिल जाता था. इस दौरान मंदिर के पुजारी पंडा मंदिर समिति खप्पर के पीछे-पीछे नगर में घूमते हैं ताकि कहीं देवी माता नाराज हो जाए तो उनकी तत्काल पूजा करके शांत किया जा सके.

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खप्पर दर्शन में भीड़ की संभावना : पिछले दो वर्षों से कोरोनाकाल के कारण लोग खप्पर का दर्शन करने से वंचित रह गए थे. इस बार शहर में अधिक भीड़ इकट्ठा होने की संभावाना है . जिला प्रशासन ने मंदिर समितियों की बैठक लेकर कार्यक्रम की रुप रेखा निर्धारित की है. खप्पर के गुजरने वाले मार्ग को आम लोगों के लिए बंद किया जाएगा. किसी भी तरह का उपद्रव ना हो इसलिए पुलिस बल की तैनाती अधिक संख्या में की गई है.जिला कलेक्टर रमेश कुमार शर्मा और पुलिस अधीक्षक लाल उमेंद सिंह समेत मंदिर समिति इस कार्यक्रम की निगरानी करेंगे.

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