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लाखों के घोटालेबाज महिला पुलिसकर्मी पर महकमा मेहरबान, बिना FIR ही चल रही जांच

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Published : Jul 12, 2022, 7:37 PM IST

Bilaspur GPF scam is being investigated without FIR
लाखों के घोटालेबाज महिला पुलिसकर्मी पर महकमा मेहरबान

बिलासपुर एसपी के जीपीएफ में 85 लाख का घोटाला हो गया.लेकिन दोषी पर पुलिस महकमा मेहरबान (Bilaspur GPF scam is being investigated without FIR) है.

बिलासपुर : एसपी ऑफिस के जीपीएफ शाखा में हुए 85 लाख रुपए के जीपीएफ घोटाले पर अब तक एफआईआर नही हो पाया (Bilaspur GPF scam is being investigated without FIR) है. आरोपी महिला को एसएसपी ने केवल लाइन अटैच कर दिया है और जांच की बात कह रही हैं. इधर पुलिस जांच के नाम पर केवल खानापूर्ति ही कर रही है. जीपीएफ शाखा की महिला एएसआई (Allegations on female ASI of Bilaspur GPF branch) के साथ कई लोगों के शामिल होने की संभावनाएं जताई जा रही है. इतने बड़े घोटाले में पुलिस की लचर कार्रवाई कई संदेह को जन्म दे रहा है. लगभग आधा दर्जन पुलिस कर्मियों के जीपीएफ दस्तावेजो में काट छांट किया गया है.

लाखों के घोटालेबाज महिला पुलिसकर्मी पर महकमा मेहरबान !

कितने का घोटाला : गड़बड़ घोटाला और लॉ इन आर्डर संभालने वाली पुलिस अब खुद अपने ही विभाग के कर्मचारियों के द्वारा ठगी जा रही हैं. एसपी ऑफिस में जीपीएफ शाखा में पुलिस कर्मियों के जीपीएफ से 85 लाख रुपए की गड़बड़ी का मामला सामने आया है. मूल दस्तावेजों में काट छांट और कई कूट रचना कर इतने बड़े घोटाले को अंजाम दिया गया है. अब मामला सामने आने के बाद भी विभाग ने प्रथम दृष्टया दोषी पाई गई एक महिला एएसआई को लाइन अटैच किया (Female ASI line attached in Bilaspur) है और जांच शुरू कर दी है.

अब तक नहीं की कार्रवाई : इस मामले में पुलिस महकमे ने लाइन अटैच के अलावा कोई बड़ी कार्रवाई दोषी कर्मचारी पर नहीं किया है. जबकि यही कोई अन्य विभागों में गबन का मामला सामने आने के बाद FIR होने के बाद कार्रवाई शुरु की जाती. पुलिस विभाग बिना FIR के ही जांच कर रहा है. इन सब चीजों को देखकर मामले में कई संदेह जन्म ले रहा है. यदि ऐसे ही रहा तो जिन कर्मचारियों के जीपीएफ से पैसा गया है उन्हें आर्थिक नुकसान तो होगा ही साथ ही मामला आया गया भी हो सकता है. इस मामले में एसएसपी पारुल माथुर (SSP Parul Mathur) का कहना है कि ''अभी जांच चल रही है. पूरी जांच नियमानुसार की जा रही है. पहले मामले में जांच होगी उसके बाद दोष सिद्ध होने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.


10 दिन में भी नही हो पाई है जांच पूरी : जीपीएफ घोटाले में 10 दिन से भी ज्यादा हो चुके हैं, लेकिन जांच अब तक पूरी नहीं हो पाई है. जीपीएफ घोटाला में दोषी पाई गई महिला अधिकारी एएसआई को लाइन अटैच कर दिया है, लेकिन लाइन अटैच सामान्य प्रक्रिया भी मानी जाती है. 85 लाख के इतने बड़े घोटाले में विभाग ने ना तो दोषी महिला अधिकारी को निलंबित किया है और ना ही किसी प्रकार की रिपोर्ट लिखी है. ऐसे में यह भी हो सकता है कि वह महिला अधिकारी जांच को प्रभावित कर सकती है.

कई और पुलिस कर्मियों के शामिल होने की संभावना : एसएसपी पारुल माथुर ने बातचीत में बताया कि ''जिन पुलिसकर्मियों ने 3-4 लाख रुपए जीपीएफ खाते से मांग की थी और उन्हें एक साथ 12 से 15 लाख रुपए मिल गए थे. इससे यह समझ में आता है कि इस घोटाले में और कई पुलिसकर्मियों की संलिप्तता है. इसी संलिप्ता के मद्देनजर जांच चल रही है. मामले में जांच के बाद कई और लोगों के घोटाले में शामिल होने की बात सामने आएगी. एसएसपी पारुल माथुर ने कहा कि फिलहाल जांच कार्रवाई चल रही है और जल्द ही पूरे मामले की गुत्थी सुलझ जाएगी.

क्या है पूरा मामला :पुलिस ऑफिस में आधा दर्जन पुलिस कर्मियों की भविष्य निधि के दस्तावेजो में कांट छांट कर लगभग 85 लाख रुपए का गबन किया गया है. मामले के सामने आते ही खलबली मच गई है. इस पूरे मामले में एसपी ऑफिस के पीएफ शाखा में पदस्थ महिला एएसआई मधुशाला सुरजाल को जिम्मेदार माना जा रहा है. अब तक कि जाँच में पाया गया है कि इसमें कई गड़बड़ियां की गई है. राशि की एंट्री करने में गड़बड़ी कर लाखों रुपए का गबन हुआ है. पीएफ और जीपीएफ की राशि भुगतान करने में गड़बड़ी, रिकॉर्ड में हेराफेरी की गई है. मामले का तब खुलासा हुआ जब एंट्री बुक में कांट छांट और व्हाइटनर लगा हुआ मिला. साथ ही दस्तावेजों के मिलान पर अलग अलग चीजें सामने आई.

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