मोतिहारी में प्रशांत किशोर ने कहा- 'बिहार के नेताओं की आदत है, कुछ भी कहिए और निकल लीजिए'

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Published : Nov 19, 2022, 10:05 PM IST

प्रशांत किशोर

जनसुराज यात्रा पर निकले प्रशांत किशोर ( Prashant Kishore Padyatra) पूर्वी चंपारण जिला में पहुंचे. इस दौरान पत्रकारों से बात करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा बिहार में नेताओं की आदत हो गई है कि कुछ भी कहिए और निकल लीजिए. क्योंकि राज्य में वोट तो जात पात और धर्म संप्रदाय पर ही होनी है.

मोतिहारी: जन सुराज पदयात्रा (Jan Suraj Padyatra ) पर निकले प्रशांत किशोर का काफिला शुक्रवार को देर शाम में पूर्वी चंपारण पहुंचा. पहाड़पुर के नोनिया गांव से जिला में प्रवेश किया. पदयात्रा ने मखनिया गांव में रात्रि विश्राम किया और शनिवार को गांव के लोगों से प्रशांत किशोर ने संवाद किया. प्रशांत किशोर ने मखनिया गांव में ही संवाददाता सम्मेलन आयोजित कर मीडियाकर्मियों को संबोधित किया.

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नौकरी देने की घोषणा पर तंजः प्रेस को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने बिहार के महागठबंधन सरकार के दस लाख लोगों को नौकरी देने की घोषणा पर तंज (Prashant Kishore taunt on announcement of job ) कसा. प्रशांत किशोर ने कहा बिहार में नेताओं की आदत हो गई है कि कुछ भी कहिए और निकल लीजिए. क्योंकि राज्य में वोट तो जात पात और धर्म संप्रदाय पर ही होनी है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने 10 लाख युवाओं को नौकरी देने की घोषणा की है.

नीतीश के समर्थन में सारा कार्यक्रम वापस ले लूंगाः तेजस्वी ने चुनाव प्रचार के दौरान 20 लाख लोगों को नौकरी देने का वादा किया था. तेजस्वी यादव की बातों को गंभीरता से नहीं लेता हूं. लेकिन पंद्रह सालों से मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठे नीतीश कुमार एक साल में दस लाख लोगों को जाली नियुक्तिपत्र बांटकर भी नौकरी नहीं दे सकते हैं. अगर वह दस लाख लोगों को नौकरी दे देंगे, तो मुझे बिहार में राजनीति करने की जरुरत नहीं पड़ेगी और मैं नीतीश कुमार के समर्थन में अपना सारा कार्यक्रम वापस ले लूंगा. प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार के दस लाख नौकरी देने की घोषणा पर कहा कि यह संभव नहीं है, क्योंकि वेतन देने के लिए पैसे कहां से आयेंगे.

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सामूहिक प्रयास की जरूरतः रेवेन्यू जेनरेट करने का साधन नहीं है. नियोजित शिक्षकों को केंद्र से पैसा मिलने के बाद कैबिनेट से पास करके सरकार वेतन देती है. प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार की दशा और दिशा सुधारने के लिए सामूहिक प्रयास की जरूरत है. कोई एक व्यक्ति और एक दल बिहार की स्थिति नहीं सुधार सकता है. सभी समाज के लोगों को मिलकर बिहार के विकास में सहयोग करना होगा.

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