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अस्पताल में ठेले पर हुई मरीज की जांच, मौत के बाद भी नहीं मिला एंबुलेंस.. शव को वापस ठेले से ले गए परिजन

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Published : Dec 29, 2022, 4:15 PM IST

वैशाली में एंबुलेंस नहीं मिलने पर ठेले पर मरीज को लेकर परिजन महनार स्वस्थ्य केंद्र (patient reached hospital on handcart in Vaishali) पहुंचे. ठेले पर ही डॉक्टर ने उसकी जांच की और मृत घोषित किया. इसके बाद फिर एंबुलेंस नहीं मिला तो ठेले पर ही शव को घर ले जाया गया. यह हाल वैशाली में स्वास्थ्य महकमे का है. पढ़ें पूरी खबर..

वैशाली में ठेले पर अस्पताल पहुंचा मरीज
वैशाली में ठेले पर अस्पताल पहुंचा मरीज

वैशाली में ठेले पर अस्पताल पहुंचा मरीज

वैशालीः बिहार के वैशाली में बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था की (Bad health system in Vaishali) एक और बानगी देखने को मिला. वैशाली के महनार में एक व्यक्ति को इलाज के लिए परिजन ठेले पर लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे. ठेले पर मरीज को अस्पताल लेकर आने की बात तो समझ में आता है, लेकिन उसके बाद जो हुआ वह हैरान करने वाला है. अस्पताल पहुंचने पर ठेले पर ही मरीज का इलाज किया गया. फिर उसे मृत घोषित कर बिना एंबुलेंस के ठेले पर ही घर भेज दिया गया.

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परिजन ठेले से लेकर पहुंचे अस्पतालः मृतक के परिजनों से मिली जानकारी के अनुसार महनार के देशराजपुर निवासी अरुण पासवान की तबीयत अचानक बिगड़ गई. उसे चिंताजनक हाल में परिजन ठेले पर लेकर महनार पीएचसी पहुंचे. यहां ठेले पर ही महनार पीएचसी के डॉक्टर ने इलाज किया और ठेले पर ही उसकी मौत हो गई. फिर ठेले से ही परिजन अरुण के शव को लेकर घर चले गए.

एडमिट किये बिना ठेले पर ही हुआ इलाजः अब इस घटना के बाद ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि क्या मरीज को अस्पताल के अंदर नहीं ले जाना चाहिए था? क्या मरने के बाद अस्पताल प्रशासन को एम्बुलेंस से शव नहीं भेजना चाहिए था? बहरहाल सवाल तो कई हैं, लेकिन जवाब हर बार एक सा ही आता है कि जांच कर कार्रवाई की जाएगी. लिहाजा बार-बार अस्पताल के बदहाली की तस्वीर सामने आती है लेकिन न तो अस्पताल की व्यवस्था सुधर रही है और न अस्पतालकर्मियों और चिकित्सकों का रवैया.

मरीज की मौत के बाद नहीं हुई एंबुलेस की व्यवस्थाः इस विषय में मृतक के परिजन टुनटुन पासवान ने बताया कि मरीज को ठेले पर लेकर के आए थे. ठेले पर ही डॉक्टर ने चेक किया था. मौत के बाद शव को ले जाने के लिए एंबुलेंस की मांग की गई, लेकिन दो एंबुलेंस होने के बावजूद एंबुलेंस नहीं दिया गया. बोला क्या कि आप खुद एंबुलेंस वाले से बात कर लीजिए. तब शव को भी ठेले से ले जाया गया.

"मरीज को ठेले पर लेकर के आए थे. ठेले पर ही डॉक्टर ने चेक किया था. मौत के बाद शव को ले जाने के लिए एंबुलेंस की मांग की गई. लेकिन दो एंबुलेंस होने के बावजूद एंबुलेंस नहीं दिया गया. बोला गया कि आप खुद एंबुलेंस वाले से बात कर लीजिए. ऐसे में शव को भी ठेले से हमलोग लेकर चले गए " - टुनटुन पासवान, मृतक के चाचा.

प्रभारी चिकित्सक ने कहा, नहीं है शव वाहनः इस बाबत महनार समुदायिक केंद्र के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. सीताराम सिंह ने बताया कि उन्हें इस विषय में ज्यादा जानकारी नहीं है. उन्हें इतना पता है कि मरीज गेट तक ही आया था. अंदर आता तो एडमिट किया जाता. महनार स्वास्थ्य केंद्र में शव वाहन नहीं है. शव वाहन के लिए जिला में संपर्क करना चाहिए था. इन सबके बीच सबसे बड़ा सवाल यह है कि जिसके घर का कोई सदस्य गुजर गया हो. वह शव वाहन और एंबुलेंस के लिए महनार से 35 किलोमीटर दूर हाजीपुर में संपर्क करेगा अथवा किसी तरह शव को लेकर अंतिम संस्कार के लिए घर जाएगा.

"इस विषय में ज्यादा जानकारी नहीं है. मुझे इतना पता है कि मरीज गेट तक ही आया था अंदर आता तो एडमिट किया जाता. महनार स्वास्थ्य केंद्र में शव वाहन नहीं है. शव वाहन के लिए जिला में संपर्क करना चाहिए था" - डॉ. सीताराम सिंह, प्रभार चिकित्सा पदाधिकारी, महनार.

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