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शादी की उम्र 18 से बढ़ाकर 21 : छात्राओं ने कहा- अब एजुकेशन पर ज्यादा फोकस कर सकेंगी लड़कियां

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Published : Dec 23, 2021, 7:44 AM IST

शादी की उम्र 18 से बढ़ाकर 21
शादी की उम्र 18 से बढ़ाकर 21

शादी की उम्र 18 से बढ़ाकर 21 (Minimum Age Of Marriage For Girls) किए जाने पर जमुनी लाल कॉलेज की छात्राओं ने अपने विचारों को साझा किया. छात्राओं ने कहा कि हम लड़किया इस बिल से बहुत खुश हैं. पढ़ें पूरी रिपोर्ट...

वैशाली: बिहार के वैशाली जिले के हाजीपुर के जमुनी लाल कॉलेज में छात्राओं ने मिलकर एक गोष्ठी का आयोजन किया. जहां सभी छात्राएं आपस में ही एक दूसरे से विचार साझा करती नजर आई. इन छात्राओं के गोष्ठी का विषय था 'भारत सरकार द्वारा बेटियों की शादी की उम्र बढ़ाकर 18 से 21 वर्ष (Marriage Of Girls From 18 To 21) किया जाने वाला बिल'. जमुनी लाल कॉलेज में अविवाहित छात्राओं के साथ-साथ विवाहित छात्राएं भी थी. छात्राएं लड़कियों की उम्र सीमा बढ़ाए जाने वाले भारत सरकार के बिल के पुरजोर समर्थ में दिखीं.

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छात्रों का मानना है कि 18 वर्ष की उम्र में शादी हो जाने से उनकी शिक्षा अधूरी रह जाती है. वहीं, शादी की उम्र बढ़ाकर 21 वर्ष किए जाने से छात्राओं की शिक्षा व्यवस्था बेहतर हो सकेगी. इस मामले पर कई छात्राओं ने तो यहां तक कहा कि सरकार को शादी की उम्र 21 वर्ष से भी ज्यादा बढ़ानी चाहिए.

देखें रिपोर्ट.

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छात्राओं का कहना है कि कुछ लड़कियां प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करती हैं. शादी हो जाने के बाद उनको इसमें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. वहीं मौके पर मौजूद एक शादीशुदा छात्रा ने बताया कि शादी के बाद भी उनकी पढ़ाई जरूर जारी है लेकिन इसके लिए उन्हें मायका और ससुराल वालों से समर्थन लेना जरूरी हो जाता है. जबकि अनमैरिड लड़कियां स्वतंत्रता से अपनी पढ़ाई पूरी कर सकती हैं.

'शादी की उम्र 18 से 21 होने पर लड़कियां अपने एजुकेशन पर ज्यादा फोकस कर सकेंगी. हमलोगों के ऊपर कोई भी शादी करने का दबाव नहीं बना सकेगा. हमारी शादी तो 18 वर्ष में हो गयी थी. लेकिन 18 के उम्र में मेनटली मैच्योर नहीं हो पाती हैं. सही उम्र में शादी होने से लड़कियां सेल्फ डिपेंडे हो जाती है. जिससे उनका भविष्य भी अच्छा होता है.' -उजाला कुमारी, छात्रा

बता दें कि भारत सरकार का बेटियों की शादी की अधिकतम उम्र 18 साल से बढ़ाकर 21 वर्ष कर देने के पीछे का लक्ष्य देश की बेटियों को उच्च शिक्षा देना है. इसके साथ ही वह शारीरिक और मानसिक रूप से और मजबूत हो सकेंगी. जिससे उनका गृहस्थ जीवन भी बेहतर हो पाएगा. शायद यही कारण है कि हाजीपुर जैसे छोटे शहर की छात्राएं भी इस बिल को लेकर काफी उत्साहित हैं. देखने वाली बात यह होगी कि बिल पास होने के बाद देश की बेटियों में कितनी तेजी से और कितना ज्यादा इस बिल का फायदा पहुंचता है.

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