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मां ने परिवार वालों से लड़कर बेटी को दिलाया न्याय, मासूम से दुष्कर्म के आरोपी फुफेरे भाई को कोर्ट ने माना दोषी

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Published : Jan 18, 2022, 10:36 PM IST

वैशाली में 6 वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म के आरोपी फुफेरे भाई को न्यायालय ने दोषी माना है. (Court Convicted Accused of Girl Misbehave case in Vaishali) दुष्कर्म के इस मामले में एसपी की पहल पर पांच दिनों बाद प्राथमिकी दर्ज हुई थी. 13 जनवरी 2017 की ये वारदात है. पढ़िए पूरी खबर..

मां ने परिवार वालों से लड़कर बेटी को दिलाई न्याय
मां ने परिवार वालों से लड़कर बेटी को दिलाई न्याय

वैशाली: बिहार के वैशाली में मासूम से दुष्कर्म (Girl Misbehave in Vaishali) के गुनाहगार को न्यायालय ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दोषी करार दिया है. विशेष न्यायाधीश पास्को सह एडीजे- 6 आशुतोष कुमार झा (Special Judge Pasco Ashutosh Kumar Jha) की कोर्ट ने मोहम्मद सद्दाम हुसैन उर्फ भिंडी को दोषी करार दिया है.

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कोर्ट ने सजा के बिंदु पर सुनवाई के लिए 21 जनवरी की तिथि निर्धारित की है. पाक्सो एक्ट के स्पेशल पीपी मनोज कुमार शर्मा ने बताया कि मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म के मामले में महिला थाना में कांड संख्या 01/17 दर्ज हुआ था. नगर क्षेत्र के निवासी पीड़ित बच्ची की मां ने महिला थाना में आवेदन देकर आरोप लगाया था.

'13 जनवरी 2017 को सुबह पीड़ित बच्ची की मां रेलवे ड्यूटी चली गई थी. घर में 6 वर्षीय पुत्री 9 वर्षीय पुत्र एवं इन दोनों की देखने के लिए अपनी बहन की बेटी को रखा था. उस दिन दोपहर में बच्ची बाथरूम में स्नान कर रही थी. इसी दौरान पीड़ित बच्ची के फुफेरे भाई आरोपित मोहम्मद सद्दाम हुसैन ने बच्ची को अकेला पाकर बहला-फुसलाकर उसे छत पर ले गया और जबरदस्ती दुष्कर्म किया. पीड़ित बच्ची ने घटना की जानकारी अपने दादा दादी को दी. लेकिन सभी चुप रहे.' - मनोज कुमार शर्मा, स्पेशल पीपी, पाक्सो एक्ट

स्पेशल पीपी मनोज कुमार शर्मा ने बताया कि पीड़ित बच्ची की मां जब ड्यूटी से वापस लौटी तो बच्ची ने घटना की जानकारी दी. पीड़ित की मां ने अपने ससुर व सास को बताया. लेकिन, उन दोनों ने अपनी पोती की बातों का विरोध करते हुए आरोपित नाती का पक्ष लिया. मामले को लेकर पीड़िता की मां ने महिला थाने में लिखित आवेदन देकर कार्रवाई करने की मांग की. लेकिन, महिला थाने की दरोगा ने पीड़ित बच्ची के दादा और दादी की गवाही को मानते हुए प्राथमिकी दर्ज नहीं की.

पीड़िता की मां ने तब बच्ची के साथ 18 जनवरी 2017 को एसपी के पास पहुंचकर घटना से संबंधित जानकारी देते हुए कार्रवाई की गुहार लगाई. एसपी की पहल पर महिला थाने में कांड संख्या 01/17 जो 366 भादवि 4, 6, 8 और 10 में पाक्सो एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई. इसके बाद पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. इस विषय में विशेष लोक अभियोजक मनोज कुमार शर्मा ने पीड़ित बच्ची की मां समेत छह गवाहों की गवाही कोर्ट में पेश किया. जबकि, बचाव पक्ष की ओर से बच्ची की दादा, बुआ और एक अन्य लोगों ने गवाही दी. इसी आधार पर अदालत ने अभियुक्त को दोषी करार दिया है.

बताया जा रहा है कि बच्ची के साथ फुफेरे भाई ने दुष्कर्म किया था और ज्यादातर घर के लोग दुष्कर्म करने वाले के पक्ष में थे. ऐसे में पीड़ित बच्ची की मां ने जिस बहादुरी से अपनी बच्ची को इंसाफ दिलाने के लिए लड़ाई लड़ी. यह वाकई काबिले तारीफ है. साथ ही जिस तरह घरवाले और महिला थाने का सपोर्ट नहीं मिलने के बावजूद महिला ने हार नहीं मानी और केस में उसकी जीत हुई. यह मामला एक मिसाल जरूर पेश कर रहा है.


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