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बंध्याकरण के बाद भी महिला हुई गर्भवती, शिकायत पर स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी ने कहा- गिरा दो बच्चा

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Published : Mar 28, 2021, 6:08 PM IST

अरियरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में बंध्याकरण कराने के बाद भी महिला गर्भवती हो गई. जिसके बाद उसके पति ने प्रभारी से शिकायत की थी, तो प्रभारी ने कहा कि बच्चा नहीं चाहिए तो गर्भपात करा लो.

बंध्याकरण के बाद भी महिला हुई गर्भवती
बंध्याकरण के बाद भी महिला हुई गर्भवती

शेखपुरा : स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली पर एक बार फिर बड़ा सवाल उठा है. बंध्याकरण के बाद एक महिला बच्ची को जन्म दिया है. हैरानी की बात यह है कि जब महिला ने डॉक्टरों से पूछा कि ऐसा क्यों हुआ तो डॉक्टर साहब ने कहा कि अगर बच्चा नहीं चाहिए तो गिरा दो. लेकिन महिला ने ऐसा नहीं किया और उसने एक बच्ची को जन्म दिया. अब सवाल उठ रहा है कि क्या ऐसे लापरवार डॉक्टर पर सरकार कार्रवाई करेगी जो भ्रूण हत्या की बात करता है.

बंध्याकरण के बाद भी महिला ने बच्ची को दिया जन्म
दरअसल, 31 जुलाई 2020 को अरियरी प्रखंड की महिला नीरा देवी ने परिवार नियोजन के तहत अरियरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉ. वीरमणि भारती से अपना बंध्याकरण करवाया था. ऑपरेशन के तीन माह बाद महिला को शक हुआ तो उसने निजी क्लीनिक में जांच कराई. जिसमें यह पता चला कि पेट में डेढ़ माह की बच्ची पल रही है. महिला ने अपने पति को इसकी जानकारी दी. बाद में महिला के पति ने इसकी शिकायत प्रभारी डॉ. महेंद्र कुमार से की. तो उन्होंने कहा कि अगर बच्चा नहीं चाहिए तो गर्भ को गिरा दो. लेकिन महिला और उसके पति ने ऐसा नहीं किया और 9 माह बाद महिला ने एक स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया है. जिसके बाद महिला के पति ने इसकी शिकायत सिविल सर्जन से किया. वहीं, सिविल सर्जन ने इस मामले को बेहद गंभीर बताते हुए जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई की बात कही है.

जुलाई 2020 को महिला ने कराया था बंध्याकरण ऑपरेशन
सिविल सर्जन से शिकायत करने पहुंची महिला के पति सुनील पासवान ने कहा कि पहले से दो पुत्री और एक पुत्र है. लिहाजा उसने 31 जुलाई 2020 को अरियरी के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में अपनी पत्नी का बंध्याकरण ऑपरेशन करवाया था. जिसके बाद वह काम के सिलसिले को लेकर दिल्ली चले गए. तीन महीने बाद उसकी पत्नी ने कहा कि उसे काफी उल्टी हो रहा है. उसे शक हुआ तो वह बरबीघा के एक निजी क्लिनिक में जांच के लिए पहुंची. जहां चिकित्सक ने अल्ट्रा साउंड करवाया तब पता चला कि उसके पेट में डेढ़ माह का गर्भ पल रहा है.

प्रभारी ने कहा गिरा दो बच्चा
वहीं, इसकी शिकायत करने प्रभारी डॉ. महेंद्र कुमार ने कहा कि अगर बच्चा नहीं चाहिए तो गर्भ को गिरा दो. जिस पर उसके पति ने कहा कि भूर्ण हत्या पाप है. वह बच्चा को नहीं गिराएंगे और वरीय अधिकारी से शिकायत करेंगे. जिस पर प्रभारी ने कहा कि आपको जहां शिकायत करना है कीजिए. उन्हें को फर्क नहीं पड़ता है. वहीं, नौ माह बाद महिला ने एक स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया है. जिसके बाद उसके पति ने इसकी शिकायत सिविल सर्जन से की.

न्यायालय में करेंगे मानहानि का दावा
महिला के पति सुनील पासवान ने कहा कि यदि उक्त डॉक्टर एवं प्रभारी पर स्वास्थ्य विभाग की तरफ से कठोर कार्रवाई नहीं किया जाता है तो उक्त लोगों के विरुद्ध न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे. उन्होंने कहा कि एक तो डॉ.वीरमणि भारती द्वारा गलत ऑपरेशन किया जाता है और वहीं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. महेंद्र कुमार भ्रूण हत्या करने की बात कहते हैं.

मामला है बेहद गंभीर, दोषियों पर होगी कार्रवाई
वहीं, इस मामले को सिविल सर्जन डॉ.कृष्ण मुरारी प्रसाद सिंह ने कहा कि प्रथम दृष्टया यह मामला काफी गंभीर है और उससे गंभीर यह है कि किसी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के द्वारा गर्भ गिराने की बात कहना. उन्होंने कहा कि उक्त सभी बिंदुओं पर जांच करवाई जाएगी. दोषी लोगों को किसी भी कीमत पर नहीं बख्शा जाएगा. सिविल सर्जन ने कहा कि वह स्वास्थ्य व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए कृतसंकल्पित है, लेकिन कुछ डॉक्टरों की लापरवाही के कारण पूरे स्वास्थ्य व्यवस्था को शर्मिंदगी उठानी पड़ती है.

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