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छपरा: सदर अस्पताल में नहीं है साफ पानी की व्यवस्था, गंदा पानी पीने को मजबूर मरीज

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Published : Sep 14, 2019, 5:30 AM IST

सदर अस्पताल परिसर में पानी टंकी का निर्माण तकरीबन दस साल पहले किया गया था. लेकिन अब पानी के सप्लाई वाला पाईप कई जगहों से टूट चुका है. लेकिन अभी तक पाइप का मरम्मत नहीं किया गया है. पाइप के टूटे होने के कारण साफ पानी टंकी में नहीं पहुंच पाता है.

सदर अस्पताल छपरा

छपरा: जिले के सदर अस्पताल में पीने के लिए साफ पानी नहीं मिल रहा है. अस्पताल में शुद्ध पानी नहीं मिलने से डॉक्टरों और मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. अस्पताल में काम करने वाले सभी कर्मचारी गंदा पानी पीने को मजबूर हैं. ऐसे में कर्मचारियों को पीने का पानी बाहर से खरीद कर लाना पड़ता है. वहीं, इलाज करवाने आए मरीजों को भी गंदे पानी के साथ ही दवा लेना पड़ता है.

छपरा
पाइप टूटने के कारण गड्ढे में जमा हुआ पानी

पानी सप्लाई का पाइप कई जगह टूटा
सदर अस्पताल परिसर में पानी टंकी का निर्माण तकरीबन दस साल पहले किया गया था. लेकिन अब पानी के सप्लाई वाला पाईप कई जगहों पर टूट चुका है. लेकिन पाइप का मरम्मत नहीं किया गया. पाइप के टूटे होने के वजह से साफ पानी टंकी में नहीं पहुंच पाता है. इस कारण से गंदा पानी को ही पानी टंकी में बोरिंग के सहायता से भर दिया जाता है और वही गंदा पानी की अस्पताल के सभी विभागों में सप्लाई की जाती है.

सदर अस्पताल में साफ पानी की व्यवस्था नहीं है

नहीं है कोई भी मेंटेनेंस कर्मी
सदर अस्पताल के ब्लड बैंक विभाग के एक कर्मी ने बताया कि दस साल पहले पानी टंकी का निर्माण करवाया गया था. लेकिन आज तक किसी भी विभाग ने इसके मेंटेनेंस के लिए कोई व्यवस्था नहीं की है. वहीं, जिस कमरे में बोरिंग लगा हुआ है वहां स्टाफ के नहीं होने से उसका दरवाजा हमेशा खुला रहता है. इसी कारण कोई भी यहां आता-जाता रहता है. इतनी सारी परेशानी होने के बाद भी सदर अस्पताल का प्रबंधन साफ पानी की व्यवस्था करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है.

Intro:डे प्लान वाली ख़बर हैं
SLUG:-7 NISHCHAY YOJNA HUA NAKARA
ETV BHARAT NEWS DESK
F.M:-DHARMENDRA KUMAR RASTOGI/ SARAN/BIHAR

Anchor:-किसी भी तरह के बीमारियों का ईलाज स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सकों द्वारा किया जाता हैं और शुद्ध पेयजल पीने की सलाह दी जाती हैं क्योंकि शुद्ध जल पीने से कई बीमारियों का ईलाज किया जाता हैं लेकिन वही दूसरी तरह स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सक व कर्मचारियों के अलावे ईलाज कराने वाले मरीज व परिजनों को शुद्ध पेयजल नही मिल रहा हैं जिस कारण स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी अपने अपने घरों से बोतल में पानी लेकर आते है और वही पानी पीते है क्योंकि पानी टंकी द्वारा सप्लाई पानी पीने लायक नही हैं.

सदर अस्पताल परिसर में ही एक पानी टंकी का निर्माण लगभग दस वर्ष पूर्व किया गया हैं लेकिन अब उसका पाईप कई जगह टूट चुका है उसके बावजूद उसका मरम्मत नही किया गया हैं जिससे गंदे पानी को ही पानी टंकी में बोरिंग द्वारा भरा जाता हैं और वही पानी दर्जनों विभागों में सप्लाई की जाती हैं. पानी टँकी के नजदीक ही एक बोरिंग किया गया हैं जिसका देखरेख करने लिए किसी भी कर्मचारी की नियुक्ति नही की गई हैं जिस कारण दरवाजा खुला रहता हैं इतना ही नही बल्कि दरवाजा होने के बावजूद उसको बंद करने के लिए कोई व्यवस्था नही की गई हैं.

Body:सदर अस्पताल के ब्लड बैंक के एक स्वास्थ्यकर्मी धर्मवीर कुमार ने ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत में बताया कि विगत दस वर्ष पूर्व पानी टंकी का निर्माण किया गया हैं लेकिन आज तक किसी भी विभाग द्वारा ऑपरेटर की व्यवस्था नही की गई हैं जिस कारण दरवाजा बंद करने के लिए ताला नही लगता हैं जिसका मर्जी होता हैं वही आकर बोरिंग को चालू कर पानी टंकी को भर देता हैं लेकिन पानी की शुद्धता के बारे में किसी को परवाह नही होता हैं. जिस कारण जहां बीमारियों के ईलाज होना चाहिए वही पर गंदे पानी के कारण बीमारियों को बुलावा देने का काम खुद स्वास्थ्य विभाग के द्वारा किया जा रहा है.

Byte:-धर्मवीर कुमार, ब्लड बैंक कर्मी, सदर अस्पताल, छपरा
धर्मेन्द्र कुमार रस्तोगी
Conclusion:मुख्यमंत्री के सात निश्चय योजना को मूर्त रूप देने के लिए विभाग चाहे लाख उपाय कर लें लेकिन धरातल पर उताड़ने के लिए अभी भी सख़्ती से कार्य करना पड़ेगा तभी मुख्यमंत्री के सपनों को पूरा किया जा सकता हैं. सदर अस्पताल परिसर स्थित पानी टंकी से गंदे पानी की सप्लाई लगभग दर्जनों विभागों में किया जाता हैं यहां तक कि सदर अस्पताल के आपातकालीन सेवा के नजदीक कैंटीन में भी गंदे पानी की सप्लाई होती हैं.

सदर अस्पताल परिसर में ही ब्लड बैंक, एड्स विभाग, सिविल सर्जन कार्यालय, मलेरिया विभाग, फलेरिया विभाग, टीवी, सघन बालरोग निदान इकाई (SNCU), मरीजों को बेहतर तरीके से देखभाल के लिए बनाई गई (ICU) गहन देखभाल इकाई, आपातकालीन सेवा, ANM स्कूल, सुलभ शौचालय, विश्व स्वास्थ्य संग़ठन, यूनिसेफ, जिला स्वास्थ्य समिति, पोषण पुनर्वास केंद्र व स्वास्थ्य विभाग के सैकड़ों कर्मचारियों के रहने वाले आवासीय परिसर में इसी पानी टंकी से गंदे पानी की सप्लाई की जाती हैं.
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