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राजद के मनोज झा बोले- अब बापू, नेहरू और लोहिया का यह देश नहीं रहा

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Published : Aug 30, 2019, 10:24 PM IST

सहरसा

सहरसा परिसदन में मीडिया के सवालों के जवाब देते हुए राज्यसभा सांसद मनोज झा ने कई मुद्दों पर एनडीए सरकार को घेरा. उन्होंने कहा कि यह कानून का राज नहीं है.

सहरसा: जिले में राजद के राज्यसभा सांसद मनोज झा दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे हैं. यहां उन्होंने मीडिया के कई सवालों का जवाब दिया. कश्मीर में प्रवेश नहीं मिलने पर उन्होंने कहा कि अब बापू, नेहरू और लोहिया का यह देश नहीं रहा.

मनोज झा ने कहा कि केंद्र सरकार कश्मीर को लेकर हमेशा सामान्य स्थिति बता रही है. लेकिन हमलोगों को वहां जाने से क्यों रोका गया? अपने देश के नागरिकों और सेना से नहीं मिल सकते हैं. इस बात को लेकर दुख है. बीजेपी देश की इतिहास को पढ़े.

राज्यसभा सांसद मनोज झा का बयान

'यह कानून का राज नहीं है'
इसके साथ अनंत सिंह के मामले में उन्होंने कहा कि कानून का राज मतलब कानून होता है. निजाम जब कानून की दिशा बताने लगे. यह कानून का राज नहीं है. यह कानून के खात्मे की इतिहास लिखी जा रही है. कानून अपना काम करे. जो दोषी हो उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई हो. लेकिन सबके लिए एक ही मापदंड हो.

'कुछ तो बात है'
बाढ़ एएसपी लिपि सिंह की ओर से किसी जनप्रतिनिधि की गाड़ी के इस्तेमाल पर मनोज झा ने सरकार को कटघड़े में खड़ा किया. उन्होंने कहा कि अगर ऐसी बात को नजरअंदाज किया जा रहा है. कुछ तो बात है, जिसपर पर्दा डाला जा रहा है.

Intro:दो दिवसीय दौरे पर आज राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता सह राज्यसभा सांसद मनोज झा सहरसा पहुंचे।जहां उन्होंने कश्मीर 370 और तीन तलाक के मुद्दे पर बेबाक बात रखे।वहीं हाल के दिनों में निर्दलीय विधायक अनंत सिंह के घर से AK-47 बरामद मामले में पुलिसिया कार्रवाई को लेकर नीतीश सरकार पर तंज कसते हुए तीखा प्रहार किया।

Body:सहरसा परिसदन जहां राष्ट्रीय प्रवक्ता सह राज्य सभा सांसद मनोज झा ने एक प्रेसवार्ता के दौरान मीडिया से मुखातिब हुए।जहां उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर जाने वाले प्रतिनिधि मंडल का मैं भी हिस्सा था।हमलोगों को बैरंग लौटना इस बात का प्रतीक है के हमारे मुल्क का रंग बदल गया है।बापू, नेहरू, लोहिया और अम्बेडकर का मुल्क नही रहा।हमारे प्रधानमंत्री माननीय गृहमंत्री माननीय राज्यपाल साहब बराबर कहते रहते थे हालात सामान्य है।उन्होंने सवालिये लहजे में कहा जब स्थिति सामान्य है तो मुझे क्यों रोका? क्या मैं अपने नागरिकों से क्योँ नहीं मिल सकते।सेना के अपने जवानों से नही मिल सकते जो मुश्किल हालात में है।अपने पूर्व मुख्यमंत्रीयों से एवं पॉलिटिकल पार्टी के लीडरों से नही मिल सकते हैं।फिर आप चाहते और कहते हैं कि स्थिति सामान्य है।हम तो ये समझते हैं सरकार ने बड़ा मौका चूक दिया अपने हाथों से।विदेशी मीडिया में जो कश्मीर को लेकर जो छप रही है अगर हमें मिलने की इजाजत दी जाती तो उन रिपोर्ट पे लोग शक करती अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मेरी सरकार हम लोगों के जाने की महत्वा को समझ नहीं पायी। जिस कारण मुझे इस बात का दुख है।रही बात धारा 370 की तो हम लोग जेपी के लोग हैं मैंने सदन में भी जेपी की चिठ्ठी पढ़ कर सुनाई 56 में जवाहर लाल के नाम से 66 मे इंद्रा जी के नाम से मैं तो ये भी आग्रह करूँगा प्रधानमंत्री और गृहमंत्री जी से के आप एक बार चिठ्ठी पढ़िए इतिहास को जानना और समझना जरूरी होता है।क्योंकि जो आप लोगो को जानकारी है इतिहास की वो नागपुर के संस्करण वाले 25 पन्नो की वो किताब है जिसमे सच कुछ नहीं है।
वहीं अनंत सिंह मामले पर प्रशासनिक करवाई पर प्रश्न चिन्ह खड़ा करते हुए उन्होंने कहा कानून के राज का मतलब है कानून का निजाम।लेकिन जब निजाम ही कानून की दिशा बताने लगे आज इस छत पर जाओ कल उस छत पर जाओ।जब निजाम यह स्क्रिप्ट पकड़ाने लगे तो ये कानून का निजाम नहीं होते।ये कानून की खात्मे का इबारत लिखी जा रही है।कानून अपना काम करे जो दोषी है चाहे कोई भी हो उसे सख्त से सख्त से सजा मिले।लेकिन वो मानक बराबर हो सबके लिए ये नही की इसको ऑरवेल की भाषा में बोल सकते हैं सब बराबर है लेकिन कुछ अन्य से ज्यादा बराबर है।
वहीं बाढ़ एसपी द्वारा किसी मंत्री के गाड़ी के इस्तेमाल मामले पर भी उन्होंने टिप्पणी करते हुये सरकार व सरकारी तंत्र को कठघरे में खड़ा किया।Conclusion:राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता सह राज्यसभा सांसद मनोज झा ने इस बार भी केंद्र व राज्य सरकार को विभिन्न मुद्दों पर कठघरे में खड़ा करने का ना सिर्फ प्रयास किया बल्कि अपनी तार्किक बातों से उन्हें आईना दिखाया।
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